डिंपल यादव कोरोना संक्रमित, अब आशंका जताने वाले सक्रिय
डिंपल भाभी (Dimple Yadav) के कोरोना संक्रमित होने के खबर सामने आने के बाद अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की कोई खोज-खबर नहीं मिल पा रही है. जिसकी वजह से लोग तमाम तरह की कॉन्सपरेसी थ्योरी (Conspiracy theory) गढ़ रहे हैं. खैर, सवाल तो है ही कि आखिर ये सब कुछ हुआ कैसे?
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समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव और उनकी बेटी कोरोना संक्रमित हो गई हैं. कोरोना पॉजिटिव की रिपोर्ट मिलने के साथ ही डिंपल यादव ने खुद को आइसोलेट कर लिया है. उन्होंने ये भी जानकारी दी है कि वह पूरी तरह से वैक्सीनेटेड हैं और उनमें कोरोना के लक्षण दिखाई नहीं दे रहे हैं. लेकिन, इस खबर से सपा कार्यकर्ताओं का दिल टूट गया है. दरअसल, समाजवादी पार्टी में अखिलेश भैया के बाद नंबर दो की स्टार कैंपेनर डिंपल भाभी ही तो हैं. लेकिन, इस मामले पर अखिलेश यादव की कोई खोज-खबर नहीं मिल पा रही है.
आसान शब्दों में कहा जाए, तो अखिलेश यादव इस मामले पर पूरी तरह से सन्नाटे में चले गए हैं. सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने वाले अखिलेश ने पूरे दिन कोई ट्वीट नहीं किया था. उनके भी कोरोना पॉजिटिव होने की खबर थी, लेकिन उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई है. डिंपल भाभी के कोरोना संक्रमित होने के बाद सोशल मीडिया पर तमाम तरह की आशंकाएं जताई जा रही हैं. सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर ये सब कैसे हुआ? इसका जिम्मेदार कौन है? लोगों को इस बात की भी चिंता है कि अखिलेश भैया ने तो भाजपा वाली वैक्सीन भी नहीं लगवाई है. आइए एक नजर डालते हैं उन तमाम कॉन्सपरेसी थ्योरी पर, जो वायरल हो रही हैं...
डिंपल भाभी के कोरोना संक्रमित होने के बाद सोशल मीडिया पर तमाम तरह की आशंकाएं जताई जा रही हैं.
अखिलेश भैया संक्रमित हैं क्या? समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं से डिंपल भाभी के कोरोना संक्रमित होने का दुख संभाले नहीं संभल रहा है. एक तो यूपी विधानसभा चुनाव 2022 सिर पर हैं और उस पर समाजवादी पार्टी की स्टार कैंपेनर कोरोना संक्रमित हो जाएं, तो ये दुख आसानी से समझा जा सकता है. उस पर कार्यकर्ताओं को रह-रहकर ये दर्द भी साल रहा है कि अब अखिलेश भैया से उनकी शिकायत कौन करेगा? क्योंकि, डिंपल भाभी ने खुद को आइसोलेट कर लिया है. लेकिन, लोग इस बात की जानकारी खोज रहे हैं कि क्या अखिलेश भैया भी संक्रमित हो गए हैं?
घर में पहुंचा कैसे कोरोना? समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता कह रहे थे कि यूपी चुनाव 2022 की तैयारियों में जुटे अखिलेश यादव को परेशान करने की नीयत से उनके करीबियों के घरों में आयकर ने छापेमारी की गई थी. तो, लोग इस एंगल पर भी ब्योमकेश बख्शी बन गए हैं. आशंका जताई जा रही है कि अखिलेश यादव को कोरोना संक्रमित करने की साजिश भाजपा ने ही रची होगी. पहले आयकर अधिकारियों ने अखिलेश भैया के करीबियों पर छापा मारने के दौरान उनको संक्रमित कर दिया होगा. इसके बाद जब राजीव राय के साथ अखिलेश भैया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की, तो वो भी संक्रमित हो गए होंगे. और, अब अखिलेश यादव संक्रमित हुए हैं, तो डिंपल भाभी का संक्रमित होना कोई बड़ी बात नही है. एक ही घर में रहने से सभी लोगों पर संक्रमण का खतरा होने की पुष्टि तो विश्व स्वास्थ्य संगठन भी करता ही है.
अखिलेश भैया ने नहीं ली 'भाजपा' की वैक्सीन? यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के मद्देनजर अखिलेश यादव इन दिनों लगातार रैलियां कर रहे हैं. पत्नी डिंपल के संक्रमित होने के बाद बताया गया था कि अखिलेश गुरुवार को अलीगढ़ में होने वाली रैली में हिस्सा लेंगे, जहां जयंत चौधरी भी उनके साथ होंगे. लेकिन, अब आगामी तीन दिनों की सभी रैलियां कैंसिल कर दी गई हैं. वैसे, उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में विजय रथ यात्रा निकाल कर लोगों से मिल रहे समाजवादी पार्टी के मुखिया के बारे में अभी ये भी पता नहीं चला है कि उन्होंने वैक्सीन ली या नहीं. कोरोना वैक्सीन बाजार में आने पर तो उन्होंने कह ही दिया था कि वे 'भाजपा' की वैक्सीन नहीं लगवाएंगे.
अखिलेश भैया को कोरोना सुपर स्प्रेडर बनाने की साजिश? आशंका जताने वाले ये भी कह रहे हैं कि अखिलेश यादव जिस तरह विजय रथ लेकर यूपी में घूम रहे हैं, कहीं वे सुपर स्प्रेडर की तरह तो नहीं काम कर रहे हैं. क्योंकि, उनके साथ गठबंधन में उनके साथी ओमप्रकाश राजभर, जयंत चौधरी और अन्य छोटे दलों के नेता भी होते हैं. जिनसे रोज हजारों लोग मिल रहे हैं.
मैंने कोविड टेस्ट कराया जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव है। मैं पूरी तरह से वैक्सिनेटेड हूं और कोई भी लक्षण अभी दिखाई नहीं दे रहे है।अपनी और दूसरों की सुरक्षा की दृष्टि से मैंने खुद को अलग कर लिया है। हाल फिलहाल मुझसे मिलने वाले सभी लोगों से अनुरोध है कि वे अपना टेस्ट जल्द कराएं।
— Dimple Yadav (@dimpleyadav) December 22, 2021
कोरोना की खबर के बीच चाचा शिवपाल यादव से मुलाकात की बात... बीती 16 दिसंबर को अखिलेश यादव पांच सालों के बाद चाचा शिवपाल सिंह यादव से मिलने पहुंचे थे. सत्ता के गलियारों से छनकर मीडिया में आई खबरों से पता चला कि 45 मिनट की इस आत्मीय मुलाकात में 'दूर से ही नमस्ते' वाला कोविड प्रोटोकाल तोड़ दिया गया था. बाकायदा चाचा शिवपाल सिंह यादव के पैर छूकर और गले लगकर पुराने गिले-शिकवे भुलाए गए थे. बहुत हद तक संभावना है कि 'टीपू' भैया को चाचा शिवपाल यादव ने कुछ ज्यादा ही दुलरा दिया हो. ऐसे में कोविड संक्रमण की चर्चा के बीच सबकी कुशलता की कामना ही की जा सकती है.
मामला चाहे जो भी हो, सोशल मीडिया पर इन सभी कॉन्सपरेसी थ्योरी को बल इस वजह से भी मिल रहा है कि इन तमाम घटनाओं की पूरी टाइमलाइन आस-पास की ही है. ये सभी घटनाक्रम बीते 5 दिनों के अंदर ही हुए हैं. खैर, सभी लोग जल्दी से स्वस्थ होकर फिर से चुनाव प्रचार में लगें, ईश्वर से यही कामना है.
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