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Updated: 06 फरवरी, 2018 10:20 PM
अनुज मौर्या
अनुज मौर्या
  @anujkumarmaurya87
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जब भी कुछ बड़ा होता है तो उसका असर शेयर बाजार पर भी देखने को मिलता है. बजट के दिन भी शेयर बाजार में एक हलचल हुई. बजट पेश होने के साथ ही शेयर बाजार में एक गिरावट का रुख दिखाई दिया. लेकिन जितनी तेज गिरावट शुरू में दिखी, उसमें काफी रिकवरी भी हो गई. ये बात बिल्कुल सही है कि बजट वाले दिन शेयर बाजार के गिरने का एक कारण बजट में लॉन्ग टर्म गेन पर टैक्स लगाने का फैसला भी था. लेकिन अगर ये कहा जाए कि बजट की वजह से ही अभी तक लगातार बाजार गिर रहा है तो ऐसा नहीं है. भले ही अपनी राजनीति चमकाने के लिए राहुल गांधी कितना भी बोलें कि बजट की वजह से ही शेयर बाजार गिरा है या फिर लोगों को बजट में भरोसा नहीं है, लेकिन वास्तविकता कुछ और ही है.

यह ध्यान रखने वाली बात है कि जो भी विपक्ष में होता है, वह सरकार के फैसलों का विरोध करता ही है, चाहे वह कांग्रेस हो या फिर भाजपा हो. हालांकि, अगर नेता किसी फैसले के खिलाफ बोलने या ट्वीट करने से पहले थोड़ा रिसर्च भी कर लें तो शायद उन्हें सरकार पर निशाना साधने में आसानी हो जाए. यहां यह भी समझना बेहद जरूरी है कि शेयर बाजार में गिरावट सिर्फ भारत में नहीं आ रही है, बल्कि वैश्विक स्तर पर शेयर बाजार गिर रहा है.

कितनी आई गिरावट?

बजट से लेकर अब तक सेंसेक्स करीब 1711 अंक गिर चुका है. 1 फरवरी को सेंसेक्स 35906 के स्तर पर था, जो 6 फरवरी तक गिरकर 34,195 के स्तर पर पहुंच चुका है. ये पिछले महीने भर का सबसे निचला स्तर है.

अगर बात की जाए निफ्टी की तो उसमें बजट से लेकर अब तक कुल 518 अंकों की गिरावट दर्ज की गई. 1 फरवरी को निफ्टी 11,016 के स्तर पर था, जो 6 फरवरी तक गिरकर 10,498 के स्तर पर पहुंच चुका है.

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जानिए, क्यों गिर रहा है शेयर बाजार?

शेयर बाजार के गिरने का दौर बजट से शुरू जरूर हुआ, लेकिन तेजी से नए रिकॉर्ड बनाने के बाद अब शेयर बाजार के लगातार गिरने का कारण कुछ और ही है.

- इसके गिरने का पहला कारण है शेयर बाजार में करेक्शन. विशेषज्ञों का मानना है कि पिछले कुछ समय में शेयर बाजार में काफी तेजी आई है और अब लोग अपने शेयर बेचकर मुनाफावसूली कर रहे हैं. उनका मानना है कि शेयर बाजार के लिए यह सामान्य सी बात है.

- कुछ विशेषज्ञों ने तो शेयर बाजार के गिरने का मुख्य कारण तेजी से बढ़ रहे वेतन को बताया है. शुक्रवार को अमेरिका के श्रम विभाग ने रिपोर्ट जारी की, जिसके अनुसार पिछले साल के मुकाबले इस साल जनवरी में लोगों का वेतन 2.9 फीसदी बढ़ा है. दरअसल, अमेरिका में बेरोजगारी बहुत ही कम है, जिसकी वजह से कंपनियों को अपने कर्मचारियों को अधिक सैलरी देनी पड़ रही है. माना जा रहा है कि बढ़ती सैलरी का असर चीजों के दामों पर पड़ेगा, जिससे महंगाई आएगी. इसके चलते भी शेयर बाजार से लोग मुनाफावसूली करते हुए अपने शेयर निकाल रहे हैं. ड्यूचे बैंक के चीफ इंटरनेशनल इकोनॉमिस्ट Torsten Slok ने भी लोगों का वेतन बढ़ने को ही निवेशकों द्वारा मुनाफावसूली करने की मुख्य वजह बताया है.

- वहीं दूसरी ओर, यह भी खबरें हैं कि फेडरल रिजर्व की तरफ से ब्याज दरें बढ़ाई जा सकती हैं, जिसके चलते भी शेयर बाजार में गिरावट देखी जा रही है. Torsten Slok के अनुसार फेडरल रिजर्व को आशंका है कि महंगाई बढ़ सकती है, जिसके चलते ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी की जा सकती है. जिस तरह से शेयर बाजार गिर रहा है उससे यह भी अंदाजा लगाया जा रहा है कि हो सकता है फेडरल रिजर्व बाजार को कंट्रोल में रखने के लिए ब्याज दरें न बढ़ाए.

कहां पर कितने गिरे शेयर बाजार?

जैसा ट्रेंड सेंसेक्स में देखने को मिल रहा है ठीक वैसा ही निफ्टी में भी देखने को मिल रहा है. ऐसा नहीं है कि यह सिर्फ भारतीय शेयर बाजार में है. यही ट्रेंड विदेशी शेयर बाजारों में भी दिखाई दे रहा है. भले ही वह अमेरिका का Dow Jones हो, जापान का Nikkei हो या फिर हांगकांग का Hang Seng हो, कोई भी गिरावट के इस दौर से अछूता नहीं है. नीचे दी गई तस्वीरों में देखिए बजट वाले दिन यानी 1 फरवरी से लेकर अब तक कहां पर कितना गिर गया शेयर बाजार.

 

बजट 2018, शेयर बाजार, मोदी सरकार, अरुण जेटली, नरेंद्र मोदी, बिजनेस, बजटसेंसेक्स में तो 30 जनवरी से ही गिरावट शुरू हो गई थी.

बजट 2018, शेयर बाजार, मोदी सरकार, अरुण जेटली, नरेंद्र मोदी, बिजनेस, बजटनिफ्टी में भी लोगों ने 30 जनवरी से ही मुनाफावसूली करना शुरू कर दिया था.

बजट 2018, शेयर बाजार, मोदी सरकार, अरुण जेटली, नरेंद्र मोदी, बिजनेस, बजटजापान के निक्केई में तो 1 फरवरी को तेजी देखी गई थी, लेकिन उसके बाद फिर गिरावट का दौर शुरू हो गया.

बजट 2018, शेयर बाजार, मोदी सरकार, अरुण जेटली, नरेंद्र मोदी, बिजनेस, बजटअमेरिका के डाऊ जोन्स में भी 2 फरवरी से गिरावट देखी गई.

बजट 2018, शेयर बाजार, मोदी सरकार, अरुण जेटली, नरेंद्र मोदी, बिजनेस, बजटहांगकांग के हेंगसेंग इंडेक्स में भी 1 फरवरी से गिरावट आई.दुनिया भर के शेयर बाजारों की हालत देखकर यह साफ होता है कि सिर्फ भारतीय शेयर बाजार में ही गिरावट नहीं है, बल्कि पूरी दुनिया में ही ये गिरावट देखी जा रही है. यानी अगर आप भी अभी तक यह सोच रहे थे कि बजट की वजह से शेयर बाजार में गिरावट आ रही है तो आप गलत हैं. यह ग्लोबल स्तर की गिरावट है, जिसका सीधा असर भारतीय शेयर बाजारों पर पड़ रहा है. तो अगर अब कोई आपको कहे कि बजट की वजह से शेयर बाजार धड़ाम हो गया है, तो उसे ये स्टोरी पढ़ा दीजिएगा, वो समझ जाएगा गिरावट का असली कारण.

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