नोटबंदी के बाद मोदी सरकार का अगला वार 'करोड़पति नौकरों' पर
अब मोदी सरकार का नया मिशन बन गया है देश के सारे रामू जैसे लोगों को ढूंढ निकालना, जिनके नाम पर बेनामी संपत्ति खरीदी गई है.
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रामू.. एक ऐसा व्यक्ति जो बड़े सेठों का सबसे बड़ा इक्का होता है. वो इन लोगों का ड्राइवर, चौकीदार या नौकर होता है. इसकी तनख्वाह तो कुछ हजार ही होती है. लेकिन प्रॉपर्टी करोड़ों की. किसी को पता नहीं होता है. रामू को भी नहीं कि वह इतना बड़ा करोड़पति है. उसको तो जहां बोला जाता है वहां अंगूठा या दस्तखत कर देता है.
उसको क्या पता कि सेठजी करोड़पति उसी के नाम आगे करके बन रहे हैं. देखा जाता है कि जितनी प्रॉपर्टी घर के मालिक की नहीं होती उससे कहीं ज्यादा घर के नौकर की होती है. रियल स्टेट में कालेधन का निवेश कुछ इसी फॉर्मूले पर होता है. सैलेरी भले ही 5 हजार हो लेकिन प्रॉपर्टी 5 करोड़ की होगी. अब मोदी सरकार का नया मिशन बन गया है देश के सारे रामू जैसे लोगों को ढूंढ निकालना, जिनके नाम पर बेनामी संपत्ति खरीदी गई है. पीएम मोदी ने इसके लिए नया प्लान निकाल लिया है.
प्रॉपर्टी खरीदने के लिए जरूरी होगा आधार कार्ड
आधार कार्ड को पैन से लिंक करने के बाद अब प्रॉपर्टी खरीदने के लिए आधार कार्ड जरूरी होगा. इससे एक बात तो पता चल गई. पिछले महीने जो आधार कार्ड पैन से लिंक करवाया गया था उसका मकसद आखिर क्या था. लोगों ने इसे खुशी-खुशी कर लिया. लेकिन प्रॉपर्टी घोटाले करने वाले अब ये खबर पढ़कर हैरान हो जाएंगे.
सरकार अब देश भर में प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन इलेक्ट्रॉनिक तरीके से करने जा रही है. सरकार को इस कदम से सभी की प्रॉपर्टी को सुनिश्चित करना आसान होगा. सरकार ने इस प्लान से उम्मीद जाहिर की है कि इससे बेनामी संपत्ति रखने वालों पर रोक लगेगी और इस तरह के फर्जीवाड़े कम होंगे.
पकड़े गए तो जमीन सरकार की
इस फैसले से सरकार ने एक तीर से दो निशाने लगाए हैं. एक तो फर्जीवाड़ा करने वालों के नाम सामने आ जाएंगे और फर्जी जमीन सरकार के नाम हो जाएगी. यानी फर्जीवाड़ा करने वाला भी सामने आ जाएगा और सरकार को मुनाफा भी हो जाएगा. इससे बेचारे रामू भी पकड़ा जाएगा. जिसे इस बात का पता ही नहीं है साथ ही सेठजी भी सामने आ जाएंगे जो बैठे बिठाए करोड़ों छाप रहे हैं.
नहीं होगी संपत्ति की अदलाबदली
कानूनी हकदार नहीं होने की स्थिति में उस संपत्ति पर कोई कब्जा कर लेता है और फिर फर्जीवाड़े से अपना बना लेता है. ऐसे फर्जीवाड़ों को भी जांच एजेंसियां आसानी से पकड़ लेंगी और जमीन सरकार की हो जाएगी. एक व्यक्ति वसीयत, अनुबंध, पॉवर ऑफ अटार्नी, गिफ्ट या अदला-बदली में जमीन दूसरे व्यक्ति के नाम करता है तो आधार से पता चल जाएगा. इससे अदला-बदली से सौदा छिपाना मुश्किल होगा.
कुल मिलाकर इस तरीके से अब रामू, श्यामू जैसे करोड़पति नौकर सबके सामने आ जाएंगे और वो सेठजी भी जो बैठे-बैठे अपने जेब भारी कर रहे हैं.
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