कर्नाटक चुनाव खत्म हो गए हैं, राज्य के नए मुख्यमंत्री एचडी जेडीएस के एचडी कुमारस्वामी हैं. कर्नाटक चुनाव में प्रचार करने वाले यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के लिए 'कर्नाटक' से जंग अब भी जारी है. योगी ने कर्नाटक विशेषकर बेंगलुरु से बदला ले लिया है. खबर है कि 22वें एयरो इंडिया शो का आयोजन कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के बजाए उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में होगा. कारण बस इतना है कि यूपी सरकार चाहती है कि अब डिफेन्स और अविएशन इंडस्ट्री उत्तर प्रदेश में फले फुले. एयरो इंडिया शो को बेंगलुरु का गौरव माना जाता है. इसे यूपी ले जाने के रक्षा मंत्रालय के फैसले की कर्नाटक सरकार ने कड़ी आलोचना की है.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने इस बारे में केंद्र सरकार से जवाब मांगा है. अपनी तरफ से तर्क पेश करते हुए कुमारस्वामी ने कहा है कि इस शो के लिए बेंगलुरु सबसे उचित स्थान है. ऐसा इसलिए क्योंकि यहां वैसा इंफ्रास्ट्रक्चर पहले से मौजूद है. जैसा इंफ्रास्ट्रक्चर ऐसे बड़े प्रोग्राम के लिए चाहिए होता है. राज्य के मुख्यमंत्री के अलावा प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री जी परमेश्वर भी इस खबर से खफा हैं. उन्होंने भी इस मुद्दे पर अपनी नाराजगी जताते हुए कहा है कि एनडीए शासन में राज्य की अहम रक्षा परियोजनाएं अन्य राज्यों को जा रही हैं.
परमेश्वर का ये स्टेटमेंट यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण से एयरो इंडिया का आयोजन स्थल बदलने का अनुरोध करने के बाद आया. परमेश्वर का ये बयान क्यों आया इसकी एक वजह यह भी है कि इससे उत्तर प्रदेश को रक्षा उत्पादन में लाभ मिल सकता है.
प्रत्येक दो सालों पर आयोजित होने वाला यह कार्यक्रम इस साल अक्टूबर- नवंबर में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में होगा. इससे पहले फरवरी 2017 में यह बेंगलुरू में हुआ था. बात आगे बढ़ाने से पहले आपको बताते चलें कि रक्षा मंत्रालय ने इस बारे में अभी तक कोई औपचारिक घोषणा नहीं की है. गौरतलब है कि यदि ऐसा होता है तो यह पहली बार होगा जब 1996 में बेंगलुरु में शुरू हुआ...
कर्नाटक चुनाव खत्म हो गए हैं, राज्य के नए मुख्यमंत्री एचडी जेडीएस के एचडी कुमारस्वामी हैं. कर्नाटक चुनाव में प्रचार करने वाले यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के लिए 'कर्नाटक' से जंग अब भी जारी है. योगी ने कर्नाटक विशेषकर बेंगलुरु से बदला ले लिया है. खबर है कि 22वें एयरो इंडिया शो का आयोजन कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के बजाए उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में होगा. कारण बस इतना है कि यूपी सरकार चाहती है कि अब डिफेन्स और अविएशन इंडस्ट्री उत्तर प्रदेश में फले फुले. एयरो इंडिया शो को बेंगलुरु का गौरव माना जाता है. इसे यूपी ले जाने के रक्षा मंत्रालय के फैसले की कर्नाटक सरकार ने कड़ी आलोचना की है.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने इस बारे में केंद्र सरकार से जवाब मांगा है. अपनी तरफ से तर्क पेश करते हुए कुमारस्वामी ने कहा है कि इस शो के लिए बेंगलुरु सबसे उचित स्थान है. ऐसा इसलिए क्योंकि यहां वैसा इंफ्रास्ट्रक्चर पहले से मौजूद है. जैसा इंफ्रास्ट्रक्चर ऐसे बड़े प्रोग्राम के लिए चाहिए होता है. राज्य के मुख्यमंत्री के अलावा प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री जी परमेश्वर भी इस खबर से खफा हैं. उन्होंने भी इस मुद्दे पर अपनी नाराजगी जताते हुए कहा है कि एनडीए शासन में राज्य की अहम रक्षा परियोजनाएं अन्य राज्यों को जा रही हैं.
परमेश्वर का ये स्टेटमेंट यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण से एयरो इंडिया का आयोजन स्थल बदलने का अनुरोध करने के बाद आया. परमेश्वर का ये बयान क्यों आया इसकी एक वजह यह भी है कि इससे उत्तर प्रदेश को रक्षा उत्पादन में लाभ मिल सकता है.
प्रत्येक दो सालों पर आयोजित होने वाला यह कार्यक्रम इस साल अक्टूबर- नवंबर में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में होगा. इससे पहले फरवरी 2017 में यह बेंगलुरू में हुआ था. बात आगे बढ़ाने से पहले आपको बताते चलें कि रक्षा मंत्रालय ने इस बारे में अभी तक कोई औपचारिक घोषणा नहीं की है. गौरतलब है कि यदि ऐसा होता है तो यह पहली बार होगा जब 1996 में बेंगलुरु में शुरू हुआ एयरो इंडिया शो किसी अन्य राज्य में जाएगा. इसके अलावा इस प्रोग्राम को 2019 के लोकसभा चुनाव के लिहाज से भी उत्तर प्रदेश जैसे सूबे के लिए एक बड़ा और महत्वपूर्ण कार्यक्रम माना जा रहा है.
अब तक यह कार्यक्रम बेंगलुरु के येलाहंका एयरफ़ोर्स बेस में होता चला आया है. कार्यक्रम न सिर्फ ब्यूरोक्रेट्स के लिए अहम होता है बल्कि इसको लेकर आम बेंगलुरु वासी भी खासे उत्साहित रहते हैं और उनकी एक बड़ी संख्या इसमें अपनी उपस्थिति दर्ज कराती है. अब चूंकि खबर यह है कि ये प्रोग्राम लखनऊ में हो रहा है. तो अगर हम प्राप्त जानकारी को आधार मानें तो मिल रहा है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार इसे राजधानी के आउटस्कर्ट में पड़ने वाले बक्शी का तालाब क्षेत्र में आयोजित कराने वाली है. कार्यक्रम बक्शी का तालाब एयर फ़ोर्स स्टेशन में आयोजित होगा.
फर्क 'येलाहंका बेस' और 'बक्शी का तालाब' के बीच
इस खबर के बाद हमने येलाहंका एयरफ़ोर्स बेस और बक्शी का तालाब एयर फ़ोर्स स्टेशन का तुलनात्मक अध्ययन किया. इस अध्ययन में हमने यह जानने का प्रयास किया कि बेंगलुरु से निकाल कर और लखनऊ लाकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कितनी समझदारी का काम किया तो कुछ बातें हमारे सामने निकल कर सामने आई. आइये नजर डालते हैं कुछ बेहद बारीक मगर अहम चीजों पर.
येलाहंका एयरफ़ोर्स बेस
बेंगलुरू स्थित येलाहंका एयरफ़ोर्स बेस की शुरुआत 1942 में हुई थी. बेंगलुरू सिटी रेलवे स्टेशन से लगभग 22 किलोमीटर की दूरी पर पड़ने वाला यह स्थान यातायात के सभी माध्यमों से भली प्रकार जुड़ा है. इसके अलावा इस इलाके के पास कई बड़े अस्पताल, होटल, रेस्टुरेंट, पांच और तीन सितारा होटल मौजूद हैं. यानी अगर दूसरे शब्दों में कहा जाए तो अब तक जिस स्थान पर यह एयरो शो हो रहा था वहां हर वो हर चीज मौजूद है जो होनी चाहिए.
क्या अस्पताल, क्या मॉल और एअरपोर्ट कम ही देखने को मिला है कि यहां आने वाले किसी भी व्यक्ति को किसी भी तरह की दिक्कत हुई है. बात अगर सुरक्षा की दृष्टि से हो तो एक बेहद पॉश इलाका और डिफेन्स का अहम क्षेत्र होने की वजह से येलाहंका पूर्णतः सुरक्षित है. और यहां किसी प्रकार का कोई खतरा नहीं है. येलाहंका के बारे में एक मजेदार बात यह भी है कि एक बेहद शिक्षित इलाका होने के कारण आज समाज का वो वर्ग जो अपने को एलीट कहता है आज यहां वास करना पसंद करता है.
बात अगर गूगल के उस नक़्शे की तस्वीर की हो जिसे हमनें गूगल मैप से लिया है तो उसमें भी ये साफ दिख रहा है कि यह बेंगलुरु का एक विकसित स्थान है. जहां एक तरफ येलाहंका एयरफ़ोर्स बेस के आसपास कई सारे इंजीनियरिंग कॉलेज हैं तो यहां ऐसी कई हाउसिंग सोसाइटी भी मौजूद हैं जहां आर्थिक रूप से बहुत "हाई-फाई" लोग रहते हैं. यहां जहां बड़े बड़े स्कूल हैं तो वहीं कई ऐसे मॉल भी हैं जहां आपको हर वो चीज मिल जाएगी जिसकी आपको तलाश है.
बक्शी का तालाब एयरबेस
ऊपर हमने बात की येलाहंका एयरफ़ोर्स बेस की अब आते हैं उस स्थान पर जहां उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस एयरो शो को ला रहे हैं. जगह का नाम बक्शी का तलब है. चारबाग स्टेशन से लगभग 26 किलोमीटर और लखनऊ एअरपोर्ट से 43 किलोमीटर दूर बक्शी का तालाब को शहर का आउटस्कर्ट कहना कहीं से भी गलत नहीं है. सीतापुर दिल्ली हाईवे पर पड़ने के बावजूद आज भी बक्शी का तालाब या फिर (बीकेटी) मूलभूत सुविधाओं से कोसों दूर है.
न तो यहां आस पास में कोई अच्छा होटल ही है. न ही रेस्टुरेंट जहां पर एयरो देखने आने वाले लोग कुछ देर बैठ कर सुस्ता सकें. शहर के इस हिस्से के हालात कैसे हैं इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अगर इलाके में किसी के साथ कुछ दुर्घटना घट गई तो 90 % मामलों में उसे मेडिकल कॉलेज रिफर कर दिया जाता है. इस स्थान से मेडिकल कॉलेज का रास्ता और उस रास्ते पर लगने वाला जाम कुछ ऐसा है जिसके चलते कई मौके ऐसे आए हैं जब मरीज ने रास्ते पर ही दम तोड़ दिया है.
बात अगर सुरक्षा की हो तो ये अपने आप में दुर्भाग्यपूर्ण है कि योगी सरकार के अपराध मुक्त समाज के लाख दावों के बावजूद आज भी यहां कम ही लोग ऐसे हैं जो सूरज ढलने के बाद अपने घरों से निकलते हैं. जब हमने इस जगह को गूगल मैप परे सर्च किया तो जो परिणाम निकल कर आए वो अलग चौकाने वाले थे. यहां हमें सूरज भोजन भंडार, तोता टी स्टाल, साकिब टी स्टाल, सरिता स्टोर, शिवम टी शॉप, मनोज समोसा भंडार, अवधेश जूस कॉर्नर जैसे स्थान ये बताते नजर आए कि अच्छे मार्क्स लेने जके चक्कर में योगी सरकार ने जल्दबाजी कर ली.
बात अगर इस स्थान तक आने की हो तो मुख्य शहर से यहां तक आना भी अपने आप में एक टेढ़ी खीर है. यहां ओला और उबेर की कनेक्टिविटी उतनी ही है जितना की दाल में नमक. ये बात समझ से परे हैं कि आखिर किस बिनाह पर योगी सरकार ने इस स्थान को इतने बड़े प्रोग्राम का आयोजन स्थल बनाया. वर्तमान में बक्शी का तालाब में जैसी सुविधाएं हैं उनको देखकर बस इतना कहा जा सकता है कि योगी सरकार को पहले इस एरिया और इसके आसपास को विकसित करना चाहिए था. अभी इस स्थान का स्वरुप जैसा है वो और कुछ नहीं बस सरकार के दावों की पोल खोलेगा और निश्चित तौर पर योगी आदित्यनाथ की बेइज्जती कराएगा.
ये तो हो गई येलाहंका एयरफ़ोर्स बेस और बक्शी का तालाब की तुलना अब बात करते हैं उन ग्लोबल एविएशन कंपनियों की जो अब तक इस प्रोग्राम में अपनी उपस्थिति दर्ज कराती आई हैं. यह कंपनियां इस फैसले से खासी नाखुश हैं और इनका मानना है कि एक ऐसे वक़्त में जब प्रोग्राम को कुछ ही महीने बचे हैं आयोजन स्थल को परिवर्तित करना एक आश्चर्य में डालने वाला फैसला है.
ज्ञात हो कि इसी साल सरकार ने डिफेन्स एक्सपो की जगह को परिवर्तित कर उसे तमिलनाडु के चेन्नई भेजा था जिसके चलते सरकार की जानकर आलोचना हुई थी. अब जबकि एयरो शो का वेन्यू फिर से बदल रहा है तो इससे देश विदेश की कंपनियां खासी दुविधा में हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि प्रोग्राम का कैलेण्डर साल भर पहले ही कंपनियों को दे दिया जाता है ताकि उन्हें अपनी रूपरेखा बनाने , सामान ले जाने और लोगों की तैनाती और उपकरण डिस्प्ले करने में आसानी होती है.
इन सब के अलावा ऐसा करने में भारी मात्रा में धन भी व्यय होता है. अतः कंपनियों के बीच एक बड़ी चिंता इस बात की भी है कि जहां एक तरफ उनका धन व्यय होगा तो वहीं वो इतने कम समय में अपनी तैयारी को अंजाम कैसे देंगे.
बहरहाल अब जबकि योगी सरकार ने ठान ही लिया है कि वो राजधानी लखनऊ में इस प्रोग्राम को कराकर वाहवाही लूटेगी. तो हमारे लिए भी ये देखना दिलचस्प रहेगा कि, वो ऐसा कौन सा गणित लगाती है जिसके दम पर वो नामुमकिन को मुमकिन कर ले जाए. साथ ही अपनी जग हंसाई कराने से बच जाए. बाक़ी इस पूरे मामले और गूगल के नक़्शे में जो आया उसको देखकर कहीं न कहीं हम भी कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी की बात से सहमत हैं.
वहां प्रोग्राम इस लिए हो रहा था क्योंकि उनके पास इंफ्रास्ट्रक्चर था और जब बात इंफ्रास्ट्रक्चर की आ रही है तो इंफ्रास्ट्रक्चर के नाम पर हमें लखनऊ वाले नए आयोजन स्थल पर आलीशान होटलों और रेस्टुरेंट की जगह सूरज भोजन भंडार, तोता टी स्टाल, साकिब टी स्टाल, सरिता स्टोर, शिवम टी शॉप, मनोज समोसा भंडार, अवधेश जूस कॉर्नर जैसे स्थान दिख रहे हैं.
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