पाकिस्तान (Pakistan) से भारत आए अदनान शामी (Adnan Sami) को भारत की नागरिकता मिले करीब 4 साल बीत चुके हैं. और अब तो पद्मश्री सम्मान (Padma Shri Award) भी मिल गया है. लेकिन विपक्ष को उनका ये सम्मान खटक रहा है. ऐसा इसलिए भी है कि एक तरफ जब नागरिकता संशोधन कानून (CAA) में मोदी सरकार (Modi Government) ने मुसलमानों (Muslim) को जगह नहीं दी है, तो अदनान को इतना बड़ा सम्मान देकर क्या दिखाया जा रहा है. अदनान शामी को लेकर मोदी सरकार का विरोध ये कहते हुए हो रहा है कि ऐसे शख्स को पद्मश्री कैसे दिया जा सकता है, जिसके पिता ने भारत पर हमला किया हो. बता दें कि 1965 की जंग में अदनान शामी के पिता तत्कालीन स्क्वॉड्रन लीडर अरशद शामी ने भारत का एक लड़ाकू विमान, 15 टैंक और 12 वाहनों को नष्ट किया था, जो पाकिस्तान के हीरो थे. मोदी सरकार का विरोध करने वालों में सबसे आगे है कांग्रेस, जिसके प्रवक्ता जयवीर शेरगिल (Jaiveer Shergill) ने अदनान शामी पर मोदी सरकार की चमचागिरी करने का आरोप भी लगा दिया. खैर, ये सब राजनीतिक हथकंडे विपक्ष अपनाता ही है. जो भाजपा विपक्ष में रहते हुए अदनान शामी को नागरिकता दिए जाने का विरोध करती थी, उसी ने खुद सत्ता में आने के बाद अदनान शामी को नागरिकता दी. और अब कांग्रेस अदनान के विरोध में खड़ी है.
हालांकि, अदनान शामी का भाजपा को लेकर स्टैंड भी कम दिलचस्प नहीं है. बात-बात में विपक्ष पर पाकिस्तान चले जाने का जुमला कसने वाले भाजपा समर्थक अदनान शामी को लेकर फूले नहीं समा रहे हैं. पाकिस्तान को राहु-केतु की तरह दुष्ट ग्रह समझने वाले भाजपा नेता पाकिस्तान में जन्मे अदनान शामी को सबसे बड़ा राष्ट्रवादी बताने से पीछे नहीं हट रहे. यानी पाकिस्तान में पैदा होने वाला मुसलमान भी एक राष्ट्रवादी-दक्षिणपंथी हो सकता है, अगर वह अदनान शामी के रास्ते पर चले.
करीब 4 साल पहले अदनान सामी को भारत की नागरिकता मिली थी और अब पद्मश्री सम्मान भी मिल गया है.
क्या कहा है कांग्रेस ने?
कांग्रेस प्रवक्ता जयवीर सिंह ने एक वीडियो जारी करते हुए कहा- भारतीय सेना के वीर सिपाही और भारत माता के पुत्र मोहम्मद सनाउल्लाह जिन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ कारगिल की लड़ाई लड़ी उनको एनआरसी के जरिए घुसपैठिया घोषित कर दिया गया. दूसरी तरफ, अदनान शामी को पद्म श्री से नवाज दिया गया जिनके पिता पाकिस्तानी वायुसेना में अफसर थे और भारत के खिलाफ गोलाबारी की थी. जयवीर शेरगिल ने इस पर तीन सवाल दागे हैं:
1- पाक के खिलाफ लड़ने वाला भारत का सिपाही घुसपैठिया और पाक वायुसेना के अफसर के बेटे को सम्मान क्यों?
2- क्या पद्मश्री के लिए समाज में योगदान जरुरी है या सरकार का गुणगान?
3- क्या पद्मश्री के लिए नया मानदंड है कि करो सरकार की चमचागिरी, मिलेगा तुमको पद्मश्री?
अदनान शामी और जयवीर शेरगिल के बीच तीखी नोक-झोंक
कांग्रेस की तरफ से मोदी सरकार का विरोध करते हुए अदनान शामी पर चमचागिरी का आरोप लगाने के बाद तो खुद अदनान शामी मैदान में उतर आए और जयवीर शेरगिल से तीखी नोक-झोंक हुई.
जयवीर शेरगिल ने एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने एक खबर का लिंक शेयर किया, जिसकी हेडिंग थी- 'सरकार की चमचागिरी का जादू': कांग्रेस ने अदनान शामी को पद्मश्री दिए जाने पर सरकार पर बोलो हमला.
इसके जवाब में अदनाम शामी ने लिखा- 'ऐ बच्चे, क्या तुमने अपना दिमाग ‘क्लियरेंस सेल’ या सेकेंड हैंड नोवेल्टी स्टोर से खरीदा है? क्या उन्होंने तुम्हें बर्कले में ये सिखाया कि एक बेटे को उसके मां-बाप के किए के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए या सजा दी जानी चाहिए? और तुम एक वकील हो? क्या तुमने लॉ स्कूल में यही सीखा है? भाग्य तुम्हारा साथ दे'
अदनान शामी के तीखे जवाब पर जयवीर शेरगिल ने तुरंत मुड़कर हमला बोला और लिखा- 'अंकल, मैं आपकी भाषा में भी जवाब दे सकता हूं, लेकिन भारतीय संस्कृति ने मुझे सिखाया है कि अपने दुश्मनों का भी आदर करो- आपने अभी-अभी सीमा पार की है तो शायद आप अभी भी सीख रहे हैं. विरोध उस पॉलिसी का है, जिसके तहत भारतीय सेना के जवान को विदेशी बना दिया और पाकिस्तानी सेना के परिवार को अवॉर्ड दिया जा रहा है.'
इस पर शामी बोले- 'मुझे अभी अंकल मत बनाओ और भारतीय संस्कृति जानने के बारे में बकवास मत करो, जबकि आपने अपने बयान में चमचागिरी जैसे घटिया शब्द का इस्तेमाल किया है जो साफ करता है कि आपके अंदर संस्कृति की कमी है.'
इस पर जयवीर शेरगिल ने जवाब दिया- 'अंकल जी, मैं आपको बता दूं कि मुझे भारतीय संस्कृति पर उस शख्स से भाषण सुनने की कोई जरूरत नहीं है, जिसने अपने खुद के पिता से सिर्फ इसलिए दूरी बना ली ताकि ट्विटर पर उसे कुछ तालियां मिल सकें. याद आया... क्या आप मुझे कोई 5 योगदान गिना सकते हैं, जो आपने पिछले 5 साल में देश के लिए किए हों?'
शामी फिर से जवाब दिया- 'फिर से आप घमंडी और अक्ल से पैदल जैसी बात बोल रहे हैं. जहां तक बात है मेरे पिता से दूरी बनानी की, जिन्हें मैं बहुत प्यार करता हूं तो ये मेरा निजी मामला है. मेरे और मेरे पिता के बीच के रिश्ते पर आप कुछ बोलने की हिम्मत ना ही करें तो अच्छा है.'
दिग्विजय सिंह का राजनीतिक समर्थन
जहां एक ओर जयवीर शेरगिल ने अदनान शामी को पद्मश्री दिए जाने का विरोध किया है, वहीं कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने मोदी सरकार के इस कदम की सराहना की है. चुपके से अपनी तारीफ करते हुए उन्होंने ये भी कहा कि अदनान शामी को भारतीय नागरिकता देने के लिए भारत सरकार से उन्होंने सिफारिश भी की थी. इसके बाद उन्होंने कहा कि जब भारत सरकार को हर धर्म के व्यक्ति को नागरिकता देना का अधिकार है, तो फिर नागरिकता कानून क्यों? भारतीय राजनीति का ध्रुवीकरण करने के लिए. अगर पाकिस्तान, अफगानिस्तान या बांग्लादेश में उत्पीड़न का शिकार हुआ उच्च प्रतिष्ठा वाला कोई व्यक्ति भारतीय नागरिकता चाहता है, तो भारत सरकार अब क्या करेगी?'
एनसीपी ने भी किया मोदी सरकार का विरोध
महाराष्ट्र के मंत्री तथा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता नवाब मलिक ने अदनान शामी को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किए जाने पर कहा, 'यह साफ-साफ ऐसा मामला है कि पाकिस्तान से आने वाला कोई शख्स 'जय मोदी' बोलेगा, तो उसे भारत की नागरिकता के साथ-साथ पद्मश्री पुरस्कार भी दिया जाएगा... यह देशवासियों का अपमान है...'
राज ठाकरे भी विरोध में
शनिवार शाम को राज ठाकरे की अगुआई वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के अमय खोपकर ने मराठी में ट्वीट किया, 'शामी मूल रूप से भारतीय नहीं हैं. एमएनएस का मानना है कि उन्हें कोई अवॉर्ड नहीं दिया जाना चाहिए. हम उन्हें पद्म श्री दिए जाने के फैसले का विरोध करते हैं. हमारी मांग है कि उनसे यह सम्मान वापस लिया जाए.'
पाकिस्तानी मुसलमान भी हो सकते हैं राष्ट्रवादी
अदनान शामी ने समाज में जो योगदान दिया है, उसके लिए उन्हें पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया है. राजनीतिक बहस के बीच उनका विरोध होना एक अलग बात है, लेकिन उन्हें पद्मश्री मिलने से एक बात तो साबित हो जाती है कि एक पाकिस्तानी मुसलमान भी राष्ट्रवादी हो सकता है. भले ही सीएए का विरोध इस बात को लेकर हो रहा है कि इसमें मुस्लिमों को नागिरकता देने का प्रावधान नहीं है, लेकिन पाकिस्तान से भारत आए मुस्लिम अदनान शामी को नागरिकता के बाद अब पद्मश्री तक दे दिया गया है. यानी एक पाकिस्तानी मुस्लिम को भी नागरिकता मिल सकती है, बशर्तें उसके दिल में भारत के लिए सम्मान और देशभक्ति हो.
तस्लीमा नसरीन भी चाहती हैं नागरिकता
बांग्लादेश छोड़कर भागी मुस्लिम समुदाय की तस्लीमा नसरीन भी कई सालों से भारत की नागरिकता के लिए संघर्ष कर रही हैं. उन्होंने तो मोदी सरकार के नागरिकता कानून का स्वागत भी किया और कहा कि ये कानून मुस्लिम विरोधी नहीं है, ना ही किसी को निकाला जा रहा है, लेकिन साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि इन देशों में मुस्लिमों को गैर-मुस्लिमों से अधिक प्रताड़ना झेलनी पड़ती है, अगर वह धर्म के खिलाफ बोल दें तो. ऐसे में उन्होंने गुहार लगाई कि ऐसे प्रताड़ित मुस्लिमों को भी नागरिकता कानून के तहत नागरिकता दी जानी चाहिए.
दुश्मन का दुश्मन दोस्त होता है !
यहां एक सवाल उठता है कि क्या मोदी सरकार तस्लीमा नसरीन और तारिक फतेह जैसे लोगों को भी नागरिकता दे सकती है? अदनान शामी करीब 16 सालों तक भारत में रहे. ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि उन्होंने पाकिस्तान को पराया कर दिया और भारत को अपना लिया. यहां तक कि सर्जिकल स्ट्राइक की भी तारीफ की थी, जिसके बाद पाकिस्तान में उनकी खूब आलोचना हुई. वहीं दूसरी ओर तारिक फतेह भी आए दिन पाकिस्तान के खिलाफ मुखर रहते हैं. वो कहते हैं ना कि दुश्मन का दुश्मन दोस्त होता है. वैसे ही अदनान शामी दोस्त हो गए और हो सकता है कि तारिक फतेह ख्वाहिश जाहिर करें तो वह भी दोस्त हो जाएंगे. बांग्लादेश के साथ कट्टर दुश्मनी नहीं है, वरना तस्लीमा नसरीन को भी शायद अब तक भारत की नागरिकता मिल चुकी होती.
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