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Updated: 31 अगस्त, 2015 09:47 PM
राहुल मिश्र
राहुल मिश्र
  @rmisra
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कंट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल (सीएजी), कंम्पटीशन कमीशन (सीसीआई), टेलिकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी (ट्राई) जैसी संस्थाएं देश में सरकार और प्राइवेट कंपनियों के कामकाज पर खास नजर रखती हैं. हाल में ही चारों संस्थानों के जारी किए आंकड़े दिखा रहे हैं कि देश में बड़े पैमाने पर कारोबार में धांधली का मंजर कायम है. इन सबके बीच आम उपभोक्ता कि स्थिति बड़ी भयावह है, क्योंकि बाजार से जरूरी सुविधाएं उसे चाहिए लेकिन इस धांधली के बीच उसे अपनी गाढ़ी कमाई से हजारों लाखों रुपये का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है.   बिजली कंपनियों ने की 8000 करोड़ रुपए की ठगी

सीएजी ने दिल्ली में पावर डिस्ट्रीब्यूशन में लगी तीन निजी कंपनियों की सेहत जांचने का काम हाल में शुरू किया था. इसी महीने आई ड्राफ्ट रिपोर्ट के मुताबिक तीनों कंपनियों ने दिल्ली में बिजली उपभोक्ताओं से लगभग 8000 करोड़ रुपये बेमानी से वसूले हैं. ड्राफ्ट रिपोर्ट के मुताबिक उपभोक्ताओं को यह नुकसान अधिक बिलिंग और घटिया क्वालिटी के मीटर के चलते उठाना पड़ा है. इसके अलावा रिपोर्ट यह भी कह रही है कि इस लूट के बावजूद इन कंपनियों ने अपने घाटे को बढ़ा चढ़ा कर पेश किया है.

गूगल ने तो सर्च ही बदल डाली

सीसीआई ने पिछले हफ्ते जारी एक रिपोर्ट में खुलासा किया है कि इंटरनेट सर्च इंजन गूगल ने यूजर्स के बीच अपनी मजबूत पकड़ का फायदा उठाते हुए यूजर्स के सर्च नतीजों में फर्जीवाड़ा करते हुए वास्तविक सर्च रिजल्ट को छिपाकर निजी फायदे के लिए प्रायोजित नतीजों को दिखाया है. इसके चलते जहां इंटरनेट आधारित कई कारोबार, जैसे ई-रीटेल, को बड़ा नुकसान उठाना पड़ता है वहीं यूजर्स के साथ हो रही यह धोखाधड़ी भी उनको गलत सूचना मुहैया कराकर की जा रही है.

पता चल जाएगा कि कॉल ड्रॉप से कितना कमाया टेलिकॉम कंपनियों ने

हाल ही में जारी ट्राई की रिपोर्ट में पाया गया है कि देश में ज्यादातक टेलिकॉम ऑपरेटर कॉल ड्रॉप की समस्या से निपटने के लिए निर्धारित मानकों का पालन नहीं करते. इसके साथ ही यह पाया गया कि पिछले कुछ सालों में ऑपरेटरों की लापरवाही के चलते कॉल ड़्राप की समस्या में बड़ी वृद्धि देखने को मिली है. ट्राई के खुलासे के बाद सकते में आई केन्द्र सरकार ने अब ट्राई को निर्देश दिया है कि वह जल्द से जल्द यह पता लगाए कि क्या टेलिकॉम आपरेटर कॉल ड्रॉप के जरिए अपने रेवेन्यू को बढ़ाने में लगे हैं. इस आशय की ट्राई की रिपोर्ट जल्द सामने आने की उम्मीद है.

जहां देश सूचना और टेक्नॉलजी रेवोल्यूशन के इस अहम दौर से गुजर रहा है, ऐसे में इस तरह कि टॉप लेवल की चोरियां उपभोक्ताओं के लिए परेशानी का सबब बन रही है. उप्भोक्ताओं को किसी भी सूरत में इन सुविधाओं की दरकार है लेकिन इस स्तर पर कारोबार में हो रही धांधली के आगे उसके सामने लुटने के सिवाए क्या विकल्प है?

#कॉरपोरेट थेफ्ट, #धोखाधड़ी, #ट्राई, कॉरपोरेट थेफ्ट, चोरी, धांधली

लेखक

राहुल मिश्र राहुल मिश्र @rmisra

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में असिस्‍टेंट एड‍िटर हैं

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