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Updated: 27 मई, 2015 05:29 AM
मृगांक शेखर
मृगांक शेखर
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ग्रह नक्षत्रों की बात करें तो गुरु कर्क राशि में और उच्च का है जिसका चंद्रमा के साथ योग बन रहा है. ऐसे में दिल्ली की जंग थम जाएगी, ऐसा तो बिलकुल नहीं लगता. हफ्ते की शुरुआत में नवांश में नीच के गुरु के साथ चंद्रमा का योग बन रहा है, जिसकी बदौलत न तो सौ दिन की सरकार चैन से रहेगी, न साल भर की सरकार उसे चैन की सांस लेने देगी.

मेष - दूर होगा कांग्रेस का संकट

चंद्रमा चतुर्थ भाव में रहेगा जिस पर किसी भी ग्रह की दृष्टि नहीं होगी इसलिए मेष राशि वाले विरोधियों पर हमले जारी रखे हैं, वरना मुसीबत में फंस सकते हैं. बुधवार से कांग्रेस के संकट के बादल छंट जाने की संभावना है क्योंकि स्मृति ईरानी तब तक अमेठी से दिल्ली लौट चुकी होंगी.

वृष - विवादों से बचें नेता

सूर्य, बुध और मंगल के योग के साथ चंद्रमा तृतीय भाव में रहेगा. इस राशि वाले नेता विवादों से दूर रहें और पूरी सतर्कता बरतें क्योंकि नए स्टिंग मार्केट में आने की आशंका है. बुधवार को पार्टी फंड की आमदनी में कमी आ सकती है - लेकिन वीकेंड आते आते लोग सारी करतूतें भूल जाएंगे - और फिर फ्लो ठीक हो जाएगा.

मिथुन - पुराने नेताओं की नई सुबह

सत्ता से बेदखल होने के बाद पुराने धंधे में लग चुके नेताओं को नए क्लाइंट मिल सकते हैं. असल में शुक्र का गोचर सदैव फलदायी होता है, इसलिए पार्टी के अंदर भी उनकी अहमियत और कद बढ़ सकता है.

कर्क - साक्षी और साध्वी सतर्क रहें

कर्क राशि में गुरु-चंद्र की फिर से युति बनने से साक्षी महाराज और साध्वी प्राची जैसे नेताओं के और अच्छे दिन आने वाले हैं. फिर भी उन्हें वाणी पर संयम बरतने की सलाह है, अगर इस जन्म में ऐसा संभव हो सके. ऐसा नहीं होने पर संभव है उनके नेता विदेश दौरों पर उन्हें भी साथ ही रखने लगें.

सिंह - पश्चिम उप्र के नेताओं पर माया की महादशा

द्वादश स्थान में चंद्रमा के होने से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाल फिलहाल सक्रिय नेताओं को प्रदर्शन से निराशा हो सकती है. हालांकि, बुधवार तक स्थिति बेहतर होने जाने की प्रबल संभावना है. मायावती की नई रणनीति से उनकी सोशल इंजीनियरिंग के कुछ कल-पुर्जे ढीले हो रहे हैं. समय रहते उन्हें कसना होगा - क्योंकि हाथी पहले ही जंगल का रुख कर चुका है.

कन्या - किसान के मान का ध्यान रखें

कन्या राशिवालों को इस समय बहुत ज्यादा सचेत रहना होगा. रैली या सभाओं में आत्महत्या के प्रयास हो सकते हैं. मौसम भी कभी कभी दगा दे सकता है इसिलए पुख्ता इंतजाम रखें. अगर मानहानि का केस चल रहा हो तो तारीख ले लेना बेहतर और मुफीद होगा.

तुला - नेताओं के लिए विदेश भ्रमण का योग

तुला राशि वालों के लिए यात्रा संबंधी अवरोध जल्द खत्म होंगे. दशम राशि चंद्रमा के लिए उपयुक्त समय बनाए हुए है जिससे जल्द ही उन्हें छुट्टियों में विदेश भ्रमण का मौका फिर से मिल सकेगा. सालाना सरकारी हर्षोल्लास के बादल जल्द ही बिहार का रुख करने वाले हैं.

वृश्चिक - राज्यपाल-राजदूत बनने का मौका

राशि के स्वामी मंगल की दृष्टि उन नेताओं के लिए फायदेमंद हो सकती है जो राजनीति भी नौकरी की तरह करते हैं. कॅरियर के हिसाब से इस वक्त की गई मेहनत सक्रिय राजनीति से संन्यास के बाद भी पार्टी के सत्ता में होने पर राज्यपाल और राजदूत जैसे पदों पर प्रतिष्ठापित करा सकती है.

धनु - गठबंधन के लिए बुरे दिन

मंगल और शुक्र की दृष्टि बड़ी बाधाएं खड़ी कर सकती है. ऐसे में नया फोरम खड़ा करने या फिर गठबंधन की कोशिशों को झटका लग सकता है. शुक्रवार से पहले ऐसी किसी भी मीटिंग में कोई नतीजा नहीं निकलने वाला.

मकर - पदयात्राओं का फायदा दूरगामी

शनि-राहु और गुरु-चंद्रमा के बीच अद्भुत योग असर डाल सकता है. ऐसे में पदयात्राएं दूरगामी फायदा तो पहुंचा सकती हैं लेकिन नजदीकी चुनावी तारीखों को नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है.

कुंभ - भाग्य (नसीब) प्रबल रहेगा

नसीबवालों के लिए अभी कुछ दिन और गुलजार रहने वाले हैं. सूट-बूट का प्रभाव थोड़े दिनों बाद कम हो सकता है. किसी भी संकट की घड़ी में ट्विटर और फेसबुक सबसे ज्यादा मददगार और फायदेमंद साबित होंगे.

मीन - जयललिता के लिए केंद्र से संबंध मधुर बनाने का अनुकूल समय

गुरु और राहु की सीधी दृष्टि के साथ साथ केतु का गोचर और चंद्रमा की स्थिति अभी और कुछ दिनों तक शुभ मुहूर्त बनाए रखेंगे. इस राशि के जातक अगर हरे रंग का इस्तेमाल कर रहे हैं तो उसे अभी न छोड़ें. मीन राशि वाले एआईएडीएमके नेता अगर केंद्र से संवाद स्थापित करें तो संबंधों में प्रगाढ़ता आने की पूरी संभावना है.

लेखक

मृगांक शेखर मृगांक शेखर @mstalkieshindi

जीने के लिए खुशी - और जीने देने के लिए पत्रकारिता बेमिसाल लगे, सो - अपना लिया - एक रोटी तो दूसरा रोजी बन गया. तभी से शब्दों को महसूस कर सकूं और सही मायने में तरतीबवार रख पाऊं - बस, इतनी सी कोशिश रहती है.

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