राहुल गांधी जन्म से ही भारत के एक बेहद लोकप्रिय नेता हैं. जहां कुछ लोग प्यार से उन्हें पप्पू कहते हैं, वहीं कई लोग आदर से उन्हें राहुल बाबा कहते हैं. भारत में नेता जहां कुर्सी के पीछे भागने के लिए जाने जाते हैं, वहीं राहुल गांधी की ख़ासियत यह है कि कुर्सी उनके पीछे भागती है. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार में राहुल गांधी जहां मंत्री तक बनने को तैयार नहीं थे, वहीं कांग्रेस के बड़े नेताओं का दावा था कि मनमोहन सिंह उनके लिए रात में 12 बजे भी प्रधानमंत्री की कुर्सी खाली करने को तैयार थे. इतना ही नहीं, राहुल गांधी लंबे समय तक कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद की कुर्सी से भी भागते रहे, लेकिन कुर्सी उनके पीछे तब तक दौड़ती रही, जब तक कि उसने उन्हें अपने ऊपर बैठा नहीं लिया. इसी तर्ज पर अनेक कांग्रेस नेताओं का मानना है कि प्रधानमंत्री की कुर्सी भी राहुल गांधी के पीछे दौड़ रही है और एक न एक दिन उन्हें अपने ऊपर बैठाकर ही दम लेगी.
ज़ाहिर है कि इतने लोकप्रिय नेता जब खांसते या छींकते हैं, तब भी हेडलाइन्स बन जाते हैं. ख़ासकर जब वे अपने नानीघर इटली जाते हैं, तब तो विपक्ष में भी बेचैनी-सी छा जाती है. कोई भी उन्हें एक भी पल मिस नहीं करना चाहता, इसलिए लोग चाहते हैं कि वे अपने नानीघर भी न जाएं. उनके चाहने वालों की शिकायत यह है कि राहुल गांधी ऐन वक्त पर उन्हें छोड़कर नानी के घर चले जाते हैं.
जैसे, यूपी विधानसभा चुनाव से पहले जब मुलायम परिवार में घमासान मचा हुआ था और लोग उनसे मार्गदर्शन की उम्मीद लगाए बैठे थे, तब वे दर्शन देने के लिए भी उपलब्ध नहीं थे. या फिर जब देश में राष्ट्रपति चुनाव का माहौल था, तब भी उनके दिव्य दर्शन को देश की जनता तरस रही थी. संसद का एक...
राहुल गांधी जन्म से ही भारत के एक बेहद लोकप्रिय नेता हैं. जहां कुछ लोग प्यार से उन्हें पप्पू कहते हैं, वहीं कई लोग आदर से उन्हें राहुल बाबा कहते हैं. भारत में नेता जहां कुर्सी के पीछे भागने के लिए जाने जाते हैं, वहीं राहुल गांधी की ख़ासियत यह है कि कुर्सी उनके पीछे भागती है. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार में राहुल गांधी जहां मंत्री तक बनने को तैयार नहीं थे, वहीं कांग्रेस के बड़े नेताओं का दावा था कि मनमोहन सिंह उनके लिए रात में 12 बजे भी प्रधानमंत्री की कुर्सी खाली करने को तैयार थे. इतना ही नहीं, राहुल गांधी लंबे समय तक कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद की कुर्सी से भी भागते रहे, लेकिन कुर्सी उनके पीछे तब तक दौड़ती रही, जब तक कि उसने उन्हें अपने ऊपर बैठा नहीं लिया. इसी तर्ज पर अनेक कांग्रेस नेताओं का मानना है कि प्रधानमंत्री की कुर्सी भी राहुल गांधी के पीछे दौड़ रही है और एक न एक दिन उन्हें अपने ऊपर बैठाकर ही दम लेगी.
ज़ाहिर है कि इतने लोकप्रिय नेता जब खांसते या छींकते हैं, तब भी हेडलाइन्स बन जाते हैं. ख़ासकर जब वे अपने नानीघर इटली जाते हैं, तब तो विपक्ष में भी बेचैनी-सी छा जाती है. कोई भी उन्हें एक भी पल मिस नहीं करना चाहता, इसलिए लोग चाहते हैं कि वे अपने नानीघर भी न जाएं. उनके चाहने वालों की शिकायत यह है कि राहुल गांधी ऐन वक्त पर उन्हें छोड़कर नानी के घर चले जाते हैं.
जैसे, यूपी विधानसभा चुनाव से पहले जब मुलायम परिवार में घमासान मचा हुआ था और लोग उनसे मार्गदर्शन की उम्मीद लगाए बैठे थे, तब वे दर्शन देने के लिए भी उपलब्ध नहीं थे. या फिर जब देश में राष्ट्रपति चुनाव का माहौल था, तब भी उनके दिव्य दर्शन को देश की जनता तरस रही थी. संसद का एक महत्वपूर्ण सत्र भी उन्होंने बंक कर दिया था. अब तीन राज्यों त्रिपुरा, नागालैंड और मेघालय के विधानसभा नतीजे आए, तब भी लोग उन्हें ढूंढ़ रहे थे, लेकिन पता चला कि वे नानी के घर में हैं.
देश की जनता और विपक्ष की इसी बेचैनी को देखते हुए हमने अलग-अलग सूत्रों से बात करके पता लगाने की कोशिश की कि सबकी भावनाओं की अनदेखी करते हुए राहुल गांधी एक बार फिर से ऐन वक्त पर नानीघर क्यों चले गए? हमने उन सूत्रों से भी बात की, जो प्यार से उन्हें पप्पू कहते हैं और उन सूत्रों से भी बात की, जो आदर से उन्हें राहुल बाबा कहते हैं.
सबसे पहले उन सूत्रों से प्राप्त हुईं पांच वजहें, जो प्यार से उन्हें पप्पू कहते हैं -
- हम लोग भी जब बच्चे थे तो अलग-अलग मौसमों में नानीघर में आम, लीची, जामुन, अमरूद, पपीता आदि के पेड़ हमारी बाट जोहते रहते थे. इसी तरह राहुल गांधी के नानीघर इटली में भी संतरे, नींबू और अनार के फलों से लदे पेड़ राहुल गांधी के बिना उदास हो रहे थे.
- फरवरी के आखिरी हफ्ते से ही दिल्ली में गर्मी काफी बढ़ गई है, इसलिए राहुल गांधी की कोमल त्वचा जलने लगी थी, इसलिए वे नानीघर के ठंडे मौसम का लुत्फ़ लेने इटली के विसेंज़ा प्रांत के लुसियाना शहर चले गए हैं, जहां तापमान अभी 3 डिग्री से 14 डिग्री के बीच ही है.
- चूंकि राहुल गांधी एक जनेऊधारी ब्राह्मण हैं, इसलिए भारत में नंगे बदन धूप नहीं सेंक पाते कि कहीं कोई जनेऊ की तस्वीर खींचकर वायरल न कर दे. दूसरी तरफ़, डॉक्टरों ने उन्हें बताया है कि अगर वे नियमित रूप से धूप नहीं सेंकेंगे तो शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाएगी. इसीलिए वे नंगे बदन धूप सेंकने के लिए नानीघर चले जाते हैं.
- राहुल गांधी भले 47 साल के हो गए हैं, लेकिन उनका दिल अभी भी बच्चा है. इसलिए जब तक वे नानी की लोरियां नहीं सुन लेते, तब तक उन्हें ठीक से नींद नहीं आती. इसीलिए, बीच-बीच में वे नींद का कोटा पूरा करने के लिए नानीघर जाते हैं.
- राहुल गांधी इस बात से काफी आहत थे कि आलू की फैक्टरी वाले बयान पर उनका मज़ाक बनाया गया. उन्हें पता है कि भारत के लोग तब तक किसी बात को नहीं मानते, जब तक कि विदेशों में उसका सफल ट्रायल नहीं हो जाता. इसलिए उन्होंने ठान लिया कि पहले वे अपने नानीघर में आलू की फैक्टरी का सफल ट्रायल करेंगे, फिर भारत के लोगों को सफल डेमो देंगे.
अब उन सूत्रों से प्राप्त हुईं पांच वजहें, जो आदर से उन्हें राहुल बाबा कहते हैं-
- इटली में इन दिनों चुनाव हो रहे हैं और बताया जा रहा है कि किसी एक पार्टी ने उन्हें अपने पक्ष में चुनाव-प्रचार के लिए बुलाया था, क्योंकि इटली में उनके बारे में यह मशहूर है कि वे जिसके भी पक्ष में चुनाव-प्रचार करते हैं, उसे अवश्य ही जीत मिलती है.
- इटली में राहुल गांधी स्वयं भी राजनीति करने की संभावना तलाश रहे हैं, क्योंकि किसी ज्योतिषी ने उनसे कह दिया है कि कांग्रेस पार्टी को भले ही उनपर पक्का भरोसा है, लेकिन उनकी सफलता की कुंडली दादी के देश से ज्यादा नानी के देश में बेहतर दिखाई दे रही है. इसलिए अगर वे प्रयास करें तो भारत की बजाय इटली के प्रधानमंत्री अवश्य बन सकते हैं.
- एक आम आदमी ने उन्हें समझा दिया कि यूं तो अमेठी में आपके वोट पूरे 100 प्रतिशत हैं, लेकिन 2019 के चुनाव में मोदी सरकार ईवीएम हैक कर लेगी, जिससे आप स्मृति ईरानी से हार जाएंगे, इसलिए अब वे इटली में अपने लिए कोई सुरक्षित सीट ढूंढ़ रहे हैं.
- राहुल गांधी अभिव्यक्ति की आज़ादी की लड़ाई लड़ने के लिए बार-बार इटली जाते हैं, क्योंकि भारत के जेएनयू में उनके योद्धा रूप को देखकर इटली के कई समूहों में उनकी मांग चरम पर है.
- मणिशंकर अय्यर ने जैसे नरेंद्र मोदी को चाय बेचने की सलाह दी थी, वैसे ही उन्होंने राहुल गांधी को भी कोई नेक सुझाव दे दिया है. इसी वजह से राहुल गांधी को बार-बार नानीघर जाना पड़ता है.
- हालांकि अलग-अलग सूत्रों से प्राप्त हुईं उपरोक्त वजहों में से कोई भी एक या अनेक वजह सही हो सकती हैं, फिर भी हमारा डिस्क्लेमर यह है कि असली वजह का खुलासा केवल राहुल गांधी ही कर सकते हैं और सूत्रों से प्राप्त हुई उपरोक्त वजहों के सच होने की हमारी कोई गारंटी नहीं.
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