क्या आपको पता है भारत में सबसे ज्यादा ठगी कहां होती है?
सुबह आंखें खुलने से लेकर रात को सोने तक हर इंसान अपने पूरे दिन में न जाने कितना लेन देन कर लेता है. ऐसे में कंज्यूमर्स को पता होना चाहिए कि उनके अधिकार क्या हैं और वो किस तरह के धोखे का शिकार हो सकते हैं.
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2018 में अभी 75 दिन ही बीते हैं, लेकिन 1 करोड़ रु. से ज्यादा ठगी वाली शिकायतें वाली 1800 शिकायतें NCDRC (राष्ट्रीय उपभोक्ता शिकायत निवारण आयोग, कंज्यूमर फोरम) तक पहुंच चुकी हैं. यानी 24 शिकायतें रोज. यानी हर घंटे एक शिकायत. अब यदि एक करोड़ रुपए से ज्यादा के मामलों में ये हाल है तो छोटे-मामलों की तादाद का अंदाज आप सहज ही लगा सकते हैं. फ़िलहाल 17 हज़ार शिकायतें पेंडिंग हैं जो कि 2017 से पहले दर्ज़ की गई थीं. मामले की गंभीरता का अंदाज आप NCDRC का ये ग्राफ देख कर लगा सकते हैं :
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 मार्च को World consumer day के दिन ये माना कि कंज्यूमर ही हैं जिनके कारण भारतीय अर्थव्यवस्था चल रही है. एक तरह से बात सही भी है. सुबह आंखें खुलने के साथ ही एक इंसान जब घर से बाहर कदम रखता है, वह उपभोक्ता बन जाता है. कैब बुक करना, पेट्रोल भरवाना, जरूरत का सामान खरीदना, फिल्म देखना, ऑनलाइन शॉपिंग करना. यानी जहां भी पैसा खर्च हो रहा है, वहां पैसे देने वाला एक उपभोक्ता है. आप और हम, यानी हम सब.
Greetings on World Consumer Rights Day. The consumer plays an important role in the economy. Government of India is not only focussing on consumer protection but also consumer prosperity. pic.twitter.com/avsAEhtowZ
— Narendra Modi (@narendramodi) March 15, 2018
पर ऐसा कितनी बार होता है. हर उपभोक्ता एक डर के साथ जीता है. ठग लिए जाने का डर. उसके अधिकारों के अतिक्रमण का डर. परेशान किए जाने का डर. जैसे, ऑनलाइन शॉपिंग में कुछ गलत हो जाए, कोई बैंकिंग फ्रॉड हो जाए, चोरी हो जाए, बीमा न मिले, कोई दुकानदार जरूरत से ज्यादा पैसे वसूल ले. परेशानी यहीं तक नहीं रुकती. शिकायत के बाद उसका समाधान पा लेना भी किसी उपभोक्ता के लिए उपलब्धि के समान ही होता. जो उसे सौभाग्य से ही मिलता है.
कहां होती है सबसे ज्यादा ठगी?
भारतीय कंज्यूमर के अनुभव के हिसाब से देखें तो कुछ आम क्षेत्र निकलकर आए हैं जहां ठगी सबसे ज्यादा होती है. इनमें उपभोक्ताओं को किसी न किसी तरह की परेशानी आती ही रहती है. इनमें ई-कॉमर्स, मेडिकल, रियल एस्टेट, हवाई एवं रेल यातायात, मोबाइल, इलेक्ट्रानिक्स, ऑटोमोबाइल सेल्स और सर्विस, शिक्षण संस्थान से जुड़े क्षेत्र मुख्य हैं.
कहां सबसे ज्यादा ठगी होती है इसका विवरण देता ग्राफ
कैसी-कैसी शिकायतें:
1). ऑनलाइन शॉपिंग के समय अक्सर वैसा प्रोडक्ट नहीं आता जैसे दिखाया जाता है, कुछ गलत सामान आता है. सबसे ज्यादा समस्या पेमेंट के समय होती है. अक्सर ऐसा देखा गया है कि अकाउंट से पेमेंट को कट जाती है, लेकिन ऑर्डर नहीं हो पाता. ऐसे में पैसे अधर में अटक जाते हैं. (ईकॉमर्स)
2). अस्पताल मरीज़ से बिल में ज्यादा रकम लेते हैं/मरीज़ की मजबूरी का फायदा उठाकर कई बार अस्पताल प्रशासन वाले अपने निजी फायदे के लिए गलत व अनावश्यक उपचार कर देते हैं/ मरीज़ को एक्सपायर्ड दवाई दे देना/बीमा कम्पनी द्वारा मरीज़ के द्वारा किए गए मूल्य वापसी के दावे को नज़रदांज करना या अस्पताल में भर्ती ना करना (मेडीकल/स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में)
3). बिल्डरों द्वारा ग्राहकों को र्निधारित समय तक फ्लैट का पजेशन न देना/एक फ्लैट पर एक से ज्यादा ग्राहको की रजिस्ट्री करवा देना/ तय समय सीमा तक फ्लैट ना मिलने की स्थिति में अगर ग्राहक फ्लैट की बुकिंग रद्द करता है तो बिल्डर द्वारा उसकी बुकिंग का पैसा ना लौटाना (प्रॉपर्टी के क्षेत्र में)
4). एयरलाइन द्वारा ओवरबुकिंग का हवाला देते हुए यात्रियों के आरक्षण रद्द कर देना/ विमान के देरी या रद्द होने की स्थिति में यात्रियों की कमी पूर्ति ना करना/ अंतिम समय में यात्री को उड़ान भरने कि आज्ञा ना देना/ विमान या ख़ासकर रेल में ख़राब गुणवत्ता का खाद्य पदार्थ उपलब्ध होना/ टी.डी.आर. का रीफ़ंड ना मिलना (हवाई एवं रेल यातायात के क्षेत्र में)
5). सर्विस सेंटर द्वारा वारंटी के अंतर्गत भी उत्पाद सही ना करना/ उत्पाद को सही करने के लिए आवश्यकता से अधिक समय लेना/ उत्पाद में किसी बड़ी ख़राबी के आने पर उसको ना बदलना/ कार की खरीद या सर्विस के दौरान निर्धारित समय पर ग्राहक को गाड़ी ना देना/ बिना आवश्यकता के और बिना ग्राहक की आज्ञा के गाड़ी का स्पेयर पार्ट बदल देना और फिर अधिक बिल वसूल करना/ कंपनी द्वारा स्पेयर पार्ट बदलने का दावा करना पर असलियत में उसको ना बदलना/ बिल में अधिक लेबर लेना (मोबाइल/इलेक्ट्रानिक्स/ऑटोमोबाइल सेल्स और सर्विस के क्षेत्र में)
6). स्कूल/कॉलेज में दाखिले के लिए डोनेशन माँगना/ बीच सत्र में फ़ीस बढ़ा देना/ बैकलॉग व रि-एक्ज़ाम के लिए ज्यादा फ़ीस माँगना/ सत्र खत्म होने के बाद भी सिक्योरिटी वापस ना करना (शिक्षण संस्थानों और शैक्षिक व्यवस्था के क्षेत्र में)
समाधान कहां-कहां:
ये सब तो वो बातें हुईं जहां शिकायतें होती हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक कंज्यूमर के तौर पर आपके अधिकार क्या हैं और ऐसे समय पर कहां मदद मिल सकती है?
1). ज़िला उपभोक्ता शिकायत निवारण फ़ोरम (DCDRF)- इसमें फ़ोरम को 20 लाख तक के माल/सेवा/दावे के लिए सुनवाई करने का अधिकार है.
2). राज्य उपभोक्ता शिकायत निवारण फ़ोरम (SCDRF)- इसमें फ़ोरम को 1 करोड़ तक के माल/सेवा/दावे के लिए सुनवाई करने का अधिकार है, साथ ही ज़िला फ़ोरम के फ़ैसले के ख़िलाफ़ भी अपील सुनने का अधिकार है.
3). राष्ट्रीय उपभोक्ता शिकायत निवारण आयोग (NCDRC)- इसमें आयोग को एक करोड़ से ऊपर के माल/सेवा/दावे के लिए सुनवाई करने का अधिकार है, साथ ही राज्य फ़ोरम के फ़ैसले के ख़िलाफ़ भी अपील सुनने का अधिकार है.
ऑनलाइन शिकायत : उपभोक्ता अपनी शिकायत को घर बैठे ऑनलाइन भी दर्ज करा सकते हैं. उन्हें http://consumerhelpline.gov.in/ पर लॉग-इन करके अपनी शिकायत दर्ज करानी होगी.
टेलीफ़ोन हेल्पलाइन : 1800-11-4000 (बीएसएनएल/एमटीएनएल यूज़र्ज़ के लिए), 011-27662955,56,57,58 (अन्य यूजर के लिए) और उपभोक्ता 8130009809 पर एसएमएस के माध्यम से भी अपनी शिकायत पहुँचा सकते हैं.
( स्टोरी और रिसर्च अनुराग शर्मा ने की है, जो iChowk.in के साथ इंटर्न हैं )
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