सुपरहीरो वाली फिल्मों की बात करते समय हमारे जेहन में हॉलीवुड फिल्मों जैसे 'स्पाइडर मैन', 'बैटमैन', 'द एवेंजर्स', 'द डार्क नाइट' और 'ब्लैक पैंथर' के नाम कौंधने लगते हैं. क्योंकि इन्हीं फिल्मों को देखते हुए हम बड़े हुए हैं. इनमें दिखाए गए सुपरहीरो जैसे 'हल्क', 'थानोस', 'सुपरमैन', 'आयरन मैन', 'बैटमैन', 'ब्लैक पैंथर', 'डॉक्टर स्ट्रैंज' और 'थॉर' जब दुश्मनों से दुनिया को बचाने के लिए लड़ते हैं, तो ऐसा लगता है कि वो हमारे सच्चे हीरो हैं. तभी तो उनके कास्ट्यूम, एक्शन से लेकर बॉडी लैंग्वेज तक कुछ लोग कॉपी करने की कोशिश करते हैं. उनका जादू हर किसी के सिर चढ़कर बोलता है. ऐसा ही एक सुपरहीरो केरल से निकलकर पूरे देश में धूम मचा रहा है. ये देसी सुपरहीरो लुंगी और शर्ट पहनता है. चेहरे को गमछे से ढकता है. लेकिन उसके पास 'स्पाइडर मैन' और 'हल्क' सी शक्ति है. वो एक मुक्के में जेल की दीवार तोड़ देता है. खाई में गिरती बस को रोककर सैकड़ों लोगों की जान बचा लेता है. अपराधियों की पिटाई भी करता है. जी हां, हम बात कर रहे हैं 'मिन्नल मुरली' के बारे में.
देसी सुपरहीरो फिल्म 'मिन्नल मुरली' ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर इस वक्त स्ट्रीम हो रही है. मॉलीवुड यानी मलयालम फिल्म इंडस्ट्री की इस फिल्म को बासिल जोसेफ ने निर्देशित किया है, जिसमें टोविनो थॉमस, गुरु सोमासुंदरम, फेमिना जॉर्ज, अजू वर्गीज, शेली किशोर, बैजू संतोष और हरिश्री अशोकन जैसे कलाकार मौजूद हैं. फिल्म को सोफिया पॉल ने प्रोड्यूस किया है, जबकि कहानी और पटकथा अरुण अनिरुद्धन और जस्टिन मैथ्यू ने लिखी है. दाद देनी होगी फिल्म के निर्देशक और लेखन टीम को, जिन्होंने 'मिन्नल मुरली' जैसे एक ऐसे सुपरहीरो की रचना की है, जिसके पास ईश्वरीय शक्तियां तो हैं, लेकिन वो हर सीन में एक आम इंसान की तरह दिखता है. वो बचपन से संघर्ष करते हुए कभी अपने पिता को खोता है, तो कभी प्यार को, लेकिन जरूरत पड़ने पर अपने गांववालों की मदद के लिए अपने सपने को त्याग देता है. फिल्म का विलेन दहाड़ता नहीं है, न ही गोलियां चलता है, वो तो एक साधारण मजदूर है, जो अपने बचपन के प्यार को पाने के लिए अधेड़ उम्र में भी तड़पता है.
सुपरहीरो वाली फिल्मों की बात करते समय हमारे जेहन में हॉलीवुड फिल्मों जैसे 'स्पाइडर मैन', 'बैटमैन', 'द एवेंजर्स', 'द डार्क नाइट' और 'ब्लैक पैंथर' के नाम कौंधने लगते हैं. क्योंकि इन्हीं फिल्मों को देखते हुए हम बड़े हुए हैं. इनमें दिखाए गए सुपरहीरो जैसे 'हल्क', 'थानोस', 'सुपरमैन', 'आयरन मैन', 'बैटमैन', 'ब्लैक पैंथर', 'डॉक्टर स्ट्रैंज' और 'थॉर' जब दुश्मनों से दुनिया को बचाने के लिए लड़ते हैं, तो ऐसा लगता है कि वो हमारे सच्चे हीरो हैं. तभी तो उनके कास्ट्यूम, एक्शन से लेकर बॉडी लैंग्वेज तक कुछ लोग कॉपी करने की कोशिश करते हैं. उनका जादू हर किसी के सिर चढ़कर बोलता है. ऐसा ही एक सुपरहीरो केरल से निकलकर पूरे देश में धूम मचा रहा है. ये देसी सुपरहीरो लुंगी और शर्ट पहनता है. चेहरे को गमछे से ढकता है. लेकिन उसके पास 'स्पाइडर मैन' और 'हल्क' सी शक्ति है. वो एक मुक्के में जेल की दीवार तोड़ देता है. खाई में गिरती बस को रोककर सैकड़ों लोगों की जान बचा लेता है. अपराधियों की पिटाई भी करता है. जी हां, हम बात कर रहे हैं 'मिन्नल मुरली' के बारे में.
देसी सुपरहीरो फिल्म 'मिन्नल मुरली' ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर इस वक्त स्ट्रीम हो रही है. मॉलीवुड यानी मलयालम फिल्म इंडस्ट्री की इस फिल्म को बासिल जोसेफ ने निर्देशित किया है, जिसमें टोविनो थॉमस, गुरु सोमासुंदरम, फेमिना जॉर्ज, अजू वर्गीज, शेली किशोर, बैजू संतोष और हरिश्री अशोकन जैसे कलाकार मौजूद हैं. फिल्म को सोफिया पॉल ने प्रोड्यूस किया है, जबकि कहानी और पटकथा अरुण अनिरुद्धन और जस्टिन मैथ्यू ने लिखी है. दाद देनी होगी फिल्म के निर्देशक और लेखन टीम को, जिन्होंने 'मिन्नल मुरली' जैसे एक ऐसे सुपरहीरो की रचना की है, जिसके पास ईश्वरीय शक्तियां तो हैं, लेकिन वो हर सीन में एक आम इंसान की तरह दिखता है. वो बचपन से संघर्ष करते हुए कभी अपने पिता को खोता है, तो कभी प्यार को, लेकिन जरूरत पड़ने पर अपने गांववालों की मदद के लिए अपने सपने को त्याग देता है. फिल्म का विलेन दहाड़ता नहीं है, न ही गोलियां चलता है, वो तो एक साधारण मजदूर है, जो अपने बचपन के प्यार को पाने के लिए अधेड़ उम्र में भी तड़पता है.
इस फिल्म में कई सुंदर संदेश भी हैं, जिन्हें डायलॉग के जरिए बोला नहीं गया है, बल्कि महसूस करने के लिए दर्शकों पर छोड़ दिया गया है. इसका सुखद एहसास फिल्म देखने के बाद भी बना रहता है. फिल्म दिखाती है कि प्यार केवल हीरो की जागिर नहीं होती है. प्यार विलेन भी कर सकता है. उसी मासूमियत और पवित्रता के साथ जिस अंदाज में हीरो करता है. किसी इंसान को उसका गुण और गतिविधि नायक और खलनायक बनाती है. जैसे कि इस फिल्म में एक ही घटना में गांव के दो लोगों को ईश्वरीय शक्ति मिलती है. दोनों ही बेहद साधारण जीवन जी रहे होते हैं. लेकिन जब उनको पता चलता है कि उनके पास सुपरपॉवर है, तो उनका इस्तेमाल ही उनको नायक और खलनायक बना देता है. क्योंकि एक इस शक्ति का इस्तेमाल लोगों की भलाई और मदद के लिए करता है, दूसरा इसी शक्ति के जरिए अपना निजी स्वार्थ पूरा करता है. अपने प्यार को पाने के लिए बैंक में डकैती डालता है. लोगों की हत्याएं करता है. इसलिए खलनायक कहलाता है.
Minnal Murali Movie की कहानी
फिल्म 'मिन्नल मुरली' की कहानी केरल के एक गांव में रहने वाले दर्जी जैसन (टोविनो थॉमस) और मजदूर शिबू (गुरु सोमासुंदरम) के इर्द-गिर्द घूमती है. जैसन अमेरिका जाकर करियर बनाना चाहता है. इसके लिए हर संभव कोशिश करता है. वो गांव में ही रहने वाली एक पुलिस इंस्पेक्टर की बेटी से प्यार करता है. लेकिन उसकी प्रेमिका की शादी उसके पिता एक बिजनेसमैन से तय कर देते हैं. जैसन उसे रोकने के लिए क्रिसमस की रात सेंटा क्लाज बनकर उसके घर जाता है. लेकिन प्रेमिका मानती नहीं है. उसी रात चाय की दुकान पर काम करने वाले शिबू (गुरु सोमासुंदरम) को पता चलता है कि उसकी प्रेमिका, जिसकी 28 साल पहले शादी हो गई थी, वो अपने पति को छोड़कर मायके आ गई है. वो खुशी के मारे पागल हो जाता है. उससे मिलने के लिए नदी के रास्ते उसके घर पहुंच जाता है. रात को मौसम बहुत खराब हो जाता है. अचानक जैसन और शिबू के उपर बिजली गिर जाती है. दोनों शॉक की वजह से बेहोश हो जाते हैं. होश आने पर पता चलता है कि उनमें सुपर पॉवर है.
जैसन और शिबू पहले तो परेशान होते हैं, लेकिन जब अपने सुपर पॉवर का इस्तेमाल करते हैं, तो उनको बहुत मजा आता है. जैसन का भांजा जोसमोन (उमेश वशिष्ठ) उसे अमेरिकी सुपरहीरो की कहानियां सुनाता है. उसे बताता है कि कैसे स्पाइडर मैन और बैटमैन अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करके लोगों की मदद करते हैं. उनकी वजह से ही दुनिया दुश्मनों से बची हुई है. जैसन भी उन सुपरहीरो की तरह लोगों की मदद करने की बात कहता है. उनकी तरह अपनी पहचान छुपाकर सबसे पहले अपने प्रेमिका के पुलिस अफसर पिता की पिटाई करता है, क्योंकि उसने उसके पिता की बेइज्जती की हुई होती है. गांव वाले लुंगी और शर्ट पहने मुखौटाधारी सुपरहीरो को पहली बार वहीं देखते हैं. जाते-जाते वो सुपरहीरो अपना मिन्नल मुरली दीवार पर लिख जाता है. उसी रात गांव के बैंक में डकैती होती है, जिसे शिबू अंजाम देता है. लेकिन पुलिस लगता है कि दोनों काम एक ही शख्त का है, जो मिन्नल मुरली नाम का है. पूरे गांव में मिन्नल की चर्चा शुरू हो जाती है. शिबू को भी पता चलता है. शिबू को अपनी प्रेमिका ऊषा (शैली किशोर) की बेटी के ऑपरेशन के पैसे के लिए बैंक डकैती करनी पड़ती है. वो पैसे लेकर अस्पताल जाता है, लेकिन ऊषा का भाई दासन उससे पहले ही पैसे जमा कर चुका होता है. दासन शिबू को पसंद नहीं करता है. इसी वजह से शिबू उसकी हत्या कर देता है. यहां तक दासन के एक दोस्त जो ऊषा से शादी करना चाहता है, उसकी भी हत्या कर देता है. दासन की हत्या से जैसन बहुत आहत होता है, क्योंकि वो उसी की दुकान में काम करता था. जैसन हत्यारे का पता लगाने के लिए सीसीटीवी फुटेज लेकर थाने जाता है. वहां शिबू भी पहुंच जाता है. वहीं पहली बार शिबू और जैसन का आमना-सामना होता है.
शिबू फुटेज कैसेट को नष्ट करके सबूत मिटाने में सफल हो जाता है. लेकिन जैसन को उसके बारे में पता चल जाता है. धीरे-धीरे पूरे गांव को शिबू की हरकतों के बारे में पता चल जाता है. इधर, शिबू के कहने पर ऊषा उसे अपनाने के लिए तैयार हो जाती है. उसके घर आ जाती है. लेकिन तभी गांव वाले उसका घर जला देते हैं, जिसमें ऊषा और उसकी बच्ची की मौत हो जाती है. इस घटना के बाद शिबू एक सनकी अपराधी बन जाता है और पूरे गांव को खत्म करने की कोशिश में लग जाता है. लेकिन उसका सामना सुपरहीरो मिन्नल मुरली यानी जैसन से होता है. इसके आगे क्या होता है? क्या जैसन शिबू से गांव को बचा पाएगा? जानने के लिए फिल्म देखनी होगी?
Minnal Murali Movie की समीक्षा
कहानी, पटकथा, अभिनय, निर्देशन और छायांकन, इन पांच स्तरों पर फिल्म 'मिन्नल मुरली' एक बेहतरीन फिल्म साबित हुई है. थोड़ा सा म्युजिक कमजोर है, लेकिन चूंकि ये मलयालम फिल्म है और इसे हिंदी में डब किया गया है, इसलिए ये कमी स्वीकार की जा सकती है. फिल्म की कहानी और पटकथा अरुण अनिरुद्धन और जस्टिन मैथ्यू ने लिखी है. इसमें कई बातें ऐसी हैं, जो आपने पहले भी फिल्मों में देखी होंगी, लेकिन यकीन कीजिए इस तरह से नहीं देखा होगा. पहली बात तो ग्रामीण पृष्ठभूमि पर आधारित किसी सुपरहीरो फिल्म की कल्पना करना ही अपने आप अनोखी बात है. उपर से सुपरहीरो और विलेन के किरदार निहायत ही देसी हैं. इसके बावजूद बेहतरीन हैं. फिल्म में प्यार को एक नए कलेवर में पेश किया गया है. जब शिबू अपने प्यार को याद करते हुए उसके बारे सोचता है, तो उसमें दिखाई गई मासूमियत से इश्क हो जाता है. बॉलीवुड सदाबहार अभिनेता देवानंद और गुरु दत्त के फिल्मी रोमांस की याद ताजा हो जाती है.
'मिन्नल मुरली' बतौर निर्देशक बेसिल जोसेफ की तीसरी फिल्म है. इससे पहले उन्होंने साल 2015 में रिलीज हुई मलयालम फिल्म 'कुन्जीरामायणम्' और साल 2017 में रिलीज फिल्म 'गोधा' को निर्देशित कर चुके हैं. लेकिन पहली बार उनकी फिल्म 'मिन्नल मुरली' को तमिल, तेलुगू, कन्नड और हिंदी में पैन इंडिया रिलीज किया गया है. अपनी पहली ही पैन इंडिया फिल्म के जरिए उन्होंने अपना नाम स्थापित कर दिया है. इंजनीयरिंग की पढ़ाई कर चुके जोसेफ ने एक दिलचस्प कहानी को जिस रोचक अंदाज में पेश किया है, वो वाकई अद्भुत है. उनकी उस सोच को सलाम, जिसने 'मिन्नल मुरली' जैसे देसी सुपरहीरो से हमारा साक्षात्कार कराया है. तकनीकी टीम ने भी अपने निर्देशक का साथ बहुत मजबूती से दिया है. फिल्म के शानदार छायाकंन के लिए सिनेमैटोग्राफर समीर ताहिर तारीफ के काबिल है. उन्होंने अपने कैमरे से ग्रामीण जीवन को बहुत ही सुंदरता से कैद किया है. इसकी वजह से किचड़ में खडा़ नायक भी कमल जैसा सुंदर दिखता है. हर फ्रेम में मेहनत साफ झलकती है.
आखिर में लेकिन सबसे महत्वपूर्ण, फिल्म के सभी कलाकारों का अभिनय प्रदर्शन, जो कि दमदार है. जैसन के किरदार में अभिनेता टोविनो थॉमस और शिबू के किरदार में अभिनेता गुरु सोमासुंदरम ने जान डाल दी है. 32 साल के टोविनो थॉमस ने मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में अभी 10 साल पूरे किए हैं. लेकिन साल 2018 में केरल में आई बाढ़ के बाद उन्होंने जिस तरह आम लोगों की मदद की थी, उससे वो काफी चर्चा में रहे थे. उनकी छवि एक मददगार की है, जो उनके किरदार जैसन में भी झलकती है. विलेन बने गुरु सोमासुंदरम को देखकर डर नहीं लगता, बल्कि उनसे सहानुभूति होती है. ये उनके अभिनय की विविधता ही है, जो विलेन के किरदार को भी हीरो के समानांतर प्रभावशाली बनाए रखती है. इनके अलावा फेमिना जॉर्ज, अजू वर्गीज, शेली किशोर, बैजू संतोष और हरिश्री अशोकन ने भी अपने-अपने किरदार के साथ पूरा न्याय किया है. कुल मिलाकर, 'मिन्नल मुरली' एक बेहतरीन फिल्म है. यदि आप देसी सुपरहीरो को देखकर आनंदित होना चाहते हैं, तो फिल्म को जरूर देखिए.
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.