New Motor Vehicle Act पुलिस के लिए सोने का अंडा देने वाली मुर्गी जैसा है!
नए मोटर व्हीकल एक्ट के बाद भले ही चौतरफा उदासी छाई हो. मगर पुलिस महकमा खुश है. ये नया एक्ट पुलिस वालों के लिए आठवां या फिर नवां वेतन आयोग लगने जैसा है जिसके अंतर्गत आने वाले समय में विभाग और विभाग से जुड़े लोगों की खूब कमाई होने वाली है.
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नए मोटर व्हीकल एक्ट के बाद कोई भी नहीं बचेगा. कोई नहीं का मतलब कोई भी नहीं. यानी क्या सेक्रेड गेम वाले बंटी-त्रिवेदी क्या गुरुजी और वासेपुर वाले सरदार खान, रामाधीर धीर सिंह. इस एक्ट के बाद दबंगई किसी की नहीं चलेगी. अगर नियम तोड़े तो पुलिस द्वारा सबका चालान काटने की तैयारी पूरी है. फैजल खान ने कमर कस ली है. ओवर स्पेडिंग, सीट बेल्ट, बिना हेलमेट/ इंश्योरंस/ डीएल, अतिरिक्त सवारी मतलब गलती कैसी भी हो, सबका बदला लिया जाएगा. अगर पकड़े गए तो चालान हर हाल में देना ही होगा. बढ़ती बेरोजगारी और नौकरी जाने की खबर से देश की जनता बहुत दुखी पहले ही थी. इस खबर ने सोने पर सुहागा का काम कर दिया है. लोग समझ नहीं पा रहे कि इस मुश्किल वक़्त में इस खबर पर रियेक्ट कैसे करें? कोई खुश नहीं है. सिवाए चंद लोगों के और ये चंद लोग और कोई नहीं बल्कि पुलिस वाले हैं. हां वही पुलिस वाले जो पुराने वाले मोटर व्हीकल एक्ट के दौरान ये कहकर डराते थे कि, 500 से कम पर साहब नहीं मानेंगे और थक हारकर बाइक/ कार ये कहते हुए छोड़ देते थे कि, अच्छा ठीक है 20 रुपए ही दे दो चाय ही पी लेंगे.
नए मोटर व्हीकल एक्ट का आना पुलिस वालों के लिए शुभ माना जा रहा है. इससे उन्हें खूब फायदा पहुंचेगा
नए व्हीकल एक्ट से भले ही आम आदमी की मिट्टी पलीद हुई हो. मगर लोगों को सुधारने की दिशा में सरकार द्वारा किया गया ये प्रयास पुलिस वालों के लिए आठवां या फिर नवां वेतन आयोग लगने जैसा है. पुलिस वालों के अच्छे दिन आए हैं और छप्पर फाड़ कर आए हैं.
नया मोटर व्हिकल एक्ट जो कल से लागू हुआ है... ये पुलिस वालों का 8वाँ वेतन आयोग है ????#TrafficRules #TrafficUpdate #TrafficAlert #NewTrafficFine #MotorVehicleAct #MotorVehiclesAct2019 pic.twitter.com/jaQ0qdD0Gm
— ???????? सौरभ तिवारी (@snatht) September 2, 2019
नए मोटर व्हीकल एक्ट के बाद जिस तत्परता से पुलिस वाले ड्यूटी बजा रहे हैं वो देखने लायक है. सबकी बांछें खिली हुई हैं. सब कल्पनाओं के घोड़े दौड़ा रहे हैं कि, चलो खाते में 15 लाख नहीं आए न सही. अब हर रोज जेब में 500-500 के नोट आएंगे. 500 न भी हुए तो 200 या 100 के तो आ ही जाएंगे. पुलिस महकमे में जो जैसा है इस नए एक्ट के बाद उसकी ख़ुशी का लेवल वैसा है. होम गार्ड खुश है अब दिन लद गए उन 10 के नोटों के. कांस्टेबल भी राहत में है कि अब उसे 20-50 रुपए के लिए घंटों धूप में खड़े रहकर मगजमारी नहीं करनी होगी. इसी तरह हेड कांस्टेबल, एसआई और इंस्पेक्टर की भी हालत है. सब एक साथ एक सुर में एक जुट होकर कह रहे हैं कि बागों में बहार आई है और बड़े दिनों के बाद आई है.
पुलिस से इतर जब हम पब्लिक की बात करें तो वहां काटो तो खून नहीं वाली स्थिति है. जिनके पास गाड़ियां हैं उन्होंने अपनी अपनी गाड़ियां खड़ी कर दी हैं. लोग खुद को देख रहे हैं. खुद की गाड़ियों को देख रहे हैं और सोच रहे हैं कि अगर गलती से गलती हो गई तो क्या होगा. लोग तो यहां तक फुसफुसा रहे हैं कि आम आदमी के साथ इतना जुल्म तो 2001 में आई आशुतोष गोवारिकर की फिल्म लगान में भूवन के गांव वालों के साथ कैप्टन रसेल ने नहीं किया. उसने तो केवल दोगुना लगान मांगा था.
#newmotorvehicleact #TrafficRules pic.twitter.com/hz9CWDbcdZ
— Abhishek Singh (@abhishek11thj) September 2, 2019
लोग तो यहां तक कह रहे हैं कि ये तो निश्चित है कि एक न एक दिन मौत होनी है. मगर मौत पाकिस्तान की तरफ से फेंके गए न्यूक्लियर बम से होगी या फिर विदआउट हेल्मेट/ डीएल/ आरसी वाले चालान से होगी ये नहीं पता. इतने अहम मुद्दे पर बातों का दौर, जिसने गति पकड़ ली है. थमने का नाम नहीं ले रहा है.
When you forget your helmet at homeHelmet :#TrafficRules pic.twitter.com/klXpIYp534
— Ayushmann (@SaxenaAyush1) September 1, 2019
जब खबर ऐसी आएगी तो लोग आवाज बुलंद तो करेंगे ही. लोग कह रहे हैं कि अगर सड़क पर गड्ढे हैं तो उसका क्या? इधर उधर मवेशी टहल रहे हैं तो उसका क्या? घुटने से ऊपर पानी भरा है उसका क्या? लोग जानते हैं उन्हें इन सवालों का जवाब कभी नहीं मिलेगा. मगर वो पूछ रहे हैं. लोकतंत्र में सवाल पूछे जाते हैं. लोकतंत्र में सवाल पूछे भी जाने चाहिए. यही उसकी खूबसूरती है.
#TrafficRules pic.twitter.com/EgBcE8hyYd
— Bharat sahu (@Bharat32107681) September 2, 2019
इस बात में कोई संदेह नहीं कि सरकार ने अच्छा काम किया है. लेकिन इससे भी और अच्छे काम हो सकते थे. सरकार नया मोटर व्हीकल एक्ट लाई है. सरकार ने देश की सड़कों की हालत देखी है. वो चाहती तो पुराने वाले को अपडेट कर सकती थी. यूं भी अपडेट अब हमारे जीवन से जुड़ गया है. हर तीन से चार महीने में हम फोन और हर दूसरे हफ्ते में हम उसी फोन में मौजूद एप को अपडेट तो करते ही हैं.
चालान के भय से अपनी फटफटिया से पाताल लोक में प्रवेश करता हुआ एक चालाक आदमी। #justforfun#TrafficRules
— Khalid Salmani ???????? (@khalidsalmani1) September 2, 2019
बात पुलिस और उसकी कार्यप्रणाली से शुरू हुई है. हम बता चुके हैं कि इस नए एक्ट से फायदा केवल और केवल पुलिस का है. साफ़ है कि इस नए एक्ट के बाद पुलिस को रेगिस्तान में न सिर्फ पानी की आस दिखी है बल्कि उसे एक ऐसा तलब मिला है जिसमें पीने लायक पानी है. बाकी राज्य कोई भी हो. जैसा हमारी पुलिस का रवैया है, इतना विश्वास तो हमें भी है कि वो इस पानी को तब तक नहीं छोड़ेगी जब तक वो इसे पूरी तरफ से खाली न कर दे.
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