आप ठगिए... 8 करोड़ लोग तैयार हैं पैसा लेकर
251 रुपए वाले दुनिया के सबसे सस्ते स्मार्टफोन की पहली डिलेवरी अप्रैल के आखिरी सप्ताह में देने की बात कही गई थी. करीब 8 करोड़ लोग इंतजार में हैं. लेकिन कहीं कोई सुगबुगाहट नहीं है.
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महज 251 रुपये में स्मार्टफोन खरीदने का ऑफर मिला और लगभग 8 करोड़ लोगों ने इसे हांथो-हांथ लपकने के लिए पैसे बढ़ा दिए. यदि कोई 500 रुपये में हेलीकॉप्टर बेचने का ऑफर लेकर आता तो? यकीन मानिए इस रकम पर हेलीकॉप्टर खरीदने के लिए इससे भी ज्यादा हांथ लपक जाते. मतलब साफ है, देश में लांच होने वाली किसी भी पॉन्जी स्कीम का भविष्य उज्ज्वल है.
फरवरी में दिल्ली से सटे नोएडा में स्थित एक कंपनी रिंगिंग बेल्स ने दुनियाभर में अपने ऑफर से तहलका मचा दिया. देसी मीडिया तो अपनी जगह अमेरिका और इंग्लैंड के अखबार और टेलीवीजन इस लांच की खबर लगाने को मजबूर हो गए. कई वेबसाइट पर तो ये तक समझाया जा रहा था कि दुनिया की इस सबसे सस्ते फोन को अपना बनाने के लिए क्या करें.
फ्रीडम 251 स्मार्टफोन का लांच |
मीडिया, टेक्नोलॉजी के जानकार, माबाइल कंपनियों समेत देशभर से पोटेंशियल खरीदार सब के जहन में बस एक सवाल. आखिर कैसे कोई कंपनी कम से कम 4 से 5 हजार रुपये में मिलने वाले किसी स्मार्टफोन को महज टॉकटाइम के दाम पर बेच सकती है. यह और रोचक तब हो गया जब मार्च आते आते एक मोबाइल कंपनी एडकॉम ने खुलासा किया कि रिंगिंग बेल्स ने अपने लांच के लिए उनसे 3600 रुपये में स्मार्टफोन खरीदा है. इन सबके बावजूद देश में पढ़े-लिखे लोगों की कमी नहीं है. कपंनी के वादों को सुना, देखा और आंक लिया कि महज 251 रुपये में फोन देने वाली कंपनी अगर मुकर भी जाए तो नुकसान कोई बड़ा नहीं है. ट्राय करने में क्या जाता है.
देश में स्पीक एशिया हो या शारदा चिटफंड जैसी पॉजी स्कीम, वह भी ग्राहकों की इसी मानसिकता के इर्द-गिर्द अपना रेवेन्यू मॉडल बुनती है. रिंगिंग बेल्स ने भी झटपट कमाई के लिए एक ‘स्कीम’ के तहत दुनिया का सबसे सस्ता स्मार्टफोन फ्रीडम 251 लाने का सपना दिखा दिया.
यदि कंपनी फोन नहीं भी देगी तो भी कोई कोर्ट नहीं जाएगा, क्योंकि...
मीडिया में छप रही खबरों के मुताबिक कंपनी के पास फ्रीडम 251 के लिए 7.35 करोड़ एडवांस बुकिंग मौजूद है. इसमें से शुरुआती बुकिंग में लिए गए ऑर्डर को कंपनी ने एडवांस पेमेंट लेकर किया. हालांकि कुछ दिनों की बुकिंग के बाद जब कंपनी की नीयत पर शक उठने लगा तब रिंगिंग बेल्स ने ग्राहकों को पेमेंट ऑन डिलेवरी का ऑफर देते हुए उन ग्राहकों का पैसा जल्द लौटाने का वादा कर लिया. लिहाजा मान लेते हैं कि कंपनी ने कुल बुकिंग के आधे पर एडवांस पेमेंट प्राप्त किया है या कहें 4 करोड़ फोन के लिए वह ग्राहकों से पैसा वसूल चुकी है (कंपनी की तरफ जारी वास्तविक आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं).
कुल फोन की एडवांस बुकिंग 4 करोड़
251 रुपये की दर से प्राप्त कुल रकम 1004 करोड़
1 लाख रुपये पर प्रति माह ब्याज 900 रुपये
1 करोड़ पर मासिक ब्याज 90 हजार रुपये
1004 करोड़ पर मासिक ब्याज 9.03 करोड़ रुपये
उपर्युक्त हिसाब से साफ है कि रिंगिंग बेल्स कंपनी को प्रति माह ब्याज में 9 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई हो रही है यदि वह पूरी रकम महज बैंक में रख दे. ग्राहकों से जुटाए लगभग 1 हजार करोड़ पर बैंक से ब्याज की आमदनी कारोबारी दुनिया में न्यूनतम रहती है. वहीं 1 हजार करोड़ रुपये के फंड के जरिए स्टॉक मार्केट, कमोडिटी मार्केट, सोना और अन्य प्रेशस मेटल्स, रियल स्टेट और हवाला जैसे कारोबार में छोटी अवधि के निवेश में भी रिटर्न 20 फीसदी से 100 फीसदी तक मिल सकता है.
इस स्थिति में यदि दुनिया का यह सबसे सस्ता मोबाइल फोन ग्राहकों तक नहीं पहुंचता और कंपनी को कुछ ग्राहकों को पैसे लौटाने भी पड़ते हैं तो इतना साफ है कि पूरी स्कीम में उसके पास एक बड़ी रकम बतौर मुनाफे के मौजूद रहेगी. वहीं कंपनी ने इस स्कीम में अपने प्रोडक्ट की कीमत महज 251 रुपये रखी है. यदि कंपनी न फोन दे और न ही यह पैसा लौटाए तो भी ग्राहक अपना पैसा वापस पाने के लिए कोर्ट नहीं जाएगा. 251 रुपये पाने के लिए उससे इससे कहीं ज्यादा पैसे और समय खर्च करने पड़ेंगे.
यानी रिंगिंग बेल्स की स्कीम सफल है. और वह प्रेरणा देती रहेगी कई लोगों को. जिनमें से हो सकता है कोई 500 रुपये में हेलिकॉप्टर बेचने आ जाए. 8 करोड़ लोग तैयार बैठे हैं खरीदने के लिए.
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