EV कार बाजार में टाटा क्या वो करिश्मा कर पाएंगे जो छोटी कारों के मामले में मारुति ने किया?
टाटा मोटर्स (Tata Motors) के टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी डिवीजन ने इसी साल Curvv EV और Avinya EV का कॉन्सेप्ट वर्जन भी लोगों के सामने रखा था. जो 2026 तक लॉन्च कर दी जाएंगी. वहीं, 2026 तक टाटा मोटर्स के इलेक्ट्रिक व्हीकल (Electric Vehicle) के बेड़े में 10 ईवी जुड़ेंगी.
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इलेक्ट्रिक व्हीकल यानी ईवी का चलन भारत में काफी तेजी से बढ़ रहा है. भारत के ऑटो मोबाइल बाजार में दोपहिया, तीन और चार पहिया के सभी सेगमेंट में ईवी की बिक्री तेजी से बढ़ती नजर आ रही है. इंडिया एनर्जी स्टोरेज एलायंस (आईईएसए) की रिपोर्ट के अनुसार, 2030 तक इलेक्ट्रिक व्हीकल का बाजार 49 फीसदी की सालाना वृद्धि दर से बढ़ेगा. और, 2030 तक हर साल 17 मिलियन से ज्यादा इलेक्ट्रिक व्हीकल बिकने का अनुमान है. इस बीच खबर है कि टाटा मोटर्स ने अप्रैल से अगस्त के बीच में अपनी दो टिगोर ईवी और नेक्सन ईवी की कुल 17,150 यूनिट बेची हैं. हाल ही में टाटा मोटर्स ने टियागो ईवी को भी लॉन्च कर दिया है. और, 2026 तक टाटा मोटर्स अपने इलेक्ट्रिक व्हीकल के बेड़े में 10 ईवी जोड़ लेगी.
टाटा मोटर्स की ये कोशिश बीते साल केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी द्वारा इलेक्ट्रिक व्हीकल को लेकर दिए गए बयान को पूरा करना की ओर एक कदम कहा जा सकता है. नितिन गडकरी ने कहा था कि 2030 तक सरकार का इरादा 30 प्रतिशत निजी कारों, 70 प्रतिशत वाणिज्यिक वाहनों और 80 प्रतिशत दोपहिया और तिपहिया वाहनों में इलेक्ट्रिक व्हीकल की बिक्री का है. हालांकि, नितिन गडकरी के इस इरादे को इंडियन वेंचर एंड अल्टरनेट कैपिटल एसोसिएशन (आईवीसीए) ने कुछ ज्यादा ही 'आक्रामक' बताया था. लेकिन, जिस तरह से ग्राहकों का रुझान इलेक्ट्रिक व्हीकल की ओर बढ़ रहा है. उसे देखकर कहा जा सकता है कि भले ही ये लक्ष्य पूरा न हो सके. लेकिन, इसे पाने के करीब आसानी से पहुंचा जा सकता है.
और, टाटा मोटर्स की टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी (TPEM) डिवीजन इसमें बिलकुल भी पीछे नहीं रहना चाहती है. बताना जरूरी है कि टाटा मोटर्स के टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी डिवीजन ने इसी साल Curvv EV और Avinya EV का कॉन्सेप्ट वर्जन भी लोगों के सामने रखा था. ये दोनों ही ईवी 2026 तक टाटा मोटर्स की ओर से लॉन्च कर दी जाएंगी. कुल मिलाकर टाटा मोटर्स इलेक्ट्रिक व्हीकल के चार पहिया बाजार को अभी से कैप्चर करने की तैयारी में जुट गया है. और, जिस आक्रमकता के साथ टाटा मोटर्स अपने इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के मॉडल्स को बढ़ा रहा है. उससे यही इशारा मिलता है कि भारत में आसानी से ईवी को लेकर पहली पसंद टाटा मोटर्स बन सकती है.
टाटा मोटर्स ऑटो मोबाइल सेक्टर से इतर इलेक्ट्रिक व्हीकल के मामले में अपनी पकड़ मजबूत करने को तैयार है.
एसयूवी कैटेगरी में ईवी के जरिये महिंद्रा को टक्कर
बीते कुछ सालों में भारत के एसयूवी कार मार्केट पर महिंद्रा ग्रुप का कब्जा रहा है. लेकिन, समय के साथ एसयूवी कारों के इस मार्केट में मिनी एसयूवी, कॉम्पैक्ट एसयूवी और एसयूवी के अलग-अलग सेगमेंट बन गए हैं. इन तमाम सेगमेंट में महिंद्रा ग्रुप को टक्कर देना आसान नहीं है. लेकिन, जब बात ईवी की आती है. तो, महिंद्रा अभी इस मामले में पीछे ही नजर आता है. फिलहाल महिंद्रा ने केवल ई2ओ प्लस हैचबैक और ई वेरिटो के साथ ई सुप्रो कॉर्गो वैन ही लॉन्च की है. जबकि, टाटा मोटर्स ने हैचबैक में महिंद्रा को टक्कर देने के लिए टियागो ईवी को उतार दिया है.
इतना ही नहीं, टिगोर ईवी कॉम्पैक्ट कार और नेक्सन ईवी एसयूवी सेगमेंट में महिंद्रा ग्रुप से लोहा लेने के पहले से ही इलेक्ट्रिक व्हीकल मार्केट में तैयार खड़ी हैं. वैसे, हैचबैक और एसयूवी सेगमेंट की बात की जाए, तो टाटा मोटर्स के ईवी बेड़े की ये कारें डिस्टेंस रेंज के मामले में फिलहाल महिंद्रा ग्रुप से बेहतर ही नजर आती हैं. वहीं, कीमत के मामले में इलेक्ट्रिक व्हीकल अभी भी थोड़े महंगे ही हैं. लेकिन, समय के साथ इसके घटने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है.
वैसे, महिंद्रा ग्रुप के साथ ईवी बाजार में उतरने का सबसे बड़ा ड्रॉबैक उसकी एसयूवी कारों का वो सेगमेंट है. जो लंबे समय से भारतीय बाजार पर छाया हुआ है. दरअसल, स्कॉर्पियो, बोलेरो, थार जैसे मॉडल्स को ईवी में उतारना महिंद्रा के लिए आसान नहीं होने वाला है. क्योंकि, ऑन रोड और ऑफ रोड के लिए बेहतरीन की कैटेगरी में आने वाले इन वाहनों को ईवी में लाकर महिंद्रा अभी अपने एसयूवी मार्केट के शेयर को शायद ही खराब करना चाहेगी. क्योंकि, महिंद्रा का भारतीय कार बाजार के एसयूवी सेगमेंट में ही दबदबा है.
शेयर बाजार पर नजर रखने वालों के लिए भी मौका
यूं तो टाटा मोटर्स काफी समय से शेयर बाजार का हिस्सा है. लेकिन, बीते कुछ सालों में इसके शेयर की कीमतों में तेजी आई है. दरअसल, टाटा मोटर्स पर निवेशकों का भरोसा बढ़ा है. क्योंकि, टाटा मोटर्स का एक्सपेंशन सिर्फ ऑटो मोबाइल सेक्शन तक सीमित न होकर ईवी में भी तेजी से हो रहा है. अगर इलेक्ट्रिक व्हीकल के मार्केट की बात की जाए, तो टाटा मोटर्स जिस तेजी के साथ ईवी के नंबर बढ़ा रहा है. उम्मीद की जा सकती है कि उसके शेयर की कीमत भी उतनी ही तेजी से बढ़ेगी. और, टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी डिवीजन इसके लिए बाकायदा एक रोडमैप के साथ आगे बढ़ रहा है.
वैसे, हाल-फिलहाल के कुछ सालों में भारतीय बाजार में किसी विदेशी ईवी कंपनी का आना आसान नहीं है. इसी साल टेस्ला ने भी भारत में अपनी कारों की लॉन्चिंग से हाथ पीछे खींच लिए थे. क्योंकि, मोदी सरकार ने टेस्ला से भारत में ही मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट लगाने की बात कही थी. जिस पर बात बन नहीं पाई थी. आसान शब्दों में कहें, तो केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार मेक इन इंडिया के प्रोजेक्ट के तहत भारतीय उद्यमियों को बढ़ावा दे रही है. और, टाटा मोटर्स ने इस मौके को हाथों-हाथ लेने का मन बना लिया है.
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