सत्ता में मचे घमासान और सत्येंद्र जैन और मनीष सिसोदिया के इस्तीफे के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कैबिनेट मंत्रियों के रूप में आम आदमी पार्टी के विधायक सौरभ भारद्वाज और अतिशि के नाम को दिल्ली के एल-जी वीके सक्सेना के सामने प्रस्तावित किया है. ख़बरों पर यकीन किया जाए तो आप की तरफ से नए बने मंत्रियों की शपथ लेने की प्रक्रिया अगले 48 घंटे के भीतर पूरा हो जाएगी. यह फैसला दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तब लिया जब सत्येंद्र जैन के बाद मनीष सिसोदिया को नई शराब नीति में हुए घोटाले के बाद सीबीआई ने गिरफ्तार किया. ज्ञात हो कि जेल में बंद सत्येंद्र जैन और मनीष सिसोदिया ने तमाम तरह की फजीहत के बाद बीते दिन अपना इस्तीफा दिया था जिसे केजरीवाल ने स्वीकार कर लिया था.सिसोदिया यदि इस्तीफे की पेशकश करते हैं तो अरविंद केजरीवाल सौरभ भारद्वाज को मौका दे सकते हैं. इसके कयास तो बहुत पहले से लग रहे थे लेकिन जिस तरह आतिशी का नाम सामने आया है वो हैरान करने वाला है.
ध्यान रहे मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सत्येंद्र जैन के जेल जाने और नई शराब नीति में हुए कथित घोटाले के आरोपों में सीबीआई द्वारा सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद 20 पोर्टफोलियो खाली हुए थे. जिनमें शिक्षा मंत्रालय, स्वास्थ्य और जेल भी शामिल थे. फिलहाल इन मंत्रालयों को कैलाश गहलोत और राज कुमार आनंद को दिए जाने की संभावना है.
जिक्र चूंकि केजरीवाल कैबिनेट में सौरभ भारद्वाज और अतिशि को मंत्री बनाए जाने का हुआ है तो हमारे लिए आम आदमी पार्टी से जुड़े इन दो नेताओं की उपलब्धियों के बारे में भी जान लेना बहुत जरूरी है. ज्ञात हो कि...
सत्ता में मचे घमासान और सत्येंद्र जैन और मनीष सिसोदिया के इस्तीफे के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कैबिनेट मंत्रियों के रूप में आम आदमी पार्टी के विधायक सौरभ भारद्वाज और अतिशि के नाम को दिल्ली के एल-जी वीके सक्सेना के सामने प्रस्तावित किया है. ख़बरों पर यकीन किया जाए तो आप की तरफ से नए बने मंत्रियों की शपथ लेने की प्रक्रिया अगले 48 घंटे के भीतर पूरा हो जाएगी. यह फैसला दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तब लिया जब सत्येंद्र जैन के बाद मनीष सिसोदिया को नई शराब नीति में हुए घोटाले के बाद सीबीआई ने गिरफ्तार किया. ज्ञात हो कि जेल में बंद सत्येंद्र जैन और मनीष सिसोदिया ने तमाम तरह की फजीहत के बाद बीते दिन अपना इस्तीफा दिया था जिसे केजरीवाल ने स्वीकार कर लिया था.सिसोदिया यदि इस्तीफे की पेशकश करते हैं तो अरविंद केजरीवाल सौरभ भारद्वाज को मौका दे सकते हैं. इसके कयास तो बहुत पहले से लग रहे थे लेकिन जिस तरह आतिशी का नाम सामने आया है वो हैरान करने वाला है.
ध्यान रहे मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सत्येंद्र जैन के जेल जाने और नई शराब नीति में हुए कथित घोटाले के आरोपों में सीबीआई द्वारा सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद 20 पोर्टफोलियो खाली हुए थे. जिनमें शिक्षा मंत्रालय, स्वास्थ्य और जेल भी शामिल थे. फिलहाल इन मंत्रालयों को कैलाश गहलोत और राज कुमार आनंद को दिए जाने की संभावना है.
जिक्र चूंकि केजरीवाल कैबिनेट में सौरभ भारद्वाज और अतिशि को मंत्री बनाए जाने का हुआ है तो हमारे लिए आम आदमी पार्टी से जुड़े इन दो नेताओं की उपलब्धियों के बारे में भी जान लेना बहुत जरूरी है. ज्ञात हो कि अपने नए मंत्रिमंडल में यदि केजरीवाल ने अतिशि और सौरभ भारद्वाज का चयन किया है तो ये यूं ही खानापूर्ति के लिए नहीं है.
केजरीवाल के लिए क्यों जरूरी हैं सौरभ भारद्वाज
पढ़ाई लिखाई के लिहाज से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर सौरभ भारद्वाज दिल्ली विधान सभा में ग्रेटर कैलाश निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं. सौरभ वर्तमान में दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष हैं. सौरभ दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं. जिन्होंने आम आदमी पार्टी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान भोजन और आपूर्ति, परिवहन, पर्यावरण और जीएडी मंत्रालयों संभाला था.
वैसे तो भारद्वाज कैबिनेट मंत्री थे लेकिन पार्टी और पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल की नजर में उन्होंने विशेष पहचान तब बनाई जब उन्होंने चुनाव आयोग द्वारा कथित रूप से इस्तेमाल किए गए ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) के समान एक लुक-अलाइक मशीन को हैक करने का दावा किया. ध्यान रहे AAP ने हाल फिलहाल के अलग अलग चुनावों के दौरान EVM छेड़छाड़ के अपने दावों को प्रमाणित करने के लिए भारद्वाज द्वारा हैकिंग का उपयोग किया.
चुनाव आयोग ने बाद में दावा किया कि वह किसी भी मशीन के लिए जिम्मेदारी नहीं ले सकती है जो अपने स्वयं के सुरक्षा प्रणालियों के अधीन नहीं है. और उसने भारद्वाज द्वारा हैकिंग के प्रयास को खारिज कर दिया. वहीं भारद्वाज शिक्षा क्षेत्र में मनीष सिसोदिया के प्रमुख सलाहकार भी रह चुके हैं.
केजरीवाल की लेडी जनरल हैं आतिशी
दिल्ली के कालकाजी विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाली आतिशी का शुमार पार्टी के तेज तर्रार नेताओं में है जो मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की खास हैं. आतिशी आम आदमी पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति की सदस्य हैं. उन्होंने पूर्व में दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के सलाहकार के रूप में कार्य किया है. पढ़ाई लिखाई में रूचि के कारण आतिशी ने दिल्ली के स्कूलों के लिए भी काफी काम किया है. आप की गोवा यूनिट का इंचार्ज बनाने से लेकर पूर्व में हुए लोकसभा चुनावों तक केजरीवाल ने जो भी जिम्मेदारियां आतिशी को दीं उसका उन्होंने बखूबी निर्वाह किया.
आतिशी पार्टी के लिए क्या कर सकती हैं गर जो सवाल ये हो तो हम उस बवाल का रुख कर सकते हैं जो अभी बीते दिनों दिल्ली एमसीडी में हुआ. घटना के वीडियो इंटरनेट पर वायरल हैं. जिनके बारे में बताया जा रहा है कि आतिशी आप की महिला पार्षदों के कान में कुछ फुसफुसाती हैं, और उसके बाद वे पार्षद विपक्ष के नेताओं पर हमला बोल देती हैं.
आतिशी के बारे में कहा ये भी जाता है कि वो पार्टी के उन गिने चुने लोगों में हैं जो मुख्यमंत्री केजरीवाल और उनके अगले कदम को जानती हैं. वो ठीक वैसे ही काम करती हैं जैसा दिल्ली के मुख्यमंत्री चाहते हैं.
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