Easy loan लेना भी कला है, इस पर सिर्फ नीरव मोदी जैसों की मोनोपॉली नहीं है
कई बार लोग सोचते ही रह जाते हैं कि आखिर उनकी लोन एप्लिकेशन रद्द हुई तो कैसे.. इसके कुछ अहम कारण हैं कि बैंक लोन एप्लिकेशन रद्द कर देता है. अगर उनका ध्यान रखा जाए तो नीरव मोदी का घोटाला तो नहीं, लेकिन उसकी तरह आसानी से लोन जरूर मिल सकता है...
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भारत में अब एक नई प्रथा ने जन्म ले लिया है. लोन लेकर भाग जाना. पहले विजय माल्या ने इसे निभाया, ललित मोदी भी पीछे नहीं रहे, फिर नीरव मोदी आए और अब इस कतार में नाम जुड़ गया है रोटोमैक पैन के एमडी विक्रम कोठारी का. किसी भी बैंक का फायदा उसके लोन देने पर ही निर्भर है. जितना ज्यादा लोन, उतना ज्यादा ब्याज. इसलिए बैंक ज्यादा रुचि रखते हैं बड़े आसामियों को पैसा देने में. क्योंकि वे मोटा ब्याज चुकाते हैं. लेकिन इस शेयर में छोटे कर्जदारों की भूमिका भी कम नहीं है. छोटे कर्जदार यानी हम और आप जैसे लोग. अपनी अलग-अलग जरूरतों को पूरा करने के लिए बैंक से लोन की गुहार लगाते हैं. लेकिन कई बार बैंक वाले लोन देने से मना कर देते हैं. लोन एप्लिकेशन रद्द होने पर लोग सोचते ही रह जाते हैं कि आखिर ऐसा क्यों हुआ. इसके कुछ अहम कारण हैं कि बैंक लोन एप्लिकेशन रद्द कर देता है. अगर उनका ध्यान रखा जाए तो नीरव मोदी का घोटाला तो नहीं, लेकिन उसकी तरह आसानी से लोन जरूर मिल सकता है...
क्रेडिट कार्ड पेमेंट और CIBIL स्कोर का ध्यान रखें...
सिबिल स्कोर हर उस लेनदारी के आधार पर बनता है तो किसी भी व्यक्ति को चुकानी हो. ऐसे में जरूरी नहीं कि सिर्फ क्रेडिट कार्ड का बिल ही लोन न मिलने का कारण बने. अगर किसी ने कस्टमर लोन लिया है, या फिर किसी प्रोडक्ट की ईएमआई गलती से भी मिस हो गई है तब भी सिबिल स्कोर पर असर पड़ता है. भले ही एक या दो पेमेंट मिस होने के बाद रकम चुका दी गई हो, लेकिन यकीनन सिबिल स्कोर एक बार बिगड़ने के बाद ठीक होने में काफी समय लग जाता है.
क्रेडिट कार्ड पेमेंट और क्रेडिट स्कोर लोन लेने की प्रक्रिया में सबसे अहम कड़ी है और इसका ध्यान रखना बहुत जरूरी है. एक कार्ड का पेमेंट किसी और कार्ड से करने वालों को भी ध्यान रखना चाहिए कि अपना क्रेडिट कार्ड स्कोर खराब कर वो अपने आसान लोन पाने की गुंजाइश को खत्म कर रहे हैं.
सालों तक क्रेडिट कार्ड बिल को पेंडिंग रख रहे हैं और सिर्फ मिनिमम ड्यू चुका कर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं तो ये गलत है. क्रेडिट कार्ड बिल भी एक तरह का लोन पेमेंट ही होता है और जब आप इसे ठीक से नहीं चुका पाते तो CIBIL स्कोर खराब हो जाता है. बैंक के पास ये बहुत ही स्ट्रॉन्ग कारण होता है लोन एप्लिकेशन रिजेक्ट करने का.
2. किस टाइप का लोन...
लोन का मतलब सिर्फ बैंक से पैसा उधार लेना नहीं होता. बैंक लोन किसी एग्जाम की तरह होता है जहां लेनदार को सही लोन के लिए, सही कागजों के साथ अप्लाई करना होता है. गलत लोन के लिए अप्लाई करने पर एलिजिबिलिटी रद्द कर दी जाती है. होम लोन, एजुकेशन लोन, पर्सनल लोन, कार लोन हर तरह के लोन के लिए अलग नियम और कायदे होते हैं ऐसे में सही लोन के लिए अप्लाई करना जरूरी है.
3. रीपेमेंट और सिक्योरिटी...
कार लोन लेने के लिए कोई अपना घर सिक्योरिटी के तौर पर नहीं दे सकता. एजुकेशन लोन, होम लोन, पर्सनल लोन, कार लोन या कोई अन्य लोन सभी में सिक्योरिटी के तौर पर अलग-अलग नियम होते हैं. अगर कोई बड़ी रकम लोन के तौर पर लेनी है तो सिक्योरिटी के लिए भी कोई ऐसी ही चीज देनी होगी. कई लोन बिना किसी सिक्योरिटी के भी दे दिए जाते हैं, लेकिन इनमें नियम और शर्तें अलग होती हैं. रीपेमेंट का तरीका या सिक्योरिटी सही नहीं है तो इस आधार पर बैंक लोन रद्द कर सकता है.
4. गारंटी देने वाले का सिबिल स्कोर..
अगर कोई लोन लिया जा रहा है, या फिर ज्वाइंट लोन है तो बैंक में गारंटी देने वाला भी चाहिए. अगर लोन गारंटी देने वाले का सिबिल स्कोर सही नहीं है तो बैंक इस आधार पर भी लोन रिजेक्ट कर सकता है. इसके अलावा, किसी भी इंसान का गारंटर बनने से पहले भी ध्यान रखना चाहिए. अगर सामने वाला उसका लोन नहीं चुका पाया तो गारंटर के भरोसे लोन रीपेमेंट की बात आएगी. उस समय गारंटी देने वाले का सिबिल स्कोर खराब होगा.
5. नौकरी और कमाई..
देखिए बैंक घाटे का सौदा नहीं करता (व्यंग्य को समझिए आम आदमी के लिए घाटे का सौदा नीरव और विजय के लिए नहीं). बैंक तब भी लोन की एप्लिकेशन रिजेक्ट कर सकता है जब आपकी नौकरी स्थिर न हो या फिर कमाई लोन के हिसाब से काफी कम हो. अगर रिपेमेंट की क्षमता कम है तो बैंक लोन आसानी से रिजेक्ट कर सकता है.
6. कई सारी ईएमआई या कई सारे क्रेडिट कार्ड...
अगर किसी इंसान के ऊपर पहले से ही बहुत कर्ज है तो बैंक उसे लोन देने से कतराएगा. ऐसे में सबसे अच्छा तरीका ये है कि अपने पहले की ईएमआई को खत्म करें और फिर नए लोन के लिए अप्लाई करें. अगर बहुत से क्रेडिट कार्ड हैं और उनका इस्तेमाल कर रहे हैं तो ध्यान रखें की सभी का बिल ठीक समय पर चुकाया जा रहा है या नहीं.
7. फिजिकल वैरिफिकेशन..
अंतिम स्टेप होती है फिजिकल वैरिफिकेशन. अगर होम लोन के लिए अप्लाई किया है और फिजिकल वैरिफिकेशन में प्रॉपर्टी लोन लेने के हिसाब की नहीं निकली तो यकीनन लोन रिजेक्ट हो जाएगा. फिजिकल वैरिफिकेशन चाहें किसी भी तरह के लोन के लिए हो रहा हो अगर आपके रहने या काम करने की जगह सही नहीं रही या ऐड्रेस वैरिफिकेशन सही नहीं हुआ तो लोन रद्द हो जाएगा.
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