भले ही रामपुर से आजम खान ने और स्वार से अब्दुल्ला आजम ने अपने अपने प्रतिद्वंदियों को भारी मतों के अंतर से हराया हो. ये बताने का प्रयास किया हो कि समाजवादी पार्टी में बादशाहत और दबदबा दोनों ही, पिता और पुत्र का है. लेकिन सच्चाई यही है कि आज भी आजम और अब्दुल्ला सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ की हिट लिस्ट में हैं और योगी उन्हें टेढ़ी आंख करके देख रहे हैं. जी हां विचलित होने की कोई जरूरत नहीं है. सच यही है. दरअसल रामपुर से समाजवादी पार्टी के विधायक आजम खान, उनकी पत्नी डॉक्टर तजीन फातिमा और स्वार से विधायक आज़म खान के बेटे अब्दुल्ला आजम के शस्त्र लाइसेंस निरस्त किये जाने की खबर है. मामले में दिलचस्प ये है कि ये सिफारिश खुद यूपी पुलिस ने जिलाधिकारी के पास भेजी है. शस्त्र लाइसेंस के मद्देनजर पुलिस ने जो रिपोर्ट डीएम को भेजी है उसमें आजम खान के ऊपर दर्ज 87 मुकदमों का जिक्र है वहीं रिपोर्ट में पुलिस ने तजीन फातिमा पर दर्ज 34 और अब्दुल्ला आजम के 43 मुकदमों का हवाला भी दिया है. ध्यान रहे समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेताओं में शुमार आजम गुजरे 2 सालों से यूपी की सीतापुर जेल में बंद हैं जबकि तजीन फातिमा और अब्दुल्ला आजम को कोर्ट ने जमानत दे दी है.
ध्यान रहे कि आजम खान ने अपने शस्त्र लाइसेंस के रिनीवल के लिए अर्जी दी थी जिसकी संस्तुति रामपुर की गंज कोतवाली पुलिस ने पूर्व में ही कर ली थी. अब रामपुर पुलिस ने आजम खान की पत्नी और बेटे पर दर्ज मुकदमों को आधार बनाया है और शस्त्र लाइसेंस निरस्तीकरण की संस्तुति रिपोर्ट तैयार की है.
शस्त्र लाइसेंस के निरस्तीकरण को ध्यान में रखकर जो रिपोर्ट रामपुर पुलिस ने बनाई है, यदि उसपर नजर...
भले ही रामपुर से आजम खान ने और स्वार से अब्दुल्ला आजम ने अपने अपने प्रतिद्वंदियों को भारी मतों के अंतर से हराया हो. ये बताने का प्रयास किया हो कि समाजवादी पार्टी में बादशाहत और दबदबा दोनों ही, पिता और पुत्र का है. लेकिन सच्चाई यही है कि आज भी आजम और अब्दुल्ला सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ की हिट लिस्ट में हैं और योगी उन्हें टेढ़ी आंख करके देख रहे हैं. जी हां विचलित होने की कोई जरूरत नहीं है. सच यही है. दरअसल रामपुर से समाजवादी पार्टी के विधायक आजम खान, उनकी पत्नी डॉक्टर तजीन फातिमा और स्वार से विधायक आज़म खान के बेटे अब्दुल्ला आजम के शस्त्र लाइसेंस निरस्त किये जाने की खबर है. मामले में दिलचस्प ये है कि ये सिफारिश खुद यूपी पुलिस ने जिलाधिकारी के पास भेजी है. शस्त्र लाइसेंस के मद्देनजर पुलिस ने जो रिपोर्ट डीएम को भेजी है उसमें आजम खान के ऊपर दर्ज 87 मुकदमों का जिक्र है वहीं रिपोर्ट में पुलिस ने तजीन फातिमा पर दर्ज 34 और अब्दुल्ला आजम के 43 मुकदमों का हवाला भी दिया है. ध्यान रहे समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेताओं में शुमार आजम गुजरे 2 सालों से यूपी की सीतापुर जेल में बंद हैं जबकि तजीन फातिमा और अब्दुल्ला आजम को कोर्ट ने जमानत दे दी है.
ध्यान रहे कि आजम खान ने अपने शस्त्र लाइसेंस के रिनीवल के लिए अर्जी दी थी जिसकी संस्तुति रामपुर की गंज कोतवाली पुलिस ने पूर्व में ही कर ली थी. अब रामपुर पुलिस ने आजम खान की पत्नी और बेटे पर दर्ज मुकदमों को आधार बनाया है और शस्त्र लाइसेंस निरस्तीकरण की संस्तुति रिपोर्ट तैयार की है.
शस्त्र लाइसेंस के निरस्तीकरण को ध्यान में रखकर जो रिपोर्ट रामपुर पुलिस ने बनाई है, यदि उसपर नजर डालें तो मिलता है कि पासपोर्ट और पैन कार्ड की तरह अब्दुल्ला के पास बंदूकों के भी दो लाइसेंस हैं. चूंकि सिफारिश खुद पुलिस की तरफ से हुई है इसलिए डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन ने कार्रवाई शुरू कर दी है.
बताया जा रहा है कि जिला मजिस्ट्रेट न्यायालय ने पुलिस की सिफारिश पर शस्त्र निरस्तीकरण का वाद दर्ज किया है और इसपर सुनवाई के लिए नोटिस जारी किए हैं. मामले के मद्देनजर जो जानकारी पुलिस अधीक्षक अंकित मित्तल ने दी है उसके अनुसार आजम खां, तजीन फातिमा और अब्दुल्ला आजम के खिलाफ मुकदमे दर्ज हैं. क्योंकि तीनों के ही ऊपर आपराधिक मामले दर्ज हैं इसलिए उनके शस्त्र लाइसेंस निरस्त करने की सिफारिश कोर्ट के समक्ष की गई है.
पुलिस के इस तर्क को डीएम कोर्ट ने भी गंभीरता से लिया है और नोटिस जारी किया है. नोटिस में कहा गया है कि शस्त्र लाइसेंस के तहत खान परिवार का जवाब अगर संतोषजनक नहीं हुआ तो लाइसेंस निरस्त किये जा सकते हैं.
नोटिस को ध्यान में रखकर आजम खान और उनका परिवार क्या तर्क रचता है? शस्त्र लाइसेंस निरस्त होते हैं या नहीं? क्या आजम हाल फिलहाल में आजम की जमानत मंजूर होगी या वो जेल में रहेंगे? क्या अब्दुल्ला फिर किसी केस में नापे जाएंगे? सवाल कई हैं जिनके जवाब वक़्त की गर्त में छिपे हैं लेकिन जैसा वर्तमान है और जैसा रवैया बतौर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का अपराधियों और कानून का मखौल उड़ाने वालों के प्रति है कहना गलत नहीं है कि मुश्किल ही है कि यूपी सरकार आजम खान और उनके परिवार को राहत दे.
कुल मिलाकर जैसे हाल यूपी सरकार ने आजम खान और उनके परिवार के किये हैं कहना गलत नहीं है कि 'शस्त्र लाइसेंस' निरस्तीकरण टीजर है, आजम के लिहाज से अगले 5 सालों तक यूपी के सियासी गलियारों में चलने वाली फिल्म खासी मजेदार होगी.
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