साउथ के सुपरस्टार 63 वर्षीय कमल हसन अपनी नई राजनीतिक पार्टी ‘मक्कल नीति मैय्यम’ यानि 'लोक न्याय पार्टी' के साथ राजनीति में कदम रख चुके हैं. इस मौके पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल भी मौजूद थे. आखिर हो भी क्यों नहीं, कमल हसन, अरविन्द केजरीवाल से प्रभावित जो हैं. शायद ये केजरीवाल और आम आदमी पार्टी का प्रभाव ही है जिसके कारण इस अवसर पर कमल हसन ने लोगों से कहा कि, "आप लोगों को वर्तमान राजनैतिक व्यवस्था के लिए एक उदाहरण बनना होगा और मैं आपको भाषण देने की बजाय आपके सुझावों का आकांक्षी रहूंगा".
हालांकि तमिलनाडु में हमेशा ही राजनीति तथा सिनेमा के बीच एक करीबी संबंध रहा है लेकिन क्या कमल हसन भी इसमें सफलता हासिल करने में कामयाब होंगे? क्या तमिलनाडु के सियासत में हसन कुछ कमाल कर पाएंगे? इस तरह के सवाल उठने लाजमी हैं. लेकिन इनका राजनीतिक भविष्य क्या होगा इसके बारे में अभी कुछ कहना ज़ल्दबाज़ी है. बहुत से बॉलीवुड सितारों को हम राजनीति में आते हुए और फिर वापस लौटते हुए देख चुके हैं. आइये जानें कि वो कौन कौन से सितारे थे जो सिनेमा से राजनीति में तो आए मगर ज्यादा कुछ कर नहीं पाए.
अमिताभ बच्चन
बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन, 1984 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद, देश में उपजी कांग्रेस के पक्ष में सहानुभूति की लहर के साथ इलाहाबाद से लोकसभा चुनाव जीते थे....
साउथ के सुपरस्टार 63 वर्षीय कमल हसन अपनी नई राजनीतिक पार्टी ‘मक्कल नीति मैय्यम’ यानि 'लोक न्याय पार्टी' के साथ राजनीति में कदम रख चुके हैं. इस मौके पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल भी मौजूद थे. आखिर हो भी क्यों नहीं, कमल हसन, अरविन्द केजरीवाल से प्रभावित जो हैं. शायद ये केजरीवाल और आम आदमी पार्टी का प्रभाव ही है जिसके कारण इस अवसर पर कमल हसन ने लोगों से कहा कि, "आप लोगों को वर्तमान राजनैतिक व्यवस्था के लिए एक उदाहरण बनना होगा और मैं आपको भाषण देने की बजाय आपके सुझावों का आकांक्षी रहूंगा".
हालांकि तमिलनाडु में हमेशा ही राजनीति तथा सिनेमा के बीच एक करीबी संबंध रहा है लेकिन क्या कमल हसन भी इसमें सफलता हासिल करने में कामयाब होंगे? क्या तमिलनाडु के सियासत में हसन कुछ कमाल कर पाएंगे? इस तरह के सवाल उठने लाजमी हैं. लेकिन इनका राजनीतिक भविष्य क्या होगा इसके बारे में अभी कुछ कहना ज़ल्दबाज़ी है. बहुत से बॉलीवुड सितारों को हम राजनीति में आते हुए और फिर वापस लौटते हुए देख चुके हैं. आइये जानें कि वो कौन कौन से सितारे थे जो सिनेमा से राजनीति में तो आए मगर ज्यादा कुछ कर नहीं पाए.
अमिताभ बच्चन
बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन, 1984 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद, देश में उपजी कांग्रेस के पक्ष में सहानुभूति की लहर के साथ इलाहाबाद से लोकसभा चुनाव जीते थे. कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले बच्चन ने दिग्गज नेता हेमवती नंदन बहुगुणा को लगभग 2 लाख के वोटों के अंतर से हराया था. लेकिन कुछ महीनों में ही बच्चन को ये अहसास हो गया था कि राजनीति के सुपरस्टार वो नहीं बन सकते और वापस बॉलीवुड के रास्ते पर लौट गए थे.
गोविंदा
2004 में गोविंदा ने कांग्रेस के टिकट पर मुंबई से लोकसभा चुनाव लड़ा और भाजपा के दिग्गज नेता राम नायक को हराया था. लेकिन उस वक़्त राम नाइक ने आरोप लगाया था कि चुनाव में गोविंदा ने अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और बिल्डर हितेन ठाकुर से मदद ली थी. चार साल बाद ही गोविंदा राजनीति से सन्यास लेते हुए फ़िल्मी दुनिया में वापस आ गए थे.
राजेश खन्ना
साठ और सत्तर के दशक के हिंदी सिनेमा के सुपरस्टार राजेश खन्ना भी राजनीति के मंच पर फ्लॉप एक्टर साबित हुए थे. उन्होंने भी कांग्रेस के टिकट पर 1992 में भाजपा के शत्रुघ्न सिन्हा को नई दिल्ली लोकसभा उप - चुनाव में शिकस्त दी थी लेकिन उन्होंने दूसरी पारी नहीं खेली थी.
धर्मेंद्र
साल 2004 में धर्मेंद्र ने भाजपा के टिकट पर बीकानेर से लोकसभा चुनाव जीता. धर्मेंद्र का उनका राजनीतिक सफर, फ़िल्मी सफर की तुलना में काफी फ्लॉप साबित हुआ था और संसद में गैरहाज़िर रहने के कारण वो लगातार आलोचनाओं का शिकार होते रहे. बाद में इसी कारण के चलते धर्मेंद्र ने राजनीति से सन्यास ले लिया था. हालांकि उनकी पत्नी हेमा मालिनी एक सफल राजनेता के तौर पर भाजपा में विराजमान है.
कहा जा सकता है कि कमल हसन एक बड़े फ़िल्मी सितारा ज़रूर हैं लेकिन तमिलनाडु का इतिहास बताता है कि पिछले 50 सालों से द्रमुक और अन्नाद्रमुक बारी-बारी से सत्ता में भागीदारी करते रहे हैं. ऐसे में क्या वो राजनीति में अपना वज़ूद कायम रख पाएंगे या फिर दूसरे फ़िल्मी स्टारों की तरह विफल होकर वापस लौट जाएंगे? इसके लिए हमें अभी इन्तेजार करना होगा. चुनाव बाद ये बात भी खुलकर हमारे सामने आ ही जाएंगी.
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