बिग बाजार में ऐसा क्या है, जो मुकेश अंबानी और जेफ बेजोस आमने-सामने आ गए हैं?
मुकेश अंबानी और जेफ बेजोस के बीच की ये जंग फ्यूचर ग्रुप के बिग बाजार से कहीं आगे तक जाती है. 135 करोड़ की आबादी वाले भारत में तकरीबन 1,00,000 करोड़ डॉलर का खुदरा बाजार (Retail Market) है. इन दोनों की ही नजर भारत के इस खुदरा बाजार पर बनी हुई है.
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दुनिया के सबसे अमीर आदमी जेफ बेजोस (Jeff Bezos) और भारत के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) के बीच फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (FRL) के बिग बाजार को लेकर घमासान मचा हुआ है. दिग्गज अमेरिकी ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन (Amazon) और रिलायंस समूह (Ril) के बीच के ये लड़ाई बीते साल नवंबर में ही अदालत तक पहुंच गई थी. हाल ही में दिल्ली हाईकोर्ट ने फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) के रिलायंस समूह के साथ हुए सौदे को लेकर एकल बेंच के फैसले पर रोक लगा दी है. इस फैसले में हाईकोर्ट ने सौदे पर यथास्थिति बनाए रखने को कहा है. बीते साल किशोर बियानी ने फ्यूचर ग्रुप के सारे रिटेल और होलसेल कारोबार को रिलायंस समूह को 24,713 करोड़ रुपये में बेचने का करार किया था. इस स्थिति में सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर बिग बाजार में ऐसा क्या है, जिसने दो धनकुबेरों को एक-दूसरे के सामने अखाड़े में उतार दिया है.
भारत का खुदरा बाजार पर है नजर
मुकेश अंबानी और जेफ बेजोस के बीच की ये जंग फ्यूचर ग्रुप के बिग बाजार से कहीं आगे तक जाती है. 135 करोड़ की आबादी वाले भारत में तकरीबन 1,00,000 करोड़ डॉलर का खुदरा बाजार (Retail Market) है. इन दोनों की ही नजर भारत के इस खुदरा बाजार पर बनी हुई है. भारत के खुदरा बाजार पर कब्जा जमाने के लिए चल रही ये कारोबारी जंग लंबी चलने वाली है. इन दोनों ही धनकुबेरों के भविष्य के सपनों को पूरा करने में फ्यूचर ग्रुप की एक अहम भूमिका है. दरअसल, लंबे समय से रिलांयस समूह ई-कॉमर्स क्षेत्र में जियोमार्ट के सहारे कदम रखने की तैयारी कर रहा है. वर्तमान में भारत के 7000 शहरों में रिलायंस समूह के आर फ्रेश, ट्रेंड्स आदि के 12,000 स्टोर्स हैं. इस संख्या में अगर फ्यूचर ग्रुप के बिग बाजार और ईजी डे के 1800 स्टोर्स और जुड़ जाते हैं तो, मुकेश अंबानी भारत के सबसे बड़े रिटेल कारोबार (खुदरा बाजार) के मालिक बन जाएंगे.
अमेजन अगर फ्यूचर ग्रुप को खरीदने में सफल हो जाती है, तो यह सीधे तौर पर रिलायंस समूह की अब तक की गई तैयारियों पर पानी फेरने जैसा हो जाएगा.
ई-कॉमर्स पोर्टल पर चल रही अमेजन को मिल जाएगा आधार
वहीं, अमेरिकी ई कॉमर्स कंपनी अमेजन ने दुनियाभर में अपना कारोबार फैला रखा है और भारत के बाजार में मजबूत पकड़ बना रखी है. इस ई-कॉमर्स कंपनी की एक शाखा अमेजन होलसेल (भारत) का रेवेन्यू वित्तीय वर्ष 2019 में 11231.6 करोड़ रुपये था. अमेजन अगर फ्यूचर ग्रुप को खरीदने में सफल हो जाती है, तो यह सीधे तौर पर रिलायंस समूह की अब तक की गई तैयारियों पर पानी फेरने जैसा हो जाएगा. वर्तमान में यह ई-कॉमर्स कंपनी पूरी तरह से पोर्टल पर आधारित है. अमेजन ने अपने इस पोर्टल पर देशभर के खुदरा कारोबारियों को जोड़ा हुआ है. इसके साथ ही यह ई-कॉमर्स कंपनी 250 से ज्यादा शहरों में अमेजन फ्रेश के पोर्टल के जरिये कारोबार कर रही है. फ्यूचर ग्रुप के सहारे अमेजन को भारत में अपने पैर तेजी से पसारने में मदद मिलेगी. साथ ही अमेजन को ई-कॉमर्स पोर्टल के अलावा जमीनी स्तर पर उतरने का मौका भी मिल जाएगा.
भारत में नुकसान के बावजूद अमेजन ने किया निवेश
ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन ने वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान भारत में 11,400 करोड़ रुपये (150 करोड़ डॉलर) का निवेश किया था. जबकि अमेजन को वित्त वर्ष 2018-19 में 7014.5 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था. वहीं, वित्त वर्ष 2020 में यह नुकसान बढ़कर 7899 करोड़ रुपये हो गया था. बावजूद इसके ई-कॉमर्स कंपनी का भारत में निवेश जारी रहा. अमेजन प्रवक्ता ने इस पर कहा था कि वे लॉन्ग टर्म व्यू के आधार पर निवेश की रणनीति पर चल रहे हैं और इसी आधार पर निवेश कर रहे हैं. दुनिया के सबसे अमीर शख्स जेफ बेजोस के पास 18,060 करोड़ डॉलर की संपत्ति है. वहीं, भारत के सबसे अमीर आदमी मुकेश अंबानी के पास 8,130 करोड़ डॉलर की संपत्ति है. इन दोनों कारोबारियों के पास रुपयों की कोई कमी नहीं है. इस कारोबारी जंग में ये दोनों ही एक-दूसरे से कमजोर नहीं पड़ना चाहेंगे.
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के अनुमान के अनुसार, 2030 तक भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा खुदरा बाजार हो जाएगा. अगले दशक तक इसके बढ़ते हुए करीब 1.5 लाख करोड़ डॉलर से ज्यादा हो जाने की संभावना है. इस स्थिति में कहा जा सकता है कि भारत के खुदरा कारोबार पर कब्जा करने की कोशिश ही इन दोनों धनकुबेरों के टकराने की सीधी वजह है. फिलहाल, ये मामला अदालत में है और इसके लंबा चलने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है.
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