मार्वल स्टूडियो का सुपर हीरो ही अब हमारे लिए सरकार से 'तेल' की लड़ाई लड़ेगा
जिस तरह पेट्रोल के दाम बढ़ रहे हैं. कहना गलत नहीं है कि विपक्ष को मार्वल स्टूडियो वालों से बात करनी चाहिए. शायद उनका कोई सुपर हीरो भारत में पेट्रोल के दाम नियंत्रित कर सके.
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तेल की कीमतें जिस तरह बढ़ रही हैं, आम आदमी के सिर में दर्द होना लाजमी है. आगे कुछ जानने से पहले आइये जानें कि देशभर में तेल की कीमत क्या है? देश की राजनीति दिल्ली से शुरू होती है तो बात पहले दिल्ली की. दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 11 पैसे की बढ़ोत्तरी के बाद 82.72 रुपए प्रति लीटर है. तो वहीं मुंबई में पेट्रोल का दाम 90.08 रुपए प्रति लीटर है. पेट्रोल के रेट में उछाल की ख़बरों में से वो खबर जिसने सबसे ज्यादा विचलित किया वो बिहार की राजधानी पटना से थी. पेट्रोल की कीमतों के मामले में पटना, मुंबई से भी दो हाथ आगे है. पटना में पेट्रोल 91.96 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से बिक रहा है. जबकि डीजल का भाव 79.68 रुपए प्रति लीटर चल रहा है.
पेट्रोल की कीमतों को लेकर जनता के बीच त्राहिमाम की स्थिति बनी है
अब हो सकता है कि सवाल आए कि आखिर तेल के दामों में इतना उछाल क्यों देखने को मिल रहा है? जवाब बेहद आसन है. सरकारी तेल कंपनियां जैसे इंडियन ऑयल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम, भारत पेट्रोलियम पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी के लिए डॉलर के अनुपात में रुपए की गिरती कीमत और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की महंगाई को जिम्मेदार बता रही हैं.
अच्छा चूंकि तेल के दाम रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ रहे हैं. चर्चा है कि इससे सबसे ज्यादा परेशान पेट्रोल पम्प वाले हैं. पेट्रोल पम्प मालिक पेट्रोल प्राइस के कैलिब्रेशन को लेकर परेशान हैं. ज्ञात हो कि अभी मशीन 2 ही अंकों को कैलिब्रेट करती हैं और जिस तेजी से दाम बढ़ रहे हैं वो दिन दूर नहीं जब तेल 100 या उसके पार पहुंच जाएगा. माना जा रहा है कि यदि ऐसाहोता है तो पेट्रोल को एक लीटर की जगह आधे लीटर की कीमतों पर कैलिब्रेट कर बेचा जाएगा.
This cartoon says lots about our life with #Petrol pic.twitter.com/MooN89jhCb
— Rahul Sidhavani (@RahulSidhavani) September 22, 2018
तेल की कीमतों को लेकर तेल कंपनियां जो भी कहें. तेल क्यों महंगा इसकी वजह जिसे भी बताई जाए. मगर आम आदमी के मुकद्दर में खून के आंसू रोना लिखा है और वो इसमें कामयाब है. सामान्य जीवन से लेकर सोशल मीडिया तक तेल की कीमतों को लेकर जिस तरह के हालात हैं. कहना गलत नहीं है कि हमारा समाज दो वर्गों में विभाजित हो गया है. एक वर्ग वो है जो इसके लिए सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहा है और उससे सवाल कर रहा है कि आखिर वो दिन कब आएगा जब सरकार इन बढ़ती कीमतों पर लगाम कसेगी और उसे नियंत्रित करेगी.
अब बात करते हैं दूसरे वर्ग की. भले ही इनके पैर में कांटा चुभा हो, ये लंगड़ा रहे हों, कराह रहे हों. मगर ये अपनी सरकार के साथ है. सोशल मीडिया उन फेसबुक पोस्ट और ट्वीट्स से भरा पड़ा है जहां ऐसे लोग इस बात को साफ तौर से कह रहे हैं कि चाहे कुछ भी हो जाए. कितनी भी मुश्किल आ जाए ये अपनी सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं और उसकी नीतियों का स्वागत करते हैं.
Every year during the #UPA regime food prices would shoot up.The POT Index (potatoes, tomatoes and Onions 1 kg each) often crossed Rs 150.Today it is at Rs 60.Cribbing just on #Petrol prices makes no sense.Overall inflation is down significantly
— sandip sabharwal (@sandipsabharwal) September 24, 2018
एक तरह से सरकार का समर्थन करने वाले सही हैं. पेट्रोल से हम आलू टमाटर की सब्जी नहीं बनाते. न ही ये राजमा राइस में पड़े राजमा को उबालने के काम आता है. अगर दिक्कत हो भी रही है तो सबको हो रही है. अब जब सबको दिक्कत है तो इस मुद्दे पर किसी एक का आना और आंदोलन के नामपर क्रांति करना ये बता देता है कि जो ऐसा कर रहा है उसके अन्दर भविष्य में नेता बनने के सभी गुण मौजूद हैं.
#Petrol selling over Rs. 91 a liter in some parts of India, fuel prices have completely spiralled out of control. Congress will continue to protest against inept handling of the problem by government and raise the issue at all levels to get some relief to the common man.
— Sachin Pilot (@SachinPilot) September 18, 2018
बहरहाल जिस तरह पेट्रोल, मीलों का सफर कुछ पलों में पूरा कर रहा है कहना गलत नहीं है बस अब कुछ दिन और हैं. थोड़ा सा इंतेजार बाक़ी है अपना पेट्रोल शतक लगाकर एक नया कीर्तिमान रचेगा और सुनहरे अक्षरों में इतिहास की किताबों में दर्ज होगा.
Asia Cup chalu hogaya hai.... eagerly waiting ki pehle century Indian player marega ki petrol or will it be aapna rupee
— Raj Nair (@rajnairview) September 18, 2018
जिसे आलोचना करनी हो करे. जिसे समर्थन में आना हो आए मगर नियति को कोई टाल नहीं सकता. औरत नियति यही है कि पेट्रोल 2019 क्वे चुनाव से पहले उस जगह पहुंच जाएगा जहां से उसे वापस लाने के लिए हमें मार्वल स्टूडियो वालों से संपर्क करना होगा. शायद वही लोग कोई ऐसा सुपर हीरो तैयार करें जो तेल की ऊपर चढ़ती कीमतों के लिए लड़े और उसे सामान्य करे.
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