'EVM हैकिंग की जांच हो सकती है तो 11 गाय उठा ले गए एलियन की क्यों नहीं!'
छत्तीसगढ़ में 11 गायों को एलियन द्वारा उठा ले जाए जाने की खबर हर उस व्यक्ति के लिए सच होना चाहिए, जो EVM हैकिंग को सच मानते हैं. जांच नहीं होगी, तो दूध का दूध और पानी का पानी कैसे होगा?
-
Total Shares
असाधारण. अनसुनी. लेकिन, अब सबकी जुबान पर है इस घटना की कहानी. छत्तीसगढ़ में 11 गायों को एलियन (अंतरिक्ष से आए प्राणी) उठा ले गए हैं. एक प्रेस कान्फ्रेंस के बाद प्रकाश में आई इस घटना से आदिवासी अंचल वाले इस राज्य में सनसनी फैल गई है. लोगों की अपनी चिंता है, लेकिन राज्य की सरकार के सामने मुसीबत खड़ी हो गई है. गौरक्षा के कारण हो रही लिंचिंग की घटनाओं पर सियासत अपनी जगह है. लेकिन, छत्तीसगढ़ में गायों के प्रति चिंता का कारण तो इस दुनिया का ही नहीं निकला. एक हफ्ते पहले रायपुर के पत्रकारों को अचानक से न्यौता आया. निवेदक का नाम लगभग अंजान ही था. प्रेस कान्फ्रेंस का विषय और भी अटपटा. चूंकि, मामला गाय से जुड़ा था, तो पत्रकार बिरादरी ने इस विषय की संवेदनशीलता से समझौता नहीं किया.
पत्रकार वार्ता में प्रमुख वक्ता के साथ विपक्षी पार्टी के एक नेता भी मंच पर मौजूद थे. बातचीत शुरू हुई. माथे पर चिंता की तमाम लकीरें समेटे वक्ता ने भूमिका बांधी.
'गायों पर नया संकट आया है. और ये कोई गो-तस्कर या बूचड़खने वाले नहीं हैं.'
प्रेस कान्फ्रेंस धीरे-धीरे आगे बढ़ी. और विषय को लेकर रहस्य और रोमांच.
सभा में मौजूद सभी लोगों के मुंह तब खुले रह गए और आंखें फटी की फटी, जब वक्ता ने कहा कि अंतरिक्ष से आए कुछ प्राणियों ने 11 गायों को अगवा कर लिया है. वे गायों को उठा ले गए हैं. यदि इस मामले की पड़ताल नहीं हुई, और इसे रोकने के इंतजाम नहीं हुए तो आने वाले समय में हो सकता है कि गाय प्रजाति पर अभूतपूर्व संकट आ जाए.
प्रेस कान्फ्रेंस में अब तक सभी गंभीर हो चुके थे. सबके मन में अलग-अलग सवाल थे. जैसे ही वक्ता ने अपनी बात खत्म की, पहला सवाल दागा गया कि ये घटना कहां हुई है?
छत्तीसगढ़ में गायों के गायब होने से सनसनी फैल गई है माना जा रहा है कि इन गायों को एलियन उठा ले गए हैं
जवाब मिला कि 'अभी इसकी ठीक-ठीक लोकेशन का पता नहीं चला है, लेकिन यह राज्य के उत्तरी हिस्से में कहीं हुआ है.' वक्ता की बात में दम भरते हुए मंच पर मौजूद विपक्षी पार्टी के नेता ने कहा, 'हां-हां मैंने भी इसके बारे में सुना है.'
पहले जवाब के बाद पत्रकारों के बीच से दूसरा सवाल थोड़ी तल्खी के साथ आया- 'चलो घटना कहां हुई ये नहीं पता, लेकिन ऐसा होते हुए किसने देखा है?'
वक्ता इस सवाल में थोड़ा डिफेंसिव जरूर हुआ, लेकिन उसका कान्फिडेंस अब भी कम नहीं था. उसने कहा कि यह घटना होने की उसके पास पुख्ता जानकारी है. जहां तक घटना के चश्मदीद की बात है, तो इसका जवाब थोड़ा टेक्निकल है. क्योंकि मामला लो-फ्रीक्वेंसी का है.
वक्ता ने अपनी बात को समझाते हुए थोड़ा विस्तार दिया. 'ऐसा है जब UFO (उड़न-तश्तरी) जब लो-फ्रीक्वेंसी पर जमीन पर आती है, तो इसके बारे में किसी को पता नहीं चलता. 11 गायों को अगवा किए जाने के मामले में भी ऐसा ही हुआ है.'इस जवाब के बाद पत्रकार बिरादरी किंकर्तव्य-विमूढ़ थी. क्योंकि अगला सवाल शरणागत भाव के साथ आया. पूछा गया, 'अच्छा आप ही बताइए, आपको क्या लगता है, अंतरिक्ष से आए प्राणी उन 11 गायों का क्या करेंगे?'
वक्ता का जवाब उस रिसर्च पेपर की तरह था, जिससे निष्कर्ष नदारद है. उन्होंने जवाब थोड़ा घुमाकर दिया, 'देखिए, इसे कोई स्थानीय घटना नहीं माना जाना चाहिए. अंतरिक्ष यात्रियों ने छत्तीसढ़ को देख लिया है. वे एक बार आए हैं, तो फिर आ सकते हैं. अब मामला सिर्फ 11 गायों के भविष्य का नहीं रह गया है. इस राज्य की सरकार को हाई-अलर्ट पर आना चाहिए. मामले की पूरी जांच करवानी चाहिए.'
11 गायों के लापता होने की कथित घटना पर वक्ता महोदय के पास जितना मसाला था, वो लगभग खत्म हो चुका था. अब मोर्चा संभालने की बारी विपक्ष के नेता पर थी. चर्चा के राज्य सरकार तक पहुंचते ही वे सक्रिय हो गए. 'बाकी मामलों में जैसे ढिलाही बरती गई है, वैसी इस मामले में नहीं चलेगी'. नेताजी हमलावर हुए.
प्रेस कान्फ्रेंस में मौजूद सभी लोगों का समर्थन हासिल करने की गरज से उन्होंने कहा- 'नक्सलवाद पर इन्हीं की पार्टी की नरमी का खामियाजा आज राज्य की जनता को भुगतना पड़ रहा है. कहीं ऐसा न हो कि आने वाला समय यह राज्य अंतरिक्ष से आने वाले प्राणियों की ज्यादती झेले. हम चाहते हैं कि इस मामले की उच्चस्तरीय जांच हों, और मामले के सभी पक्ष को जनता के सामने रखा जाए'.
पत्रकारों को कोई मौका दिए बिना नेताजी ने राज्य सरकार को अल्टीमेटम दे दिया. 'एक हफ्ते के भीतर सरकार बताए कि वह मामले में क्या करने जा रही है, वरना हम सभी राजनीतिक दलों के अलावा सिविल सोसायटी का साथ लेकर प्रदर्शन करने से पीछे नहीं हटेंगे.'
मामला चूंकि गाय से जुड़ा है इसलिए सभी के द्वारा इसे गंभीरता से लिया जा रहा है.
पत्रकार वार्ता में जो बातें हुईं, वह धीरे-धीरे सभी न्यूज वेबसाइट पर थीं. सोशल मीडिया पर #11Cows #AliensInCG #CowUnderAlienAttack ट्रेंड कर रहा था. बात थी ही ऐसी. किसी का भी दिमाग ठनक जाए. सबकी निगाहें राज्य सरकार की ओर थीं. जैसी कि उम्मीद थी, मुख्यमंत्री और मंत्री ने सामने न आकर राज्य के मुख्य सचिव को बयान देने की जिम्मेदारी सौंप दी.
कुछ चुनिंदा पत्रकारों को सचिवालय में बुलवाया गया. मुख्य सचिव ने सधे हुए शब्दों में कहा- 'हमने सभी जिले के कलेक्टरों पूछा, लेकिन कहीं से 11 गाय लापता होने की पुख्ता जानकारी नहीं मिली है.' इस मामले को प्रकाश में लाने वाले वक्ता की बातों का हवाला देते हुए एक पत्रकार ने सरकार के सबसे बड़े अफसर से पूछा 'जिस लो-फ्रीक्वेंसी पर UFO आते हैं, उसे पकड़ने की क्षमता और उपकरण राज्य सरकार के पास हैं? यदि नहीं हैं तो इस घटना की पड़ताल वह कैसे कर रही है?'इस सवाल ने मुख्य सचिव महोदय को डिफेंसिव बना दिया.
लेकिन उनकी तो पूरी उम्र गुजर गई थी, ऐसे सवालों की काट करते हुए. बोले- 'हमने जांच बंद नहीं की है. बस कोई ये तो बता दे कि जांच कहां करनी है. 11 गाय किसकी थी? अंतरिक्ष के प्राणियों को किसने देखा? घटना के सिर-पैर का कुछ तो पता चले.' अफसर बहादुर की प्रेस कान्फ्रेंस खत्म हो गई. लेकिन, इस प्रेस कान्फ्रेंस से बवाल थमने के बजाए और भड़क गया. विपक्षी पार्टी ने सरकार के खिलाफ लामबंदी तेज कर दी. ट्वीट की बाढ़ आ गई. जगह-जगह बयान दिए जाने लगे.
'वोट-बैंक की राजनीति करने वाले लोगों को गायों की चिंता कैसे होगी? गाय हमारे लिए मां है, उसे कोई दूसरे ग्रह का प्राणी ले जा रहा है और ये सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है. हम अपनी 'मां' के साथ ऐसा होते नहीं देख सकते.' विपक्षी नेताओं की बातें तीखीं, सरकार के लिए चुभने वाली थीं.
आखिर, राज्य के गृह मंत्री ने चुप्पी तोड़ी. 'गाय सिर्फ विपक्ष के लिए मां नहीं है. गाय को हम कितना सम्मान देते हैं, इसका सर्टिफिकेट हमें कोई नहीं दे सकता. जिस घटना की जानकारी मीडिया के हवाले से आई है, वह विपक्ष का बचकाना शिगूफा है. बुरी तरह से चुनाव हार जाने के बाद वे राज्य सरकार के कामकाज को नीचा दिखाने के लिए विपक्ष मनगढ़ंत थ्योरी गढ़ रहा है. जब इस घटना के बारे में पहली बार बात की गई, तो वहां विपक्षी पार्टी के नेता क्या कर रहे थे?' गृह मंत्री जी ने मुद्दा बनती इस घटना को विपक्ष की साजिश बताकर किनारा कर लिया.
इस पूरे मामले में अब ताजा जानकारी ये है, कि राज्य सरकार की तमाम दलीलों को विपक्ष ने खारिज कर दिया है. पार्टी के बड़े नेता कह रहे हैं कि 'आखिर ये सरकार मामले की जांच क्यों नहीं कराना चाहती? यदि राज्य के इतने लोग इस घटना के बारे में बात कर रहे हैं, तो यह सरकार इसकी उच्चस्तरीय जांच से क्यों डर रही है? हमारे नेता उस प्रेस कान्फ्रेंस में पर्सनल कैपेसिटी में मौजूद थे. लेकिन अब असल बात यह है कि ये सरकार जरूर इस घटना के बारे में जानती है और जानबूझकर इससे जुड़े राज छुपा रही है.'
सरकार पेसोपेश में हैं. विपक्ष हमलावर है. दोनों तरफ का मीडिया कवरेज बराबरी से हो रहा है. 11 गाय लापता होने की घटना सच है या नहीं, ये अभी पुष्ट नहीं हो पाया है. लेकिन, सवाल वही है, कि जब EVM हैकिंग की जांच की मांग जायज हो सकती है, तो एलियन द्वारा 11 गाय उठा ले जाने की क्यों नहीं? जांच हो जाएगी तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा.
ये भी पढ़ें -
सांड की हत्या पर भी गाय वाला गुस्सा!
यूपी में शराबियों के भरोसे गायों का 'आसरा'!
गधी के दूध से बना साबुन क्या उसके श्रमिक जीवन में परिवर्तन लाएगा?
आपकी राय