कहते हैं जब व्यक्ति का स्वास्थ्य उसका साथ न दे रहा हो तब उसके लिए किसी भी प्रकार की दुर्भावना नहीं रखनी चाहिए. नैतिकता का तकाजा भी यही है. अब सवाल है कि क्या ऐसा होता है? जवाब बस इतना है कि कभी बहुत पहले ऐसा होता होगा अब के हालात ऐसे नहीं हैं. अब का आदमी आलोचना या दुश्मनी के नाम पर बहुत नीचे गिर जाता है और तमाम तरह की सीमाओं की लांघ देता है. इस बात को गहराई से समझने के लिए अमित शाह (Amit Shah) से मुफीद उदाहरण हो ही नहीं सकता. बता दें कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह कोरोना पॉजिटिव (Amit Shah Corona Positive )पाए गए हैं और इलाज के लिए गुरुग्राम स्थित मेदांता अस्पताल में भर्ती हुए हैं. बताया जा रहा है कि देश के गृह मंत्री बीते दिन शाम साढ़े चार बजे के करीब मेदांता अस्पताल (Amit Shah Treatment in Medanta)पहुंचे. उन्हें अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में बने अलग रूम में भर्ती किया गया है. खबर ये भी है कि दिल्ली एम्स की एक टीम भी शाह की देखरेख करेगी.
देश के गृह मंत्री को कोरोना हुआ है इसकी जानकारी किसी और से नहीं बल्कि खुद अमित शाह से मिली. अमित शाह ने ट्वीट करते हुए लिखा कि कोरोना के शुरुआती लक्षण दिखने पर मैंने टेस्ट करवाया और रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. मेरी तबीयत ठीक है परन्तु डॉक्टर्स की सलाह पर अस्पताल में भर्ती हो रहा हूं. मेरा अनुरोध है कि आप में से जो भी लोग गत कुछ दिनों में मेरे संपर्क में आए हैं, कृपया स्वयं को आइसोलेट कर अपनी जांच करवाएं.
शाह कोरोना की चपेट में हैं इस खबर...
कहते हैं जब व्यक्ति का स्वास्थ्य उसका साथ न दे रहा हो तब उसके लिए किसी भी प्रकार की दुर्भावना नहीं रखनी चाहिए. नैतिकता का तकाजा भी यही है. अब सवाल है कि क्या ऐसा होता है? जवाब बस इतना है कि कभी बहुत पहले ऐसा होता होगा अब के हालात ऐसे नहीं हैं. अब का आदमी आलोचना या दुश्मनी के नाम पर बहुत नीचे गिर जाता है और तमाम तरह की सीमाओं की लांघ देता है. इस बात को गहराई से समझने के लिए अमित शाह (Amit Shah) से मुफीद उदाहरण हो ही नहीं सकता. बता दें कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह कोरोना पॉजिटिव (Amit Shah Corona Positive )पाए गए हैं और इलाज के लिए गुरुग्राम स्थित मेदांता अस्पताल में भर्ती हुए हैं. बताया जा रहा है कि देश के गृह मंत्री बीते दिन शाम साढ़े चार बजे के करीब मेदांता अस्पताल (Amit Shah Treatment in Medanta)पहुंचे. उन्हें अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में बने अलग रूम में भर्ती किया गया है. खबर ये भी है कि दिल्ली एम्स की एक टीम भी शाह की देखरेख करेगी.
देश के गृह मंत्री को कोरोना हुआ है इसकी जानकारी किसी और से नहीं बल्कि खुद अमित शाह से मिली. अमित शाह ने ट्वीट करते हुए लिखा कि कोरोना के शुरुआती लक्षण दिखने पर मैंने टेस्ट करवाया और रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. मेरी तबीयत ठीक है परन्तु डॉक्टर्स की सलाह पर अस्पताल में भर्ती हो रहा हूं. मेरा अनुरोध है कि आप में से जो भी लोग गत कुछ दिनों में मेरे संपर्क में आए हैं, कृपया स्वयं को आइसोलेट कर अपनी जांच करवाएं.
शाह कोरोना की चपेट में हैं इस खबर के बाहर निकलने भर की देर थी. आलोचकों और विरोधियों की ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा. आलोचना के नाम पर लोगों ने भौंडेपन की इंतेहा पार कर दी और वो तमाम बातें हुईं जिनको सुनकर एक बार तो मन में ये सवाल आया कि कोई आखिर कैसे इतना नीचे गिर सकता है.
शाह की बीमारी की सूचना के बाद जिस तरह का माहौल सोशल मीडिया का था वो वाक़ई विचलित करने वाला था. शुरुआत कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह से करते हैं. भले ही शाह और सिंह की राजनीतिक विचारधारा और राजनीतिक दल अलग अलग हों मगर जो बात दोनों को एक करती है वो है इन दोनों ही नेताओं का इंसान होना. किसी की बीमारी पर इंसानियत ये बिल्कुल नहीं कहती कि किसी का उपहास किया जाए उस पर व्यंग्य कसा जाए.
दिग्विजय सिंह ने अयोध्या में भव्य राम मंदिर के लिए होने वाले भूमि पूजन को हथियार बनाया है और एक के बाद एक ट्वीट कर कहा है कि चूंकि भूमि पूजन अशुभ महूर्त में हो रहा है इसलिए एक के बाद एक भाजपा के शीर्ष पर बैठे लोग कोरोना की चपेट में आ रहे हैं और कुछ की तो मौत भी हुई है.
बात शाह की बीमारी पर भद्दे ट्वीट्स करने वालों की हुई है तो आइए कुछ और बात करने से पहले उन ट्वीट्स पर नजर डालें और समझने की कोशिश करें कि आखिर लोगों का स्तर क्या है.
उपरोक्त ट्वीट में अमित शाह की बीमारी का जिक्र है साथ ही उनसे कागज दिखाने की बात की गयी है जोकि वाकई विचलित करने वाला है. आलोचक कम नहीं है वो इसलिए भी अमिट शाह को घेर रहे हैं की आखिर वो मेदांता क्यों गए.
@MrGauta83720519 नाम के यूजर ने अमित शाह को नसीहत दी है कि उन्हें शौचालय में भर्ती होना चाहिए क्योंकि उनकी सरकार ने केवल शौचालय बनवाए हैं.
लोग कह रहे हैं कि अगर उनमें हलके फुल्के लक्षण थे तो फिर भर्ती करने की जरूरत ही क्या थी? इलाज तो घर पर रहकर भी हो सकता था.
अपने ट्वीट में खालिद कुरैशी नाम के यूजर ने घटियापन की सारी सीमाएं पार कर दी हैं.
यूजर्स अमित शाह को अस्पताल के खाने पर भी तंज कस रहे हैं जो ये बता देता है कि लोग उनसे किस हद तक नफरत करते हैं.
आलोचकों का एक बहुत बड़ा वरह अपनी राजनीतिक रोटियां पकाने में जुट गया है.
लोग कह रहे हैं कि इन्होने लोगों को खूब सताया है और इसकी सजा इन्हें मिलनी ही चाहिए.
ट्विटर पर जैसी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं अमित शाह के कोरोना ग्रसित होने के बाद वो फूले नहीं समा रहे हैं.
बहरहाल ट्विटर पर खबर को लेकर लोग जिस तरह से ट्वीट कर रहे हैं जैसे उनके मेदांता जाने के लिए उन्हें ट्रोल कर रहे हैं वो इसलिए भी सही नहीं है क्योंकि इंसानियत हमें ये सन्देश बिलकुल नहीं देती. बात सीधी और एकदम साफ़ है अगर हम किसी के लिए दुआ नहीं कर सकते तो हमें ये भी अधिकार नहीं है कि हम कुछ ऐसा कह जाएं जोकि इंसान और मानवता को शर्मसार करे.
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