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Updated: 04 जून, 2021 10:52 AM
देवेश त्रिपाठी
देवेश त्रिपाठी
  @devesh.r.tripathi
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इंसान गलतियों का पुतला है. इंसान अपनी गलतियों से ही सीखता है. अगर इंसान गलतियां नहीं करता है, तो वो देवता तुल्य हो जाता. इस तरह की बेहतरीन कोट्स से भारतीय साहित्य पटा पड़ा है. ऐसा लगता है कि रचनाकारों ने अपनी साहित्यिक कृतियों में जीवन के सभी सूत्रों को निचोड़ कर लोगों के लिए एक जगह इकट्ठा कर दिया हो. वैसे, कोरोना काल में लोगों के एक जगह इकट्ठा होने पर रोक लगी हुई है. बच्चों की पढ़ाई, ऑफिस की मीटिंग से लेकर अदालत की सुनवाई तक कोरोना महामारी ने काफी कुछ बदल कर वर्चुअल कर दिया है. अदालत की सुनवाई से याद आया कि हाल ही में जूही चावला ने देश में 5G वायरलेस नेटवर्क को लागू करने के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की थी. जिसकी सुनवाई के दौरान जूही चावला के एक फैन ने उनकी फिल्मों के गाने गाना शुरू कर दिया. इसमें दिलचस्प बात ये भी थी कि कोर्ट की वर्चुअल हियरिंग का लिंक खुद अभिनेत्री ने अपने इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया था. जूही चावला की इस गलती ने कुछ किया हो या नहीं, लेकिन पूरी दुनिया पहली बार बाथरूम सिंगर की जगह कोर्ट रूम सिंगर से रूबरू कर दिया. इससे ये भी साबित हो गया कि बाथरूम सिंगर की तरह ही कोर्ट रूम सिंगर भी निहायत ही बेसुरा गाते हैं.

अब गलती हुई है, तो सजा भी मिलेगी. जज साहब ने अदालत की सुनवाई में बाधा डालने वाले शख्स पर अवमानना का केस करने के आदेश दिए हैं. कांग्रेस की कथित टूलकिट की जांच कर रही दिल्ली पुलिस के पास एक और अहम मामला निपटाने की जिम्मेदारी आ गई है. बेचारी दिल्ली पुलिस क्या-क्या करे, ट्विटर के ऑफिस में जाओ, कांग्रेस के नेताओं को बुलाओ और अब इन भाई साहब को ढ़ूंढो. वैसे जांच के लपेटे में खुद जूही चावला भी फंस सकती हैं. आखिर उन्होंने ही मीटिंग का लिंक शेयर कर लोगों से जुड़ने की अपील करी थी. इसे अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारने के साथ ही आपना पैर खुद कुल्हाड़ी पर दे मारना कहा जा सकता है. इस लिंंक के सहारे जुड़े शख्स ने लोगों को जितनी खराब और बेसुरी आवाज में गाने सुनाए हैं, जनता इस गलती के लिए जूही चावला को माफ नहीं करेगी.

वैसे, 5जी वाले मामले में एक चीज चौंकाने वाली है. इस याचिका को देखने से लगता है कि जूही चावला ने भी वॉट्सएप यूनिवर्सिटी में दाखिला ले लिया है. दरअसल, केंद्र सरकार के 5G की टेस्टिंग का फैसला लेने के बाद वॉट्सएप पर थोक के भाव में मैसेज शेयर हो रहे थे कि 5G की वजह से पक्षी मर रहे हैं, कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं, लोगों में करंट बनने लगा है, वगैरह-वगैरह. कहना गलत नहीं होगा कि वॉट्सएप यूनिवर्सिटी ने इस देश का बेड़ा गर्क करने की कसम खाई हुई है. शायद यही कारण रहा होगा जो कोर्ट ने इस याचिका को पब्लिसिटी पाने के लिए अधूरी कोशिश बता दिया.

इतनी बेसुरी आवाज सुनकर जज साहब तक को गुस्सा आ गया, तो आम आदमी की बात ही मत कीजिए.इतनी बेसुरी आवाज सुनकर जज साहब तक को गुस्सा आ गया, तो आम आदमी की बात ही मत कीजिए.

भारत में लोगों की भावनाएं बहुत जल्दी आहत हो जाती हैं. मतलब किसी की शादी में फूफा या जीजा इतनी जल्दी बुरा नहीं मानते होंगे, जितनी जल्दी लोगों की भावनाएं बुरा मान जाती हैं. इसकी संभावना बेसुरा गाना सुनने के बाद काफी बढ़ जाती है और तीन बार सुनने पर इसे तय ही मान लेना चाहिए. मतलब इतनी बेसुरी आवाज सुनकर जज साहब तक को गुस्सा आ गया, तो आम आदमी की बात ही मत कीजिए. जूही चावला ने लोगों का भरोसा तोड़ दिया है. वो खुद इतना अच्छा गाती हैं, तो उन्हें पता ही होगा कि गाना गाने के नाम पर लोगों के साथ किस कदर अत्याचार हुआ है?

हालांकि, असल समस्या ये भी नही है. समस्या ये है कि जूही चावला काफी लंबे समय से बॉलीवुड इंडस्ट्री से दूर हैं. जिसके बाद वह एक्टिविस्ट के तौर पर सक्रिय भूमिका निभा रही हैं. पर्यावरण से प्रेम करना अच्छी बात है. ग्लोबल वार्मिंग का असर झेल रही दुनिया में लोगों के अंदर पर्यावरण के लिए चिंता होनी ही चाहिए. लेकिन, जिस 5G के खिलाफ तमाम रिसर्च में साबित हो चुका है कि इसके रेडिएशन से लोगों और जानवरों पर प्रभाव नहीं पड़ेगा. उसके बारे में इतनी चिंता करना थोड़ा अटपटा सा लगता है.

एक्टिविस्ट होना गलत नहीं है, लेकिन इसके लिए वॉट्सएप वाली रिसर्च काम नहीं आ सकती ना. रिसर्च से याद आया कि अभी कुछ दिनों पहले ही नेस्ले कंपनी के 60 फीसदी प्रॉडक्ट के हेल्थी ना होने की एक खबर सामने आई थी. रिसर्च के नाम पर 5G के खिलाफ कोर्ट जाने वाली जूही चावला इसी कंपनी की मैगी का विज्ञापन करती रही हैं. उनसे इस पर भी रिसर्च की उम्मीद की ही जा सकती है. आखिर लोगों की हेल्थ से जुड़ा मामला है. वैसे भारत में लोग इस तरह की चीजें के अभ्यस्त हो चुके हैं. अब हर दूसरी दुकान पर 'फैशन के इस दौर में गारंटी की इच्छा न करें' वाला बोर्ड आसानी से दिख ही जाता है.

वैसे, 5G वाली इस याचिका की क्रोनोलॉजी भी बड़ी गजब है. आजकल क्रोनोलॉजी शब्द और अमित शाह एक-दूसरे के पर्यावाची बन गए हैं. इसकी क्रोनोलॉजी के तार चीन तक से जुड़ रहे हैं. केंद्र सरकार ने चीन की दो कंपनियों को 5G के ट्रायल्स से बाहर कर दिया था. स्पेक्ट्रम अलॉट होने के दो दिन बाद ही जूही चावला ने इस पर याचिका डाल दी. मतलब क्रोनोलॉजी फेमस क्या हुई, लोग हर जगह इसे खोजने लगे हैं. वैसे, कोर्ट ने एक तरह से इस याचिका को पब्लिसिटी स्टंट मान ही लिया है. फैसला भी जल्द आ ही जाएगा. लेकिन, गाने के नाम पर लोगों के साथ जो अत्याचार हुआ है, उसको न जज साहब माफ करेंगे और ना ही जनता.

लेखक

देवेश त्रिपाठी देवेश त्रिपाठी @devesh.r.tripathi

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं. राजनीतिक और समसामयिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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