तो क्या अब 2000 के नोट भी बंद होने वाले हैं, 1000 के नोट फिर लौटेंगे?
एक स्थानीय अखबार के अनुसार कानपुर में भारतीय स्टेट बैंक ने अपने सभी एटीएम से 2000 के नोट हटा दिए हैं और 2000 का नोट निकालने वाले कैसे भी हटा रहे हैं. इसी बीच सोशल मीडिया पर हो रही बातों ने लोगों को कंफ्यूज कर दिया है.
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नोटबंदी, यानी 8 नवंबर 2016 की वो रात कोई भूल नहीं सकता, जब पीएम मोदी ने 500 और 1000 रुपए के नोट बंद करने की घोषणा की थी. देखते ही देखते ये नोट महज एक कागज का टुकड़ा भर रह गए. उसके बाद कई बार इस तरह की अफवाहें फैलीं कि 2000 का नोट बंद हो रहा है, तो 500 का नोट बंद हो रहा है, 100-50 के नोट बंद हो रहे हैं. अब एक अहम खबर यूपी के कानपुर से आ रही है. अमर उजाला में छपी खबर के मुताबिक भारतीय स्टेट बैंक ने अपने सभी एटीएम से 2000 के नोट हटा दिए हैं और जिले के किसी भी एसबीआई एटीएम में 2000 के नोट नहीं मिलेंगे. बताया जा रहा है कि एटीएम से 2000 के नोटों के कैसेट भी निकाले जा रहे हैं और अब धीरे-धीरे ये सब पूरे देश में होना है. तो क्या अब सरकार वाकई 2000 के नोटों को भी बंद करने वाली है? वैसे भी, जितना बड़ा नोट, भ्रष्टाचार करने में उतनी ही आसानी. तो भारतीय स्टेट बैंक के इस फैसले को क्या समझें? सरकार का एक इशारा?
कानपुर में भारतीय स्टेट बैंक ने अपने सभी एटीएम से 2000 के नोट हटाने शुरू कर दिए हैं.
2000 के नोट कम करना चाहती है सरकार
इस साल की शुरुआत में ही सरकार के कुछ अधिकारियों से पता चला था कि मोदी सरकार 2000 के नोटों में कमी रखना चाहती है. इसका एक बड़ा उदाहरण ये है कि मार्च 2017 के अंत तक 328.5 करोड़ 2000 रुपए के नोट छापे जा चुके थे, जबकि मार्च 2018 यानी 1 साल में इसमें मामूली बढ़ोत्तरी हुई और 2000 के कुल नोटों की संख्या 336.3 करोड़ पहुंची. वैसे भी, सरकार इस तरह के इशारे तो करती ही रहती है कि 2000 के नोटों पर से धीरे-धीरे लोगों की निर्भरता को कम करना है. भारतीय रिजर्व बैंक के कुछ सूत्रों से भी ये बात सामने आई थी कि RBI ने 2000 के नोटों की छपाई बंद कर दी है. यहां तक कि नवंबर 2018 में एक आरटीआई से भी ये पता चला था कि नासिक करंसी नोट प्रेस को 2000 रुपए के नोट छापने के आदेश नहीं मिली हैं. हालांकि, ये भी कहा गया था कि सरकार का इसे वापस लेने का भी कोई प्लान नहीं है.
तो क्या फिर से होगी नोटबंदी?
वैसे तो इसकी संभावनाएं बहुत ही कम हैं, लेकिन 2000 के नोटों को लेकर पिछले कुछ सालों से जैसी खबरें सुनने को मिल रही हैं, एक बात बात तो तय है कि सरकार भी 2000 के नोटों से कुछ परेशान जरूरी है. सरकार भी ये चाहती है कि इन नोटों को सर्कुलेशन में कम से कम किया जाए. वैसे भी, भ्रष्टाचारियों के लिए तो 2000 का नोट वरदान स्वरूप है. हो सकता है कि सरकार चरणबद्ध तरीके से बिना बताए कोई प्लानिंग कर रही हो, ताकि किसी तरह की अफवाह या अफरा-तफरी ना फैले. लेकिन अगर सोशल मीडिया पर नजर डालें तो पता चलता है कि 2000 के नोटों के बंद होने की बातें होना शुरू हो गई हैं.
सोशल मीडिया: '10 अक्टूबर के बाद बेकार हो जाएंगे 2000 के नोट'
सोशल मीडिया पर एक पोस्ट खूब वायरल हो रही है, जिसमें लिखा है- 'भारतीय रिजर्व बैंक सभी 2000 रुपए के नोट वापस ले रहा है. 10 दिनों में आप सिर्फ 50 हजार रुपए तक बदलवा सकते हैं. तो तुरंत ही अपने 2000 रुपए के नोट बदलवाना शुरू कर दीजिए. 10 अक्टूबर 2019 के बाद आप अपने 2000 रुपए के नोट नहीं बदलवा सकेंगे.' ये भी दावा किया जा रहा है कि 1 जनवरी 2020 से सरकार 1000 रुपए के नए नोट जारी करने वाली है.
फेसबुक पर 2000 के नोट बंद होने की अफवाह फैलना शुरू हो गई है.2000 के नोट बंद होने की अफवाह से ट्विटर भी अछूता नहीं है.तो क्या ये सब सच है?
बिल्कुल नहीं. ऐसा कोई नोटिफिकेशन भारतीय रिजर्व बैंक की वेबसाइट पर मौजूद नहीं है. ऐसा कोई फैसला अगर बैंक लेगा तो उसका नोटिफिकेशन जरूर जारी करेगा. इतना ही नहीं, खुद मोदी सरकार भी इसकी सूचना जरूर देगी, याद है ना 8 नवंबर 2016 की वो रात. भारतीय रिजर्व बैंक के कम्युनिकेशन विभाग के सीजीएम योगेश दयाल ने भी इस बात की पुष्टि की है कि 2000 रुपए के नोटों को बंद करने की कोई योजना नहीं है. द क्विंट से बात करते हुए योगेश दयाल ने कहा- 'हमारी तरफ से ऐसा कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया है. भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से किया गया कोई भी कम्युनिकेशन वेबसाइट पर जरूर दिखता है. कृपया अफवाहों पर ध्यान ना दें.' वहीं दूसरी ओर अगर बात 1000 रुपए के नोट की करें, तो अगर सरकार 2000 के नोट कम करना चाहती है, तो 1000 के नोट छापने का नहीं सोचेगी. हां, 500 के नोटों की संख्या या उससे भी छोटे नोटों की संख्या जरूर बढ़ा सकती है.
तो एक बात तो तय है कि सोशल मीडिया पर 10 अक्टूबर तक 2000 रुपए के नोट बदलवाने और उसके बंद होने की जो बातें हो रही हैं, वह महज अफवाह हैं. वहीं दूसरी ओर, 2000 के नोट एटीएम से ना मिलने की खबर का मतलब साफ है कि सरकार इन नोटों के धीरे-धीरे सर्कुलेशन में कम करना चाहती है. आपको बता दें कि मोदी सरकार का नोटबंदी का मकसद था कालेधन और भ्रष्टाचार पर वार करना और 2000 के नोटों से एक बार फिर कालाधन और भ्रष्टाचार बढ़ने लगा है. ऐसे में इस पर कोई हैरानी नहीं होनी चाहिए कि एटीएम से 2000 के नोटों को हटाया जाए. वैसे जनवरी 2018 में रिजर्व बैंक ने खुद ही ये कहा था कि जल्द ही एटीएम से 50 के नोट भी निकलेंगे. ऐसे में हो सकता है कि सरकार 2000 के नोट हटाकर 50 के नोट लाए. आपको ब ता दें कि छोटे डिनोमिनेशन के नोट होने से भ्रष्टाचार में काफी आ सकती है. खैर, अभी तक 2000 के नोट एटीएम से हटाने को लेकर रिजर्व बैंक ने कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं किया है, ना ही सरकार की तरफ से इसकी कोई आधिकारिक घोषणा की गई है.
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