बड़ी उम्मीदें थीं. इंडिया सेमीफाइनल तक आएगी. विरोधी टीम को हराएगी और फिर आईसीसी टी-20 वर्ल्ड कप पर हमारा (भारत का ) कब्ज़ा होगा. फिर जैसी चुल्ल रहती है मन ने एक डिमांड और की कि फाइनल इंडिया पाकिस्तान का हो फिर मजा ही आ जाए... ये सभी विचार तब थे जब टीम इंडिया टी20 वर्ल्ड कप खेलने के लिए ऑस्ट्रेलिया जा रही थी. मैच हुए. कुछ में जीत मिली. कुछ में हार हुई और आज सेमी फाइनल चल रहा है. इंडिया बनाम इंग्लैंड. पहले बल्लेबाजी करते हुए टीम इंडिया ने हार्दिक पंड्या, विराट कोहली और रोहित शर्मा की बदौलत 6 विकटों के नुकसान पर 168 रन बनाए. पारी ख़त्म हुई तो उम्मीद थी कि 168 रन ठीक ठाक स्कोर है दिक्कत होगी इंग्लैंड को. फिर दूसरी पारी शुरू हुई और ओह भाईसाहब... पहले ही ओवर में क्रांति कर जोस बटलर और एलेक्स हेल्स ने बता दिया कि इंग्लैंड सेमी फाइनल में We Tried hard But Mashaallah their boys played well कहने के लिए नहीं आया है. पहले ही ओवर में इंग्लैंड ने जो क्रांति की लगा ही नहीं कि टीम इंडिया सेमी फाइनल खेलने आई है. जैसा मैच टीम इंडिया ने खेला कसम से इससे अच्छा क्रिकेट मेरी गली में होता है. छोटे छोटे बच्चे खेलते हैं.
इंडिया जिस तरह इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए इस सेमी फाइनल को हारी है. मैं उस दफ्तर की तलाश में हूं जहां टीवी तोड़ने और मोबाइल फोड़ने के लिए फॉर्म भरे जाते हैं. मतलब क्या ही खेला और क्यों ही खेला. ससुरों ने जैसी बॉलिंग की और जिस तरह बटलर ने रोहित और उनकी सेना को घुमा घुमा के बंदर बनाया. कहना गलत नहीं है कि जब टीम इंडिया ने शुरुआती 5 ओवर्स में ही बटलर और हेल्स के बल्ले से निकलते...
बड़ी उम्मीदें थीं. इंडिया सेमीफाइनल तक आएगी. विरोधी टीम को हराएगी और फिर आईसीसी टी-20 वर्ल्ड कप पर हमारा (भारत का ) कब्ज़ा होगा. फिर जैसी चुल्ल रहती है मन ने एक डिमांड और की कि फाइनल इंडिया पाकिस्तान का हो फिर मजा ही आ जाए... ये सभी विचार तब थे जब टीम इंडिया टी20 वर्ल्ड कप खेलने के लिए ऑस्ट्रेलिया जा रही थी. मैच हुए. कुछ में जीत मिली. कुछ में हार हुई और आज सेमी फाइनल चल रहा है. इंडिया बनाम इंग्लैंड. पहले बल्लेबाजी करते हुए टीम इंडिया ने हार्दिक पंड्या, विराट कोहली और रोहित शर्मा की बदौलत 6 विकटों के नुकसान पर 168 रन बनाए. पारी ख़त्म हुई तो उम्मीद थी कि 168 रन ठीक ठाक स्कोर है दिक्कत होगी इंग्लैंड को. फिर दूसरी पारी शुरू हुई और ओह भाईसाहब... पहले ही ओवर में क्रांति कर जोस बटलर और एलेक्स हेल्स ने बता दिया कि इंग्लैंड सेमी फाइनल में We Tried hard But Mashaallah their boys played well कहने के लिए नहीं आया है. पहले ही ओवर में इंग्लैंड ने जो क्रांति की लगा ही नहीं कि टीम इंडिया सेमी फाइनल खेलने आई है. जैसा मैच टीम इंडिया ने खेला कसम से इससे अच्छा क्रिकेट मेरी गली में होता है. छोटे छोटे बच्चे खेलते हैं.
इंडिया जिस तरह इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए इस सेमी फाइनल को हारी है. मैं उस दफ्तर की तलाश में हूं जहां टीवी तोड़ने और मोबाइल फोड़ने के लिए फॉर्म भरे जाते हैं. मतलब क्या ही खेला और क्यों ही खेला. ससुरों ने जैसी बॉलिंग की और जिस तरह बटलर ने रोहित और उनकी सेना को घुमा घुमा के बंदर बनाया. कहना गलत नहीं है कि जब टीम इंडिया ने शुरुआती 5 ओवर्स में ही बटलर और हेल्स के बल्ले से निकलते शोले देखे थे. तो उन्हें नैतिकता के नाते इंग्लैंड को जीत वैसे ही दे देनी चाहिए थी जैसे कोई नेता या अधिकारी अपना इस्तीफ़ा देता है.
खेल में कॉन्फिडेंस जरूरी है. पहले ही ओवर में जो इंग्लैंड ने हाल किया टीम के खिलाडियों के कंधे झुके हुए माथे पर चिंता के बल. थोड़ा मोटिवेशन रहे पंड्या ने फैंस की तरफ देखकर ताली जरूर बजवाई लेकिन वो तालियां तब सन्नाटे में तब्दील हो गयीं जब अगले ही पल बटलर और हेल्स ने शर्मा ही के लड़कों की रेल बनाई. जैसे चौके छक्के पड़ रहे थे एक बार तो महसूस यही हुआ कि किसी ने ऐसे लोगों को गेंद पकड़ा कर इंग्लैंड के आगे कर दिया है जो पाषाणकाल से आए हुए हैं.
बुरा लग रहा है और उससे भी ज्यादा बुरा ये लग रहा है कि, पाकिस्तान फाइनल खेलगी. इसी इंग्लैंड के साथ जिसने बिना पानी पिए सिर्फ कुल्ली करते हुए टीम इंडिया और उसके रणबांकुरों को छठी का दूध याद दिलाया. पर्सनल लेवल पर कहूं तो भारत जब बैटिंग करता है तो लगता है बॉलिंग पिच है, और जब बॉलिंग करता है तो लगता है बैटिंग पिच है.
इंडिया इंग्लैंड के बीच हुए इस मैच की सूरत ए हाल अगर महान कवि और अपनी बगावत के लिए मशहूर पाश के शब्दों की पैरोडी के रूप में कहूं तो-
सबसे खतरनाक नहीं होता इंग्लैंड से सेमीफाइनल में हराना,
खतरनाक होता है अस्थिरता वाले मुल्क पाकिस्तान से उपहास भरे ट्वीट आना
सबसे ख़तरनाक होता है
शर्मनाक तरीके से यूं इस तरह हार जाना.
बाद बाकी जिस तरह आज टीम और टीम के नाकारा खिलड़ियों ने आहत किया. मन यही है कि सिर को दीवार पर मार मार कर जान दे दूं लेकिन बात फिर वही है कि आत्महत्या कायरता की निशानी है और फिर इन कूड़ा क्रिकेटर्स को इंस्टाग्राम पर रील्स बनाते, किसी डांस रियलिटी शो में कमर मटकाते, किसी बॉलीवुडी हसीना से इश्क़ लड़ाते भी तो देखना है. ये ससुरे क्रिकेट खेलने के अलावा बाकी सारे काम अपने टाइम पर कर रहे.
मैं फिर बता रहा. ये आईपीएल और उसके पैसे और ऊपर से सट्टेबाजी इन कूड़ा क्रिकेटर्स और आग लगे इस बीसीसीआई को! इन्हें बर्बाद कर देगी. और इंग्लैंड से मिली इस शर्मनाक हार ने इस बात पर मोहर लगा दी है. आज जो मैच हुआ है उसपर कोई विश्लेषण नहीं है. क्योंकि विश्लेषण तब होता है जब दो बराबर की टीमें खेलती हैं. अंधा आदमी भी अगर भारत और इंग्लैंड के बीच हुए इस मैच की हाई लाइट्स देखे तो 10 रुपए के स्टाम्प पेपर पर लिखकर दे देगा कि ये टीम अपनी हरकतों से गर्त के अंधेरों में जा रही.
छोड़ो यार... क्या ही क्रिकेट और टीम इंडिया का मोह पालकर अपने को आहत करना. बारिश भी नहीं हुई जो मौसम पर इस हार का ठीकरा फोड़ा जा सकता था.
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