अभी भी कई रोड़े हैं काले धन के खिलाफ अभियान में
करोड़ों का कालाधन रोज पकड़ा जा रहा है, आयकर विभाग भी तेजी से अपना काम कर रहा है, लेकिन अभी भी कालेधन पर नकेल कसने की सड़क काफी लंबी है. जानिए क्यों..
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शनिवार को दक्षिण-पूर्व दिल्ली के ग्रेटर कैलाश इलाके में एक लॉ फर्म के दफ्तर पर छापेमारी के दौरान लगभग 13 करोड़ 50 लाख रुपए की नकदी बरामद हुई है. इनमें से ढाई करोड़ रुपए से भी ज्यादा नोटबंदी के फैसले के बाद जारी किए गए नए नोटों में है.
कर्नाटक के चित्रदुर्ग जिले में एक हवाला कारोबारी के बाथरूम में बनी तिजोरी से 5.7 करोड़ रुपए के नए नोट, 32 किलो सोने के बिस्कुट व आभूषण और 90 लाख रुपए के पुराने नोट बरामद किए. सीबीआई ने 2,000 के नए नोट में 65 लाख रुपए की नकदी पकड़ी है. नकदी हैदराबाद में वरिष्ठ डाकघर अधीक्षक के यहां से पकड़ी गई.
सांकेतिक फोटो |
आयकर विभाग के शीर्ष अधिकारियों ने 8 दिसंबर को छापेमारी शुरू किया शुक्रवार जारी थी आयकर विभाग ने नोटबंदी के बाद कर चोरी के मामलों की जांच करने के लिए शहर के कई स्थानों पर छापे मारे तथा 106 करोड़ रुपए नकद और 127 किलोग्राम वजन की सोने की छड़ें बरामद कीं. जब्त की गई कुल नकदी में 10 करोड़ रुपए के नए नोट थे. नोटबंदी के बाद यह नए नोटों की जब्ती का सबसे बड़ा मामला है.
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मुंबई के दादर से भी 85 लाख के नए नोट बरामद किए गए हैं. हरियाणा में भी क्राइम ब्रांच ने दस लाख के नए नोट बरामद किए हैं. जांच चल रही है. बुधवार को 70 लाख के नए नोट के साथ दो लोगों को गिरफ्तार किया गया. मध्यप्रदेश के होशंगाबाद में 43 लाख 60 हजार के नोट जब्त हुए हैं. एक टीवी एक्टर के पास से 500 और 2000 के नए नोट जब्त किए गए हैं. तेलंगाना में 2000 के नए नोटों में 94 लाख कैश जब्त किया गया.
ये कुछ बानगी है पिछले दो-तीन दिनों में गौर करने की बात ये है कि ये तमाम खबरें रोज ब रोज सुर्खिंया बटोर रही हैं. वैसे ये तमाम खबरे हैं पिछले दिनों की और जब से नोटबंदी का एलान हुआ है, तब से अरबों के काले धन का पता चल चुका है.
जहाँ तक ये काले धन के स्याहपोशों की कारगुजारियों की अब हम जन धन में जमा काले धन पर भी निगाह डालें तो साफ लगता है कि काले धन को सफ़ेद करने में इन खातों का भी खूब दुरूपयोग हो रहा है. भारत में कुल जन-धन अकाउंट की बात करें तो जन धन के तहत करीब 26 करोड़ खाते हैं, जिन्हें अगस्त 2014 में खोला गया था जिनमें करीब 75% खातों में 8 नवंबर तक शून्य बैलेंस था, अभी तक करीब 23% अकाउंट का बैलेंस शून्य ही है. ख़बरों के मुताबिक करीब जन धन खातों में अब तक हज़ारों करोड़ की राशि जमा हो चुकी है, खबरों के मुताबिक तीस नवंबर तक जनधन खातों में जमाराशि 74,321.55 करोड़ हो चुकी थी. 8 नवंबर की नोटबंदी के बाद करीब 28,685 करोड़ की बढ़ोत्तरी हुई है.
सांकेतिक फोटो |
23 नवंबर से 30 नवंबर के बीच 1,487 करोड़ की राशि जमा हुई. उससे पहले के सप्ताह में यह राशि 8,283 करोड़ थी. 8 नवंबर को जनधन खातों में 45,636 करोड़ की राशि जमा थी. यानी 8 नवंबर से 30 नवंबर के बीच 28,685 करोड़ की राशि जमा होती है. ये कौन लोग हैं जो जन धन अकाउंट में अपने पैसे डाल रहे हैं? क्या उन सफ़ेद पॉश लोगों तक सरकार के हाथ पहुंच पाएंगे?
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एक और चिंताजनक बात है कि भारत में आईटी डिपार्टमेंट में खासी कमी है. कुल 7300 करीब अधिकारियों वाली संस्था में 4200 आईटी अधिकारी हैं, जिनके सामने ये काफी मुश्किल और दुरूह जिम्मेवारी है कि उन काले धन कुबेरों पर कानून सम्मत कार्यवाही की जाए. जिस तादाद में रकम बरामद हो रही है उससे लग रहा है कि अभी भी कुछ लोगों के लिए सिस्टम में कुछ भी असंभव नहीं है और ना ही इन लोगों को कानून का कोई डर.
अब सबाल ये उठता है कि पूरे देश में जहाँ लोगों को घंटों लाइन में खड़े होने के बाद दो हजार का नोट भी नहीं मिल रहा है, वहीं कुछ लोगों के पास लाखों-करोड़ों के नए नोट कहां से आ जा रहे हैं? साथ ही पुराने नोट भी काफी तादाद में मिल रहे हैं. सच में आश्चर्य होता है! सरकार के इस कदम से फायदा हुआ कि नहीं इसका आकलन होना अभी बाकी है क्योंकि अभी भी लगातार सरकार के तरफ से लगातार छापामारी जारी है.कभी ये भी लगता है कि कले धन को सफ़ेद करने में राजनितिक संपर्क के अलावा बैंक के कर्मचारी और बड़े स्याहपोश लोगों की मिलीभगत भी बड़े पैमाने पर उजागर हो रही है.
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