नीट पानी पीने का नुकसान तो भगवंत मान को झेलना ही था!
पंजाब की सेवा करने के लिए और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के अनुरोध पर भगवंत मान (Bhagwant Mann) ने शराब पीना लंबे वक्त पहले छोड़ दिया था. लेकिन, इसका बुरा असर उन पर पड़ा है. और, नदी से नीट पानी पीने (Water) के चलते भगवंत मान को दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराना पड़ गया.
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अगर कभी किसी पियक्कड़ से टकरा (मतलब मेल-मुलाकात भर से है) जाइए. तो, आपको पता चलेगा कि इस दुनिया में एक शराब ही है. जिसने सभी लोगों को आपस में जोड़ रखा है. और, अपनी बात को सही साबित करने के लिए हरिवंश राय बच्चन की 'मधुशाला' की कुछ बेहतरीन लाइनें चिपकाए बिना आपको जाने भी नहीं देगा. आप इसे पियक्कड़ से एक छोटी मुलाकात का नुकसान कह सकते हैं. वैसे, शराब से होने वाले नुकसान को किसी भी हाल में कमतर नहीं आंका जा सकता है. लेकिन, शराब छोड़ चुके लोगों को भी कई नुकसान होते हैं. और, उसका ताजा उदाहरण बने हैं पंजाब के सीएम भगवंत मान.
Punjab Chief Minister openly drinks a glass of polluted water from a ‘holy river’ to prove that water is clean. Now admitted to hospital. pic.twitter.com/MH1OLwUlUw
— Ashok Swain (@ashoswai) July 21, 2022
'नीट' पानी पीने से पड़े बीमार
जितने भी बड़े पियक्कड़ होते हैं, वो शराब को हमेशा 'नीट' ही पीते हैं. और, इसमें वाइन, शराब और दारू के बीच का अंतर मिट जाता है. उच्च वर्ग के पियक्कड़ जहां वाइन को नीट पीते हैं. वहीं, मध्यम वर्ग के पियक्कड़ शराब को 'ऑन द रॉक्स' लेकर अपनी इच्छा पूरी करते हैं. और, गरीब वर्ग से आने घनघोर पियक्कड़ों को तो पानी की जरूरत ही नजर नहीं आती है. वो अलग बात है कि नीट पीने वाले यही पियक्कड़ नशे में होने के बाद उछल-कूद मचाते भी नजर आ जाते हैं.
वैसे, पंजाब का मुख्यमंत्री बनने से पहले भगवंत मान के भी कई ऐसे वीडियो सामने आए थे. जिनमें उन पर शराब का असर हावी रहा था. लेकिन, पंजाब की सेवा करने के लिए और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल के अनुरोध पर भगवंत मान ने शराब पीना लंबे वक्त पहले छोड़ दिया था. मतलब ऐसा दावा किया जाता है. लेकिन, भगवंत मान का ये दावा मजबूत भी नजर आता है. क्योंकि, सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में भगवंत मान एक नदी से 'नीट' पानी पीते हुए दिखाया गया है.
दावा किया जा रहा है कि भगवंत मान ने इस पवित्र नदी के पानी को साफ साबित करने के लिए तमाम तरह के प्रदूषण से भरा हुआ एक ग्लास पानी पी लिया था. जिसके बाद भगवंत मान को पेट में संक्रमण के चलते दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराना पड़ गया. वैसे, शराब छोड़ने वाले लोगों के साथ इस तरह की चीजें होती रहती हैं. क्योंकि, शराब को पचाने वाला पेट जब सुधर जाता है. तो, वह गंदगी से भरे पानी को कैसे पचा पाता? जब किडनी और लीवर को लंबे समय तक सात्विक होना पड़े. तो, गंदे पानी को पचाने के लिए जगह ही कहां बचती है.
शराब छोड़ने के फायदे भी हैं. तो, पियक्कड़ों को कुछ नुकसान भी झेलना पड़ता है.
पंजाब की नदी अब साफ होगी, तो यमुना का ख्याल भी रखें
खैर, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान दिल्ली के अपोलो अस्पताल से ठीक होकर वापस पंजाब पहुंच चुके हैं. और, माना जा रहा है कि अब जिस नदी से उन्होंने नीट पानी पिया था. उसे प्रदूषण रहित बना ही दिया जाएगा. क्योंकि, पंजाब में भगवंत मान अकेले नही होंगे, जो उस पवित्र नदी का पानी पीते होंगे. वैसे, इस गंभीर मामले में भी राजनीति खोजने वाले किसी से पीछे नहीं रहे. सबसे पहले तो उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के उन दावों की पोल खोल दी. जो दिल्ली सरकार के सरकारी अस्पतालों और मोहल्ला क्लीनिकों को सर्वोच्च स्तर का बना दिए जाने के लिए सिंगापुर जाने का प्लान बनाए बैठे थे.
सोशल मीडिया पर कहा जाने लगा कि अगर दिल्ली के सरकारी अस्पताल और मोहल्ला क्लीनिक इतने ही वर्ल्ड क्लास बने हैं. तो, भगवंत मान को अपोलो अस्पताल में भर्ती क्यों होना पड़ा? क्योंकि, अरविंद केजरीवाल ने ही दावा किया था कि अब दिल्ली के लोग अपोलो और मैक्स जैसे अस्पतालों के छोड़ कर सरकारी अस्पतालों और मोहल्ला क्लीनिकों का रुख कर रहे हैं. खैर, राजनीति करने वाले तो बस टांग खींचने में ही लगे हुए थे. लेकिन, सोशल मीडिया पर बहुत से लोगों ने भगवंत मान की तरह ही अरविंद केजरीवाल को भी यमुना का पानी पीने की सलाह दे डाली.
वैसे, दिल्ली में यमुना की गंदगी का क्या हाल है? ये आम दिनों में आईटीओ चौक से ही साफ दिखाई पड़ जाता है. जबकि, छठ जैसे त्योहार पर तो दिल्ली के लोगों को अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी सरकार की ओर से यमुना के पानी में झाग के बादलों के बीच स्वर्ग जैसी अनुभूति हर साल ही कराई जाती है. खैर, अरविंद केजरीवाल फिलहाल गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनाव प्रचार में फ्री बिजली-पानी की गारंटी देने में व्यस्त हैं. तो, भगवंत मान की तरह यमुना के पानी को साफ सिद्ध करने की उनसे कोई आशा नहीं पालनी चाहिए. और, वैसे भी अरविंद केजरीवाल तो मदिरा जैसी चीजों से पहले से ही दूर हैं. तो, यह मांग सही लगती भी नही है.
भगवंत मान का ये हाल तो होना ही था!
सोचिए जो किडनी और लीवर कुछ सालों पहले तक धकाधक शराब को डिटॉक्सीफाई करने में लगे हों. अगर उन्हें उनका ये काम करने से रोक दिया जाए, तो क्या होगा? और, फिर कुछ साल बाद अचानक 'नीट' पानी को पचाने का बोझ लीवर और किडनी पर डाल दिया जाए. तो, संक्रमण ही होगा. मुझे यहां किसान वाली वो कहानी याद आ जाती है. जिसमें कई सालों तक बारिश न होने के बाद भी किसान खेतों को जोतता रहता है. और, एक दिन भगवान उससे पूछते हैं कि जब बारिश नहीं हो रही है, तो खेत क्यों जोतते हो? तब किसान कहता है कि बारिश कभी न कभी तो होगी. लेकिन, अगर खोत नहीं जोतूंगा, तो हल चलाना भूल जाऊंगा. वैसे, भगवंत मान के साथ जो कुछ हुआ है, वो इसी कहानी की शिक्षा न मानने की वजह से हुआ है. हालांकि, जानकारी के लिए बता दूं कि शराब के साथ ही हर तरह का नशा सेहत के लिए हानिकारक होता है. तो, इसकी आदत लगाने से बचें. वरना, भगवंत मान की तरह नीट पानी पीने से भी बीमार पड़ जाएंगे.
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