Mukesh Ambani Richest Asian: मुकेश अंबानी के पास कहां से आता है इतना पैसा?
रिलायंस का मूलमंत्र है, 'फ्यूचर बिजनेस और राइट टैलेंट में इनवेस्टमेंट करके, अपने ड्रीम को पूरा करना.' अपने पिता धीरू भाई अंबानी (Dhirubhai Ambani) की इस सीख पर अमल करते हुए साल 2016 में मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) ने टेलीकाम सेक्टर में पैर फैलाना शुरू कर दिया था.
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रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी (Reliance Chairman Mukesh Ambani) कुछ दिनों से लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं. इसकी दो वजहें प्रमुख हैं. एक बुरी, तो दूसरी अच्छी. चलिए पहले अच्छी बात बता देते हैं. मुकेश अंबानी एक बार फिर से एशिया के सबसे अमीर शख्स बन गए हैं. उन्होंने चीन में बोतलबंद पानी का कारोबार करने वाले झोंग शानशान (Zhong Shanshan) को पीछे करते हुए पहला स्थान हासिल कर लिया है. अब बुरी बात, ये कि एशिया के सबसे अमीर शख्स और उनके परिवार की जान को खतरा है. मुंबई में मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया (Antilia Villa) के पास खड़ी एक स्कॉर्पियो में जिलेटिन छड़ें मिलने के बाद सनसनी फैल गई. इस गाड़ी से एक खत भी मिला, जिसमें अंबानी परिवार को धमकी दी गई है.
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने फिर हासिल नया मुकाम...
ब्लूमबर्ग बिलियनर्स इंडेक्स के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, 77.8 बिलियन डॉलर नेटवर्थ के साथ एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति बने चाइनीज बिलिनेयर झोंग शानशान की कंपनी की शेयर वैल्यू में 20 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई. इसके बाद उनकी संपत्ति में 22 बिलियन डॉलर की गिरावट दर्ज की गई है. इस गिरावट के बाद 80 बिलियन डॉलर की कुल संपत्ति के साथ मुकेश अंबानी एशिया के पहले और दुनिया के 10वें सबसे अमीर बन गए हैं. वहीं, झोंग शानशान 13वें स्थान पर पहुंच गए हैं. झोंग की बोतलबंद पानी बनाने वाली कंपनी नोंगफू स्प्रिंग और कोरोना वैक्सीन में जुटी कंपनी वेन्टाई बायोलॉजिकल एंटरप्राइज है. कोरोना वैक्सीन बनाने में शामिल होने का कारण उनकी दोनों कंपनियां चीन और हॉन्गकॉन्ग में काफी लोकप्रिय हो गई हैं.
एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस वक्त मुकेश अंबानी का टोटल नेटवर्थ 5.78 लाख करोड़ रुपए है. रिलायंस ग्रुप के तहत 6 कंपनियां शेयर मार्केट में लिस्ट हैं. इसमें रिलायंस इंडस्ट्रीज, डेन नेटवर्क, हैथवे केबल, नेटवर्क 18 मीडिया नेटवर्क, RIL इंडस्ट्रीयल इंफ्रा, हैथवे भवानी केबल शामिल हैं. BSE में केवल रिलायंस इंडस्ट्रीज का मार्केट कैप 12.84 लाख करोड़ रुपए है. रिलायंस का प्रमुख कारोबार एनर्जी सेक्टर का है. साल 2016 में कंपनी ने टेलीकॉम सेक्टर में एंट्री ली. इस वक्त 35 फीसदी हिस्सेदारी के साथ मार्केट लीडर है. इसके अलावा RIL रिटेल कारोबार में भी कारोबार को तेजी से बढ़ा रहा है. इसके तहत उसने फ्यूचर ग्रुप के रिटेल बिजनेस का 24 हजार करोड़ रुपए में अधिग्रहण किया है, जिसे CCI ने हाल ही मंजूरी दी है.
रिलायंस का एक मूलमंत्र है, 'भविष्य के कारोबार और सही टैलेंट में निवेश करके, अपने सपने को पूरा करना.' अपने पिता धीरू भाई अंबानी की इस सीख पर अमल करते हुए साल 2016 में मुकेश अंबानी ने टेलीकाम सेक्टर पर अपना पैर फैलाना शुरू कर दिया था. उनको समझ आ गया था कि भविष्य 'डिजिटल इंडिया' का है. इसलिए इन्होंने अपने बच्चों ईशा और आकाश अंबनी को आगे करके JIO लॉन्च किया. उस वक्त पेट्रोलियम सेक्टर से होने वाली उनकी आय लगातार कम हो रही थी. इसलिए उन्होंने डिजिटल में फ्यूचर इनवेस्टमेंट किया. बहुत कम समय में Reliance JIO टेलीकॉम सेक्टर में मार्केट लीडर बन गया. कोरोना काल में जिस वक्त पूरी दुनिया के उद्योग धंधे चौपट हो गए, उस वक्त JIO ने पेट्रोलियम के मुकाबले 3 गुनी कमाई की थी.
वित्त वर्ष 2018-19 की जनवरी-मार्च तिमाही के मुकाबले 2019-20 की अंतिम तिमाही में जियो का मुनाफा 177.5 फीसदी बढ़ कर 2,331 करोड़ रुपये हो गया था. इतना ही नहीं दिसंबर तिमाही के मुकाबले भी जियो के मुनाफे में 72.7 फीसदी की जोरदार बढ़ोतरी हुई. वहीं जियो के ग्राहकों की संख्या 26.30 फीसदी बढ़कर 38.75 करोड़ हो गई. कंपनी का एआरपीयू (प्रति उपभोक्ता औसत आमदनी) भी बढ़कर 130.60 रुपए हो गई है. जियो की आपरेटिंग इनकम पिछले साल की जनवरी-मार्च तिमाही के मुकाले 26.6 फीसदी और दिसंबर तिमाही के मुकाबले 6.2 फीसदी बढ़ कर 14,835 करोड़ रुपए रही है.
इसके अलावा रिलायंस ने कई डील करके अरबों रुपये एकत्र किए हैं. इनमें अमेरिका की प्राइवेट इक्विटी फर्म विस्टा इक्विटी पार्टनर्स के साथ जियो के लिए 11367 करोड़ रुपये, फेसबुक के साथ 43,574 करोड़ रुपये की डील और सिल्वर लेक के साथ की गई 5655 करोड़ रुपये की डील शामिल है. इन तीन समझौतों से रिलायंस को 60,595 करोड़ का निवेश मिला और रिलायंस जियो की वैल्यू बढ़ कर 5.16 लाख करोड़ रुपये की हो गई. पिछले 6 महीने में मुकेश अंबानी की संपत्ति में तीन लाख करोड़ रुपए का इजाफा हुआ है. यानी उनकी संपत्ति हर महीने 50 हजार करोड़ रुपए, हर दिन 1,667 करोड़ रुपए और हर घंटे 69 करोड़ रुपए बढ़ी है. पिछले साल मार्च में उनकी संपत्ति 2.7 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर अक्टूबर में 5.7 लाख करोड़ रुपए हो गई थी.
मुकेश अंबानी के तीन लक्ष्य
एशिया के सबसे अमीर शख्स बन चुके मुकेश अंबानी की सफलता का सबसे बड़ा राज ये है कि वो हमेशा अपने लक्ष्य को निर्धारित करके काम करते हैं. उनका हर लक्ष्य बिजनेस के साथ देश के लिए, देशहित में होता है. वर्तमान में उनका पहला लक्ष्य भारत को डिजिटल सोसाइटी में बदलना है. दूसरा लक्ष्य भारत के एजुकेशन सेक्टर में बदलाव लाने का है. किसी भी समय हमारे देश की एजुकेशन सिस्टम में करीब 20 करोड़ बच्चे रहते हैं. वहीं, तीसरा लक्ष्य एनर्जी सेक्टर को लेकर है. इस सेक्टर को लेकर उन्होंने कहा कि फॉसिल फ्यूल पर निर्भरता कम करने के लिए एनर्जी सेक्टर को ट्रांसफॉर्म करना चाहते हैं. फिलहाल मुकेश अंबानी टेलीकाम सेक्टर में जबरदस्त काम कर रहे हैं. घर-घर इंटरनेट पहुंचाने में JIO का बहुत बड़ा योगदान है.
रिलायंस का फ्यूचर फोकस
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने अमेरिका की ब्रेकथ्रू एनर्जी वेंचर्स लिमिटेड II LP (BEV) में 50 मिलियन डॉलर यानी करीब 372 करोड़ रुपए का निवेश करेगी. इस निवेश को लेकर दोनों कंपनियों के बीच समझौता हो गया है. ब्रेकथ्रू एनर्जी ग्रुप को माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स लीड करते हैं. हाल ही में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप के डील को मंजूरी मिली है. इसके तहत रिलायंस, फ्यूचर ग्रुप के रिटेल, होलसेल, लॉजिस्टिक्स और वेयर हाउसिंग कारोबार का अधिग्रहण करेगी. 25 सितंबर से 9 नवंबर के बीच RIL ने रिटेल वेंचर में 10 फीसदी हिस्सेदारी बेचकर 47 हजार करोड़ रुपए से अधिक की रकम जुटाई है. भविष्य में टेलीकाम, रिटेल और ई-कामर्स सेक्टर में रिलायंस गंभीरता से फोकस कर रहा है.
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