कभी-कभी प्रधानमंत्री मोदी पाकिस्तान के साथ जाने या अनजाने में कुछ ऐसा कर जाते हैं जो आम लोगों के समझ से परे हो जाता है. या फिर ये कहें कि वो आश्चर्यचकित करनेवाली होती है.
हुआ यूं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शंघाई कॉरपोरेशन ऑर्गनाइजेशन (SCO) समिट में हिस्सा लेने के लिए किर्गिस्तान के बिश्केक जाना था. लेकिन पुलवामा आतंकी हमले और बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद पाकिस्तान ने भारतीय विमानों के लिए अपने एयरस्पेस को बंद कर दिया है. ऐसे में भारत की तरफ से प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री के विमान के रास्ते के लिए पाकिस्तान से एयरस्पेस खोलने की मांग की और पाकिस्तान मान भी गया. लेकिन इजाज़त मिलने के बावजूद प्रधानमंत्री पाकिस्तान के रूट से SCO समिट में शामिल होने के लिए नहीं गए. ऐसे में ज़हन में एक सवाल पैदा होता है कि अगर प्रधानमंत्री को पाकिस्तान के रास्ते जाना नहीं था तो इसकी इजाज़त ही क्यों मांगी गयी थी?
हालांकि इसके पीछे कारण जो कुछ भी रहा हो लेकिन प्रधानमंत्री द्वारा इस तरह का आश्चर्य करने वाला वाक्या पहली बार नहीं हुआ है. इस तरह के और भी उदाहरण हैं जब प्रधानमंत्री ने ऐसे कदम उठाये हैं जो सबको हैरान किया है.
पाक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को शपथ-ग्रहण समारोह में बुलाया
नरेंद्र मोदी 2014 में अपने शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को आमंत्रित किया था और बड़े गर्मजोशी के साथ उनका स्वागत भी किया था. तब प्रधानमंत्री के इस कदम से लोग आश्चर्यचकित हुए थे और दुनियाभर में मोदी के इस पहल की प्रशंसा भी हुई थी. तब ऐसा लग रहा था जैसे पकिस्तान के साथ भारत के संबंध अच्छे होनेवाले हैं लेकिन ऐसा हुआ नहीं....
कभी-कभी प्रधानमंत्री मोदी पाकिस्तान के साथ जाने या अनजाने में कुछ ऐसा कर जाते हैं जो आम लोगों के समझ से परे हो जाता है. या फिर ये कहें कि वो आश्चर्यचकित करनेवाली होती है.
हुआ यूं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शंघाई कॉरपोरेशन ऑर्गनाइजेशन (SCO) समिट में हिस्सा लेने के लिए किर्गिस्तान के बिश्केक जाना था. लेकिन पुलवामा आतंकी हमले और बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद पाकिस्तान ने भारतीय विमानों के लिए अपने एयरस्पेस को बंद कर दिया है. ऐसे में भारत की तरफ से प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री के विमान के रास्ते के लिए पाकिस्तान से एयरस्पेस खोलने की मांग की और पाकिस्तान मान भी गया. लेकिन इजाज़त मिलने के बावजूद प्रधानमंत्री पाकिस्तान के रूट से SCO समिट में शामिल होने के लिए नहीं गए. ऐसे में ज़हन में एक सवाल पैदा होता है कि अगर प्रधानमंत्री को पाकिस्तान के रास्ते जाना नहीं था तो इसकी इजाज़त ही क्यों मांगी गयी थी?
हालांकि इसके पीछे कारण जो कुछ भी रहा हो लेकिन प्रधानमंत्री द्वारा इस तरह का आश्चर्य करने वाला वाक्या पहली बार नहीं हुआ है. इस तरह के और भी उदाहरण हैं जब प्रधानमंत्री ने ऐसे कदम उठाये हैं जो सबको हैरान किया है.
पाक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को शपथ-ग्रहण समारोह में बुलाया
नरेंद्र मोदी 2014 में अपने शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को आमंत्रित किया था और बड़े गर्मजोशी के साथ उनका स्वागत भी किया था. तब प्रधानमंत्री के इस कदम से लोग आश्चर्यचकित हुए थे और दुनियाभर में मोदी के इस पहल की प्रशंसा भी हुई थी. तब ऐसा लग रहा था जैसे पकिस्तान के साथ भारत के संबंध अच्छे होनेवाले हैं लेकिन ऐसा हुआ नहीं.
जब प्रधानमंत्री मोदी अचानक पाकिस्तान पहुंचे
बात दिसम्बर 2015 की है जब पूरी दुनिया को चौंकाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काबुल से नई दिल्ली लौटते वक्त अचानक लाहौर चले गए जहां उन्होंने नवाज शरीफ को उनके जन्मदिन की बधाई दी और फिर उनकी नातिन की शादी में शरीक हुए थे. तब वो नवाज शरीफ के पुश्तैनी घर में 90 मिनट तक ठहरे थे और दुल्हन को आशीर्वाद देने के बाद ही नई दिल्ली के लिए रवाना हुए थे.
आईएसआई (ISI) को पठानकोट वायुसेना एयरबेस में जांच की इजाज़त देना
जब देश 2016 का नए साल का जश्न मना ही रहा था तभी आधा दर्जन आतंकवादियों ने पंजाब के पठानकोट वायु सेना स्टेशन पर हमला बोलकर हमारे सात सुरक्षाकर्मियों को शहीद कर दिया था. दोनों देशों के बीच तनाव का माहौल था. लेकिन अचानक भारत सरकार ने मार्च में इस आतंकी हमले की जांच के लिए पाकिस्तान की जांच टीम, जिसमें पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का अफसर भी था, को इस एयरबेस में जाकर जांच करने की मंजूरी दे दी थी. हालांकि पाकिस्तानी जांच दल को एयरबेस के केवल उसी हिस्से में जाने दिया गया था जहां आतंकियों के साथ सुरक्षा बलों की मुठभेड़ चली थी.
पाकिस्तान के राष्ट्रीय दिवस पर बधाई दी
हर साल 23 मार्च को पाकिस्तान दिवस मनाया जाता है. इस साल भारत ने पाकिस्तान के राष्ट्रीय दिवस पर दिल्ली उच्चायोग में आयोजित कार्यक्रम का बहिष्कार करने का फैसला लिया था. यही नहीं विदेश मंत्रालय ने कहा था कि इस्लामाबाद में आयोजित ऐसे कार्यक्रमों में भी कोई भारतीय प्रतिनिधि शामिल नहीं होगा. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबको चौंकाते हुए इस अवसर पर पाकिस्तान की जनता को बधाई दी थी. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर जानकारी देते हुए कहा था कि "पीएम मोदी ने पाकिस्तान की जनता को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि लोकतांत्रिक, शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण माहौल के लिए उप महाद्वीप के लोग एक साथ आएं, जहां हिंसा और आतंक के लिए कोई जगह ना हो.'' इसके बाद तो भारत के विपक्षी पार्टियां भी मोदी सरकार पर हमलावर हो गए थे.
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