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Updated: 09 नवम्बर, 2016 08:54 AM
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देश में कालेधन पर लगाम लगाने के लिए एक बड़ी सर्जिकल स्ट्राइक का फैसला लिया गया. देश की अर्थव्यवस्था में 500 रुपए और 1000 रुपए के नोट सर्वाधिक सर्कुलेशन में है और यही करेंसी देश में कालेधन को छिपाने के काम भी आती है. अब इसे एक झटके में खत्म करने के लिए केन्द्र सरकार ने मंगलवार रात 12 बजे (8 नवंबर) से सभी 500 और 1000 रुपये के नोट को प्रतिबंधित कर दिया है.

इन दोनों करेंसी को प्रतिबंधित करते हुए प्रधानमत्री मोदी ने बताया कि जल्द इनकी जगह लेने के लिए 500 रुपये और 2000 रुपये के नए नोट बाजार में उतारे जाएंगे.

 

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 2000 रुपये की नई नोट

प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि यह कदम केन्द्र सरकार के लिए जरूरी इसलिए हो गया था क्योंकि बीते कई दशकों से देश की अर्थव्यवस्था में मौजूद खरबों-अरबों की ब्लैकमनी विकास को रोक रही थी. मोदी के मुताबिक इसी ब्लैकमनी के चलते सरकार की नीतियों का कोई फायदा देश की गरीब जनता को नहीं पहु्ंच रहा था और वह पूरी तरह से विकास के पहिए से अछूते थे.

प्रधानमंत्री की घोषणा के मुताबिक अब 500 और 1000 रुपये के नोट को बैंक और पोस्टऑफिस में जमा कराने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. पुराने नोट 30 दिसंबर तक जमा कराए जा सकते हैं.

9 और 10 नवंबर को देश के कई एटीएम काम नहीं करेंगे और 9 नवंबर को देश के बैंक बंद रहेंगे. लिहाजा प्रधानमंत्री ने लोगों से अपील की है कि वह किसी तरह की अफरा-तफरी में न आएं. मोदी ने भरोसा दिलाया है कि 11 नवंबर तक केन्द्र सरकार कुछ विशेष इंतजाम कर देगी.

अंत में प्रधानमंत्री ने माना कि उनके इस फैसले से आम आदमी को कुछ दिनों तक दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. लेकिन उन्होंने भरोसा दिलाया कि इस कदम के बाद देश में कालेधन पर पूरी तरह से लगाम लगा दी जाएगी. लिहाजा आम आदमी कुछ दिनों की इस परेशानी का सामने करने के लिए तैयार रहें. यह कदम देश के हित में है.

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