शक्ति कपूर के बेटे सिद्धांत की सेल्फी से प्रेरणा न लें, घरवाले 'मोर बना देंगे'!
शक्ति कपूर के बेटे सिद्धांत कपूर का ड्रग्स मामले में बेल मिलने के बाद सेल्फी लेना बेशर्मी नहीं तो फिर और क्या है. एक हमारा जमाना था अगर क्लास के बच्चे की पेंसिल भी हमारे बॉक्स में निकल आती पिता मार मार के मोर बना देते। खैर सिद्धांत के साथ शक्ति को क्या करना चाहिए या कुछ नहीं करना चाहिए फैसला जनता की कोर्ट करे.
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तो भइया जिसकी उम्मीद थी आखिरकार वही हुआ. अपने आऊ अंदाज के लिए मशहूर शक्ति कपूर के बेटे और श्रद्धा कपूर के बड़े भाई सिद्धांत कपूर को ड्रग्स मामले में बड़ी राहत मिली है. सिद्धांत की जमानत याचिका मंजूर हो गयी है और उन्हें रिहा कर दिया गया है. हम आम लोग हैं. भगवान न करे लेकिन अगर ऐसा कुछ हमारे साथ होता, तो कन्फर्म था कि इतने ताने मिलते कि हम मुंह छिपा कर घर को लौटने के लिए मजबूर होते. तो क्या अपने किये पर सिद्धांत शर्मिंदा हैं?
सवाल का जवाब हमें उस वक़्त मिलता है जब हम इंटरनेट पर वायरल उनकी वो सेल्फी देखते हैं जो उन्होंने जेल से बाहर आने के बाद ली थी. अब जबकि सिद्धांत की हंसती, मुस्कुराती और खिलखिलाती फोटो हमारे सामने हैं साफ़ है कि उन्हें अपने किये पर कोई अफ़सोस नहीं है. अच्छा क्योंकि सिद्धांत एक स्टार किड हैं इसलिए इस तरह के स्वैग पर हक़ है उनका जिसे कोई भी माई का लाल नहीं छीन सकता. बाकी सिद्धांत की फोटो हमारे लिए किसी वैधानिक चेतावनी से कम नहीं है. यदि सिद्धांत की जगह हमने कुछ किया होता तो पुलिस जो करती सो बाद में करती. हमारे खुद के घर वाले हमारा मोर बना देते.
ड्रग्स मामले में जेल से रिहा होने के बाद शक्ति कपूर के बेटे सिद्धांत कपूर ने सेल्फी पोस्ट की है
सिद्धांत की इस बेशर्मी भरी सेल्फी पर तफ्सीली चर्चा होगी मगर उससे पहले हमारे लिए उनके कारनामे पर नजर डाल लेनी बहुत जरूरी है. असल में अभी बीते दिनों मुंबई से मौज मस्ती करने के उद्देश्य से बेंगलुरु पहुंचे सिद्धांत को 12 जून को शहर में एक पार्टी में कथित तौर पर ड्रग्स लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया. सिद्धांत अकेले नहीं थे इनके साथ 6 और लोग थे और इनकी पार्टी भी कोई साधारण पार्टी न होकर रेव पार्टी थी.
इतिहास गवाह है पार्टी जब रेव पार्टी में कन्वर्ट होती है तो वहां कुछ शुद्ध और सात्विक नहीं रहता. ऐसी पार्टियों में मुर्गा, मटन, पनीर के आइटम नहीं बल्कि चरस, गांजा, शराब ही भौकाल का पर्याय रहते हैं. सिद्धांत भी शायद ले ही रहे होंगे ये सब और नाप लिए गए. अच्छा क्योंकि पप्पा एक्टर हैं और ठीक ठाक रसूख भी रखते हैं फ़ौरन ही वकील का बदोबस्त हुआ और आज न केवल सिद्धांत आजाद हवा में सांस ले रहे हैं बल्कि जमानत पर रिहा होने के फ़ौरन बाद सेल्फी पोस्ट करके उन्होंने दुनिया को ये बता दिया कि, 'राजा का बेटा ही राजकुमार होता है'.
लेकिन हर बाप राजा और हर बेटा राजकुमार हो बिलकुल भी जरूरी नहीं. हम लोग का केस अलग है. भले ही सिद्धांत ने पूरी बेशर्मी का परिचय देते हुए अपने इंस्टाग्राम अकाउंट की स्टोरी में सेल्फी डाल दी हो लेकिन हम लोग ऐसा इसलिए भी नहीं कर पाते क्योंकि हमारे ऊपर सोशल प्रेसर रहता. रिश्तेदार और पडोसी तो छोड़ ही दीजिये दूधवाले, परचूनवाले, कूड़ा उठाने वाले और अख़बार वाले तक हर वो शख्स जो हमसे जुड़ा है उसने हम से बायकॉट कर लिया होता.
सिद्धांत ने अपनी रिहाई के बाद सेल्फी पोस्ट की. कारण बस ये है कि वो शक्ति कपूर के बेटे हैं. जलन होती है ऐसी किस्मत पर. सिद्धांत के मामले में तो फिर भी ड्रग्स है. एक हमारा जमाना था. गलती के नाम पर अगर क्लास के बच्चे की पेंसिल या रबर भी हमारे बॉक्स में निकल आता तो या तो पिता जी या फिर मम्मी मार मार के मोर बना देती. बेल तो हमारे टाइम पर भी मिलती थी लेकिन क्योंकि हमें सजा सरे आम दी जाती थी कितनी हिम्मत करके हम ज़माने की आंख से आंख मिलाते थे ये या तो हम जानते हैं या फिर हमारा भगवान/ खुदा.
बहरहाल शायद ये हमारे माता पिता की उस सख्ती का ही नतीजा है कि भले ही हम कुछ बने हों या न बने हों लेकिन ऐसे तो बिलकुल भी यही बने कि ड्रग्स लें. पकडे जाएं. जमानत पर रिहा हों और फिर सेल्फी पोस्ट कर अपनी बेशर्मी की पराकाष्ठा के साथ साथ पिताजी का रसूख दिखाएं. यूं भी न ही हम लोग राजकुमार हैं न ही हमारे पिता जी किसी रियासत के राजा.
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