ओनरशिप के झगड़े में कुत्ते के डीएनए टेस्ट की नौबत, ये मजाक नहीं है!
मध्य प्रदेश के होशंगाबाद में एक कुत्ते की ओनरशिप पर दो लोगों में विवाद कुछ यूं बढ़ा है कि बात पुलिस थाने कोर्ट कचहरी से निकल कर डीएनए टेस्ट (DNA Test) पर आ गयी है और ये मजाक तो हरगिज़ नहीं है.
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ईगो बड़ी बुरी चीज है आदमी तैश में आ जाता है और फिर वो-वो होता है जिसे जो-जो सुनता है मारे आश्चर्य के दांतों तले अंगुली दबा देता है. ईगो प्रभावी तब होता है जब दो पक्षों में लड़ाई होती है. स्टेज जब दो लोगों के बीच लड़ाई वाली होऔर दोनों पक्ष एक दूसरे को कांटे की टक्कर दे रहे हों तो एक मौका ज़रूर आता है जब लड़ रहे दो पक्षों में से एक पक्ष 'सी यू इन कोर्ट' वाला डायलॉग चेंपता है. अब तक हमने ऐसा ही देखा है. हम ऐसे ही देखते आए हैं. ये तमाम बातें एक तरफ हैं अजब एमपी (MP) का होशंगाबाद (Hoshangabad) दूसरी तरफ है. होशंगाबाद में एक कुत्ते की ओनरशिप के चक्कर में जो बवाल हुआ है वो इतिहास में दर्ज होगा. थाना, पुलिस, कोर्ट, कचहरी से बात नहीं बनी है और नौबत कुत्ते के डीएनए टेस्ट की आ गयी है. होशंगाबाद में कुत्ते का असली मालिक कौन है? दूध का दूध पानी का पानी तब ही होगा जब डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट आएगी.
मध्य प्रदेश कुत्ते की ओनरशिप ने दो लोगों के बीच विवाद करा दिया है कंफ्यूज न हाइये. कुत्ते की ओनरशिप को लेकर वो हो चुका है जो न कभी देखा गया और न ही जिसके बारे में किसी ने सुना. एमपी के होशंगाबाद में एक लेब्रोडोर ने दो परिवारों के इंडिया-चीन युद्ध जैसी स्थिति पैदा कर दी है. 'कुत्ते' के चलते शादाब खान और कृतिक शिवहरे के बीच चल रहा बवाल थाने आया और जब दोनों पक्षों की बात सुनकर पुलिस वालों के कान के बाल जल गए और उन्हें कुछ समझ नहीं आया तो फैसला लिया गया कि सच्चाई जानने का एकमात्र तरीका डीएनए टेस्ट है. डीएनए टेस्ट से ही ये पता चलेगा कि कुत्ता किस घर जाएगा.
A 3 year Labrador will undergo DNA test in Hoshnagabad, to decide the ownership dispute between Shadab Khan and Kartik Shivhare, Khan alleges that his missing black Labrador, While Shivhare family claims it's their Tiger. @ndtvindia @ndtv @RajputAditi pic.twitter.com/5leiIBfb8L
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) November 22, 2020
हम बहुत देर से कुत्ते और उसके डीएनए टेस्ट की बात कर रहे हैं तो पहले मैटर समझ लीजिए. होशंगाबाद के रहने वाले शादाब खान का कहना है कि तीन महीनें पहले उनका लैब्राडोर कुत्ता जिसे वह कोको के नाम से बुलाते थे वह गायब हो गया. जिसकी रिपोर्ट उन्होंने पुलिस में दर्ज कराई. कुछ दिनों बाद उन्हें पता चला कि उनका कुत्ता कुछ दूरी पर कृतिक शिवहरे नाम के व्यक्ति के पास है. इसकी भी सूचना शादाब ने पुलिस को दी. पुलिस ने जब कृतिक से बात की तो उनका कहना था कि यह उनका कुत्ता है जिसे वे टाइगर कहते हैं. कुत्ता कोको है यःस टाइगर इसने विवाद का रूप ले लिया और फिर क्या हुआ ये हम आपको ऊपर बता ही चुके हैं.
मामले में सबसे दिलचस्प बात ये है कि चाहे वो शादाब हों या कृतिक दोनों के पास कुत्ते खरीदने के दस्तावेज है. जिसे दोनों ने पुलिस के सामने पेश किया है. अब जब स्थिति ऐसी हो जाहिर है पुलिस वाले टेंशन में आएंगे ही. मामले ने सुस्त पड़े पुलिस वालों को भी मुस्तैद कर दिया और वो भी जानने को बेकरार हैं कि कुत्ता कोको है या फिर टाइगर इसलिए पुलिस को एक तरकीब सूझी पुलिस कुत्ते का डीएनए टेस्ट करा रही है ताकि 'इंसाफ' हो और गुजरे दो तीन दिनों से जारी इस विवाद में कुछ राहत मिले. अच्छी बात ये रही कि इस डीएनए टेस्ट के लिए दोनों पक्षों ने हामी भरी है.
सच में कमाल की बात है.जिस देश में लाखों मुक़दमे पेंडिंग पड़े हों अदालतों में तारीख पर तारीख वाला खेल चल रहा हो लोगों को इंसाफ न मिल रहा हो वहां 'कुत्ता ओनरशिप' विवाद में बात डीएनए टेस्ट की आई है. पुलिस का फैसला हैरत में डालने वाला है.
सवाल तो भइया डीएनए टेस्ट के बाद का है. यदि रिपोर्ट आने के बाद भी कोई एक पक्ष संतुष्ट न हुआ तब? तो क्या एक कुत्ते को अपना बताने वाले दो मालिक अमेरिका जाएंगे बाइडेन के पास या फिर इसका निपटारा यूएन की बड़ी बड़ी बैठकों में होगा? कह सकते हैं कि मसला ए कुत्ता इस समय दोनों मालिकों के लिए मसला ए कश्मीर की तरह देखा जाएगा.
बहरहाल इस श्वान युद्ध में ऊंट किस करवट बैठता है इसका फैसला वक़्त की गर्त में छिपा है लेकिन जैसा ये मामला है सारा देश या ये कहें कि जिस जिस ने ये बात सुनी होगी वो वो हैरत में आया होगा. फैसला दिलचस्प होने वाला है. कुत्ता किस घर जाएगा बस कुछ दिन की बात है हमें पता तो चल ही जाएगा. बाकी हमें उम्मीद है पूरे देश की पुलिस इस घटना से प्रेरणा लेगी और बड़े से बड़ा अपराध ऐसे ही डीएनए टेस्ट की बदौलत सुलटाया जाएगा.
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