अमेठी की लड़ाई 2014 के मुकाबले 2019 में दिलचस्प होगी, ऐसा तो पहले से ही लग रहा था - लेकिन इस कदर रोमांचक होती जाएगी अंदाजा नहीं था. 2014 में राहुल गांधी को कड़ी टक्कर देकर हार जाने के बाद भी स्मृति ईरानी पूरे पांच साल लगातार अमेठी का दौरा करती रहीं - और राहुल गांधी को घेरने का कोई भी मौका नहीं छोड़ा. स्मृति ईरानी को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी इस लड़ाई में शुरू से ही भरपूर सपोर्ट मिलता रहा है.
राहुल गांधी जो भी कहें लेकिन ये बात मुश्किल से गले उतरती है कि वो उत्तर और दक्षिण भारत को बराबरी का दर्जा दिलाने के लिए वायनाड पहुंचे हैं. पूरा न सही, लेकिन स्मृति ईरानी का इसमें बहुत बड़ा रोल है. इस बात से कम ही लोग ऐसे होंगे जो इंकार करेंगे - हां, पार्टी विशेष के प्रति लगाव होने की स्थिति में नजरिया अलग जरूर हो सकता है.
जैसे ही अमेठी में कांग्रेस उम्मीदवार राहुल गांधी के नामांकन पर आपत्ति जतायी गयी, फौरन ही बीजेपी उम्मीदवार स्मृति ईरानी की शैक्षिक योग्यता पर सवाल खड़े होने लगे. ये बता रहा है कि अमेठी की लड़ाई किसी आम चुनावी लड़ाई से कहीं बढ़ कर लड़ी जा रही है.
राहुल गांधी की नागरिकता पर उठे सवाल!
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने राहुल गांधी की नागरिकता पर उठे सवाल के बाद केंद्र सरकार को इसे छह महीने के भीतर निस्तारित करने का निर्देश जारी किया है. एक याचिका दायर कर दावा किया गया है कि राहुल गांधी के पास दोहरी नागरिकता है. आरोप है कि राहुल गांधी ने लंदन में अपनी कंपनी का रिटर्न दाखिल करते वक्त खुद को ब्रिटेन का नागरिक बताया है जो संविधान के अनुच्छेद-9 और भारतीय नागरिकता अधिनियम की धारा-9 के खिलाफ है. याचिका में आरोपों के आधार पर राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता रद्द करने की मांग की गयी है.
अमेठी से चुनाव लड़ रहे एक निर्दलीय उम्मीदवार ने भी रिटर्निंग ऑफिसर से इसी बात की शिकायत की है. निर्दलीय उम्मीदवार ने दोहरी नागरिकता के इल्जाम में राहुल गांधी का अमेठी से नामांकन रद्द करने...
अमेठी की लड़ाई 2014 के मुकाबले 2019 में दिलचस्प होगी, ऐसा तो पहले से ही लग रहा था - लेकिन इस कदर रोमांचक होती जाएगी अंदाजा नहीं था. 2014 में राहुल गांधी को कड़ी टक्कर देकर हार जाने के बाद भी स्मृति ईरानी पूरे पांच साल लगातार अमेठी का दौरा करती रहीं - और राहुल गांधी को घेरने का कोई भी मौका नहीं छोड़ा. स्मृति ईरानी को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी इस लड़ाई में शुरू से ही भरपूर सपोर्ट मिलता रहा है.
राहुल गांधी जो भी कहें लेकिन ये बात मुश्किल से गले उतरती है कि वो उत्तर और दक्षिण भारत को बराबरी का दर्जा दिलाने के लिए वायनाड पहुंचे हैं. पूरा न सही, लेकिन स्मृति ईरानी का इसमें बहुत बड़ा रोल है. इस बात से कम ही लोग ऐसे होंगे जो इंकार करेंगे - हां, पार्टी विशेष के प्रति लगाव होने की स्थिति में नजरिया अलग जरूर हो सकता है.
जैसे ही अमेठी में कांग्रेस उम्मीदवार राहुल गांधी के नामांकन पर आपत्ति जतायी गयी, फौरन ही बीजेपी उम्मीदवार स्मृति ईरानी की शैक्षिक योग्यता पर सवाल खड़े होने लगे. ये बता रहा है कि अमेठी की लड़ाई किसी आम चुनावी लड़ाई से कहीं बढ़ कर लड़ी जा रही है.
राहुल गांधी की नागरिकता पर उठे सवाल!
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने राहुल गांधी की नागरिकता पर उठे सवाल के बाद केंद्र सरकार को इसे छह महीने के भीतर निस्तारित करने का निर्देश जारी किया है. एक याचिका दायर कर दावा किया गया है कि राहुल गांधी के पास दोहरी नागरिकता है. आरोप है कि राहुल गांधी ने लंदन में अपनी कंपनी का रिटर्न दाखिल करते वक्त खुद को ब्रिटेन का नागरिक बताया है जो संविधान के अनुच्छेद-9 और भारतीय नागरिकता अधिनियम की धारा-9 के खिलाफ है. याचिका में आरोपों के आधार पर राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता रद्द करने की मांग की गयी है.
अमेठी से चुनाव लड़ रहे एक निर्दलीय उम्मीदवार ने भी रिटर्निंग ऑफिसर से इसी बात की शिकायत की है. निर्दलीय उम्मीदवार ने दोहरी नागरिकता के इल्जाम में राहुल गांधी का अमेठी से नामांकन रद्द करने की मांग की है.
राहुल गांधी की नागरिकता पर सवाल उठते ही बीजेपी आक्रामक हो गयी है. बीजेपी प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने कहा, 'राहुल गांधी को सोमवार सुबह तक का समय दिया गया है. ये बहुत आश्चर्य की बात है कि उनकी नागरिकता को लेकर जो आपत्तियां जताई गई हैं उनका जवाब नहीं दिया गया है.' बीजेपी प्रवक्ता ने सवाल उठाया कि क्या राहुल गांधी कभी ब्रिटेन के नागरिक थे?
जैसे क्रॉस FIR दर्ज कराये जाते हैं
कांग्रेस प्रवक्ता के रूप में प्रियंका चतुर्वेदी ने हाल ही में एक गाना सुनाया था - 'क्योंकि मंत्री भी कभी ग्रेजुएट थीं'. ये गाना केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को ध्यान में रख कर ही रचा गया था. पता चला है कि ये गाना ही प्रियंका चतुर्वेदी के लिए बीजेपी में नो एंट्री का बोर्ड साबित हुआ. शिवसेना से पहले प्रियंका चतुर्वेदी ने बीजेपी में भी जाने की कोशिश की थी, लेकिन पार्टी नेतृत्व उनकी टिप्पणी को तात्कालिक तौर पर भूल जाने को तैयार न हुआ.
स्मृति ईरानी ने अपनी डिग्री पर कांग्रेस प्रवक्ता द्वारा सवाल उठाये जाने पर बात को दूसरी दिशा में मोड़ दिया था. कहने लगीं कि चूंकि वो एक नामदार के खिलाफ लड़ाई लड़ रही हैं इसीलिए उन्हें टारगेट किया जा रहा है. प्रियंका चतुर्वेदी तो कांग्रेस छोड़ कर चली गयीं लेकिन राहुल गांधी को अब भी उनके किये की भरपायी करनी पड़ी है.
स्मृति ईरानी की शैक्षिक योग्यता पर कांग्रेस द्वारा सवाल उठाये जाने के बाद बदले की राजनीति शुरू हो गयी है. अमेठी में राहुल गांधी के नामांकन पत्र में दी गयी जानकारी को गलत बताकर रद्द करने की मांग की गयी है. अमेठी के निर्वाचन अधिकारी ने मामले पर सुनवाई के लिए 22 अप्रैल की तारीख मुकर्रर की है. रिटर्निंग ऑफिसर की ओर से दी गयी जानकारी के मुताबिक राहुल गांधी का नाम पुकारे जाने पर उनके नामांकन को लेकर चार लोगों ने आपत्ति दर्ज करायी है.
नामांकन पत्र पर आपत्ति में 2004 से अब तक राहुल गांधी द्वारा दायर शपथ पत्रों के आधार पर ही सवाल उठाये गये हैं. आपत्तियों के अनुसार, 2004 में राहुल गांधी ने 1989 में 12वीं की और कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से 1995 में एमफिल की डिग्री लेने की जानकारी दी थी. 2009 में बताया कि 1994 में रोलिंस कॉलेज ऑफ फ्लोरिडा से ग्रेजुएशन की और 1995 में डेवेलपमेंट इकनॉमिक्स में ट्रिनिटी कॉलेज से एमफिल किया है. 2014 चुनाव में बताया गया कि राहुल गांधी ने डेवेलपमेंट स्टडीज में एमफिल किया है.
राहुल गांधी की शैक्षिक योग्यता को लेकर केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने भी सवाल उठाये थे. राहुल गांधी के नामांकन पर आपत्ति के बाद बीजेपी आक्रामक हो गयी है.
अमेठी का ये मामला वैसा ही लग रहा है जैसे दो पक्षों का झगड़ा थाने पहुंचता है और क्रॉस एफआईआर दर्ज कराये जाते हैं. राहुल गांधी के नामांकन पर सवाल उठते ही बीजेपी उम्मीदवार स्मृति पर भी सवाल उठा दिये गये हैं. एक निर्दलीय उम्मीदवार ने अपने वकील के जरिये स्मृति ईरानी के नामांकन पर सवाल उठाया है. तरीका भी बिलकुल वही है जैसे राहुल के नामांकन को लेकर ऐतराज जताया गया है. स्मृति ईरानी के हलफनामे में गलत जानकारी देने का आरोप लगाते हुए निर्वाचन अधिकारी से शिकायत में उनका नामांकन रद्द किये जाने की मांग की गयी है.
स्मृति ईरानी द्वारा अपनी शैक्षिक योग्यता की जानकारी दिये जाने को लेकर ही प्रियंका चतुर्वेदी ने वो गाना सुनाया था - अब उसी बात को लेकर निर्वाचन अधिकारी के यहां शिकायत हुई है. दिलचस्प बात ये है कि दोनों पक्षों द्वारा एक ही स्टाइल में आपत्तियां दर्ज करायी गयी हैं.
थानों पर ऐसे मामले पहुंचते हैं तो पुलिस दोनों पक्षों पर दबाव डाल कर समझौता करा देती है. जब ऐसे मामले अदालतों में चलते हैं तो बीच बचाव करके लोग कोर्ट से बाहर समझौते कर लेते हैं. अमेठी की लड़ाई भी उसी दिशा में बढ़ रही है - क्या इस मामले में भी वैसे ही समझौता होगा या कुछ और होने वाला है?
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सबसे बड़ा सवाल: चुनाव के बाद राहुल गांधी अमेठी छोड़ेंगे या वायनाड?
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