व्यंग्य: सेक्स की भूख से कौमार्य की ओर
हम भारतीयों पर हाल के दिनों में कई बैन लगाए गए. दिलचस्प यह कि सारे बैन हमारे ही सरकार ने हम पर थोपे. हम गुस्से में हैं लेकिन इसके बावजूद इन प्रतिबंधों से जुड़ा बड़ा पहलू अभी तक नहीं देख सके हैं. आलोचना छोड़िए. सरकार की इस दूरदर्शिता की तारीफ कीजिए.
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हम भारतीयों पर हाल के दिनों में कई बैन लगाए गए. दिलचस्प यह कि सारे बैन हमारे ही सरकार ने हम पर थोपे. हम गुस्से में हैं लेकिन इसके बावजूद इन प्रतिबंधों से जुड़ा बड़ा पहलू अभी तक नहीं देख सके हैं. आप गलती से भी यह मत सोच लीजिएगा कि ऐसे फैसले अचानक और बिना सोचे-समझे लिए गए.
अगर आप इन प्रतिबंधों पर गौर करेंगे तो पता चलेगा कि यह सभी बैन मनमाने किस्म के नहीं हैं और वे भारत की लगातार बढ़ रही जनसंख्या को रोकने में मदद करेंगे. इससे हमें मजबूत इकोनॉमी की ओर बढ़ाने में मदद मिलेगी.
उदाहरण के तौर पर पहले बीफ पर लगे प्रतिबंध पर ही बात करते हैं. कोई बेवकूफ भी जो मानव शरीर और उसके दिमाग पर भोजन के असर को समझता है, वह जानता है कि रेड मीट सेक्स की इच्छा को बढ़ाने का काम करता है. अब सेक्स की इच्छा होगी तो इससे जुड़ी गतिविधियां भी ज्यादा होंगी और फिर बच्चे भी ज्यादा पैदा होंगे. इसलिए, महाराष्ट्र सरकार ने रेड मीट पर रोक लगाकर हमारा ही तो फायदा किया है.
अब बात पोर्न बैन की. सुब्रमण्यम स्वामी कहते हैं, 'पोर्न को इसलिए बैन किया गया ताकि भारतीय लोगों को सेक्स की लत से बचाया जा सके.' भारतीयों को पोर्न के प्रभाव से बचाने वाली स्वामी की यह दलील कितनी सही है. अगर हम सेक्स की लत पाले इस देश में रहना चाहते हैं तो इस बात पर विचार करना ही चाहिए. हमारा देश आखिर कब तक इस सच से इंकार करता रहेगा कि सेक्स की लत के कारण ही हम जनसंख्या की समस्या से जूझ रहे हैं और यह 857 वेबसाइट इस समस्या को बढ़ाने में और मदद ही तो कर रहे थे.
यही दुखद बात है. जब कोई अच्छी चीज भी हमारे लिए की जाती है तो हम उस पर हो-हल्ला शुरू कर देते हैं. पोर्न बैन पर हमने रोना शुरू किया और दुर्भाग्य से सरकार को इससे प्रतिबंध हटाना पड़ा. जब सरकार ने बैन का फैसला किया था तो मैं बड़ी खुश थी. मुझे खुशी इस बात की थी कि अब अपने बच्चों को ऐसी चीजों से दूर रखने के लिए मुझे किसी सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल की जरूरत नहीं होगी. लेकिन, मेरी यह खुशी बहुत कम समय तक ही रही!
चलिए पोर्न छोड़कर आगे की बात करते हैं. हाल में मुंबई पुलिस ने मड आईलैंड क्षेत्र के होटलों में छापा मारा और कई प्रेमी जोड़ो को गिरफ्तार किया. वे सब आपसी सहमति से दुनिया से दूर किसी कमरे में सुकून के पल बिता रहे थे लेकिन उन्हें पुलिस स्टेशन ले जाया गया. समाज के लिहाज से यह भी तो अच्छा ही हुआ.
हम यह समझने में भूल कैसे कर सकते हैं कि सरकार असल में कुवारों की एक पूरी कौम तैयार करना चाहती है जो बच्चे पैदा करने का काम करने की जगह कुछ उपयोगी कार्य कर सके. मैं यह नहीं कह रही कि भारत में सभी लोग केवल बच्चे पैदा करने के लिए ही सेक्स करते हैं. लेकिन हमारी जनसंख्या भी तो ऐसे ही 1.2 बिलियन तक नहीं पहुंच गई.
अगर आप सेक्स से जुड़े क्रियाकलापों को रोकने का काम करते हैं, उन्हें हतोत्साह करते हैं तो आप जनसंख्या रोकने के मामले में बड़ा योगदान देंगे. भले ही वह रोक असल दुनिया से ताल्लुक रखता हो या इंटरनेट और कंप्यूटर की दुनिया से. यही तो सरकार की सोच है. इसलिए आलोचना छोड़िए. सरकार की इस दूरदर्शिता की तारीफ कीजिए और मुस्तैदी से बेहतर भारत बनाने के अभियान में लगी हमारी सरकार की सराहना कीजिए.
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