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Updated: 21 अक्टूबर, 2015 08:11 PM
राहुल मिश्र
राहुल मिश्र
  @rmisra
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भारत, एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और यहां की पेंशन व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी, लिहाजा रिटायरमेंट के लिहाज से यह दुनिया की सबसे बुरी जगह है. ऐसा मानना है 2015 मर्सर ग्लोबल पेंशन इंडेक्स का जिसकी 25 देशों की रेटिंग में भारत अंतिम स्थान पर है. साल 2015 की जारी इंडेक्स के मुताबिक इस भारत की रेटिंग 40.3 है जो कि पिछले साल के 43.5 के स्तर से लुढ़क गई है.

गौरतलब है कि भारत के साथ-साथ खराब रेटिंग की श्रेणी में चीन, कोरिया, जापान और इंडोनेशिया भी शामिल हैं. वहीं इस सूची में डेनमार्क 81.7 की रेटिंग के साथ टॉप पर है. अमेरिका को मर्सर सूची में 56.3 की रेटिंग दी गई है जो कि 25 देशों की इस सूची में 60.6 के औसत से कम है.

क्यों है ऐसा-

- इस सूची में भारत की खराब रेटिंग के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार घरेलू बचत दर में गिरावट है.

- संयुक्त राष्ट्र ने भारत की औसत आयु के अनुमान (2050 तक) को 69.1 वर्ष से बढ़ाकर 75.9 वर्ष कर दिया है, जिसके चलते रिटायरमेंट जीवन की अवधि में इजाफा हो गया है.

- भारत उन देशों में शुमार है जहां वृद्ध जनसंख्या में तेज इजाफा हो रहा है और देश की अर्थव्यवस्था पर पेंशन का भार आने वाले दिनों में बढ़ता जाएगा.

- संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2010 में देश की 8 फीसदी जनसंख्या 59 साल के ऊपर थी और 2050 तक अनुमान है कि यह आंकड़ा 19 फीसदी हो जाएगा. वहीं देश की पेंशन व्यवस्था से बहुत छोटे हिस्से को फायदा पहुंच रहा है.

- मौजूदा समय में देश की 80 फीसदी जनसंख्या पेंशन दायरे के बाहर हैं. हालांकि इसी साल लांच स्कीम अटल पेंशन योजना के तहत 40 करोड़ लोगों को पेंशन दायरे में लाने की कोशिश की जा रही है.

-भारत सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, लगभग 25 फीसदी जनसंख्या पेंशन दायरे में है, वहीं चीन में 74 फीसदी और नेपाल में 47 फीसदी जनसंख्या पेंशन दायरे में है.

लेखक

राहुल मिश्र राहुल मिश्र @rmisra

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में असिस्‍टेंट एड‍िटर हैं

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