पांच साल में छिन गई आईपैड की सत्ता
एप्पल के लिए अब आईपैड का मतलब बदल चुका है. कभी मोबाइल और लैपटॉप के बीच के गैप को भरने के लिए इस इंटरफेस गैजेट ने दुनियाभर में धूम मचाई लेकिन जल्द मोबाइल फोन ने अपनी खोई हुई जमीन वापस छीन ली...
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भारत में आईफोन 6 एस लॉच के बाद एप्पल ने अपना नेक्स्ट जेनरेशन आईपैड लांच कर दिया है. एप्पल ने आईपैड की शुरुआत 2010 में यह सोच कर किया था कि वह डेस्कüटॉप और लैपटॉप से ज्यापदा उपयोगी साबित होगा. ऐसा हुआ भी. लेकिन कुछ समय के लिए ही. 2010 में 3 मिलियन आईपैड बेचकर शुरुआत करने के बाद 2014 में लॉच नए वर्जन की 24 मिलियन सेल हुई. लेकिन, अब ये तिलिस्म टूटता जा रहा है. आईपैड की सेल घट गई है.
2014 के मध्य के बाद मानो एप्पल का खुद ही अपने आईपैड पर से भरोसा उठ गया. ऐसा इसलिए क्योंकि 2014 की दूसरी तिमाही के बाद से दुनियाभर में न सिर्फ एप्पल के आईपैड की सेल में गिरावट दर्ज होने लगी बल्कि बाकी कंपनियों के टैबलेट सेल के आंकड़े भी गिरावट दर्ज करने लगे.
आईपैड की लोकप्रियता की घटना की वजह है स्मापर्टफोन में आया एक बदलाव. दरअसल, 4 इंच के स्माीर्टफोन अब औसतन 5 या 5.5 इंच के बीच हो गए हैं. इतनी बड़ी स्क्री न इंटरनेट सर्फिंग से लेकर बाकी के ऑनलाइन काम करने के लिए पर्याप्तं होती है. ऐसे में जिस पोर्टेबिलिटी के वादे के साथ आईपैड ने मार्केट में जगह बनाई थी, अब वही जगह फैबलेट ने ले ली है. एप्पल ने कोशिश की कि आईपैड के स्क्रीन को आधा कर अपने प्रोडक्ट के वजूद को बचाए रखा जाए, लेकिन वह भी कारगर नहीं हुआ. बल्कि मार्केट की डिमांड और नेक्स्ट जेन मोबाइल ने थोड़े बड़े आकार मोबाइल हैंडसेट के लिए मार्केट में जगह बना दी जिसके चलते एप्पल ने अपने आईफोन 6एस के साइज तक को बढ़ा दिया.
लिहाजा, साफ है कि एप्पल को यह एकदम साफ हो चुका है कि टैबलेट के मार्केट से ज्यादा उम्मीद नहीं रखी जा सकती. इसलिए इस बात को मान लेने में ही भलाई है कि आईपैड की बाजार में बादशाहत अब खत्म हो चुकी है. इसी की स्वीेकारोक्ति है बुधवार को भारतीय बाजार में लांच हुआ- आईपैड प्रो. अब सवाल है कि क्यों कोई 75,000 रुपये से लेकर एक लाख रुपये तक खर्च कर इस लगभग 13 इंच के गैजेट को खरीदे. तो आपके सवाल का जवाब इस प्रोडक्ट के नाम में ही मिल जाएगा. जी हां, आम आईपैड यूजर या फिर किसी अन्य कंपनी के टैब यूजर के लिए यह आईपैड प्रो नहीं डिजाइन किया गया है. आईपैड को इंटरनेट ब्राउज करने और वीडियो देखने के गैजट के टैग से हटाकर प्रोडक्टिविटी से जोड़कर देखेंगे. लिहाजा, आप अगर, पेंटर, कार्टूनिस्ट, कोरियोग्राफर, मल्टीमीडिया न्यूज एडिटर, आर्किटेक्ट जैसे किसी अन्य प्रोफेशन में हैं तो यह प्रोडक्ट आपको काम करने की सहूलियत दे सकता है.
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