कांग्रेस पार्टी बहुत ज्यादा शिकायत करती है. ये पार्टी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर गोवा में जनादेश के 'चोरी' करने का आरोप लगा रही है. इसी आरोप के साथ उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में शिकायत भी दर्ज कराई और मुंह की खानी पड़ी. इतना ही नहीं इन्होंने इस मुद्दे को लोकसभा में उठाने का भी प्रयास किया. लेकिन सच्चाई क्या है?
गोवा विधानसभा चुनाव में जनता ने साफ बहुमत किसी को नहीं दिया. ये एक त्रिशंकु विधानसभा वाली स्थिति है. जाहिर है एक त्रिशंकु विधानसभा में चुनाव के बाद गठजोड़ होंगे. और बीजेपी चुनाव के बाद इस गठबंधन को बनाने में कामयाब रही. इसके बाद हमने 40 विधायकों में से 21 के समर्थन का पत्र राज्यपाल को दिया. ये विधायक राज्यपाल के सामने प्रस्तुत हुए और समर्थन पत्र उन्हें दिया. लेकिन कांग्रेस ने राज्यपाल को भी दावा भी नहीं सौंपा. कांग्रेस के पास केवल 17 विधायकों का समर्थन है.
1. 2005 में, भाजपा ने झारखंड में 81 में से 30 सीटें जीतीं थी. लेकिन सरकार बनाने के लिए तात्कालिन राज्यपाल ने न्योता झामुमो नेता शिबू सोरेन को दिया था. सोरेन के पास अपनी पार्टी के 17 विधायकों और अन्य लोगों...
कांग्रेस पार्टी बहुत ज्यादा शिकायत करती है. ये पार्टी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर गोवा में जनादेश के 'चोरी' करने का आरोप लगा रही है. इसी आरोप के साथ उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में शिकायत भी दर्ज कराई और मुंह की खानी पड़ी. इतना ही नहीं इन्होंने इस मुद्दे को लोकसभा में उठाने का भी प्रयास किया. लेकिन सच्चाई क्या है?
गोवा विधानसभा चुनाव में जनता ने साफ बहुमत किसी को नहीं दिया. ये एक त्रिशंकु विधानसभा वाली स्थिति है. जाहिर है एक त्रिशंकु विधानसभा में चुनाव के बाद गठजोड़ होंगे. और बीजेपी चुनाव के बाद इस गठबंधन को बनाने में कामयाब रही. इसके बाद हमने 40 विधायकों में से 21 के समर्थन का पत्र राज्यपाल को दिया. ये विधायक राज्यपाल के सामने प्रस्तुत हुए और समर्थन पत्र उन्हें दिया. लेकिन कांग्रेस ने राज्यपाल को भी दावा भी नहीं सौंपा. कांग्रेस के पास केवल 17 विधायकों का समर्थन है.
1. 2005 में, भाजपा ने झारखंड में 81 में से 30 सीटें जीतीं थी. लेकिन सरकार बनाने के लिए तात्कालिन राज्यपाल ने न्योता झामुमो नेता शिबू सोरेन को दिया था. सोरेन के पास अपनी पार्टी के 17 विधायकों और अन्य लोगों का समर्थन था.
2. 2002 में जम्मू और कश्मीर के विधानसभा चुनावों में नेशनल कॉन्फ्रेंस को 28 सीटों पर जीत मिली थी. लेकिन राज्यपाल ने पीडीपी और कांग्रेस के 15 + 21 विधायकों के गठबंधन को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया था.
3. 2013 में दिल्ली में भाजपा को 31 सीटों पर जीत मिली थी. लेकिन 28 विधायकों वाली आम आदमी पार्टी को सरकार बनाने के लिए बुलाया गया. क्योंकि उसे कांग्रेस का समर्थन मिल चुका था.
4. इसी तरह के और भी की उदाहरण हैं. 1952 (मद्रास), 1967 (राजस्थान) और 1982 (हरियाणा) में भी इसी लीक पर चलकर निर्णय लिए गए थे.
सबसे बड़ी पार्टी लेकिन बहुमत से दूर और बहुमत वाले गठबंधन के बीच की ये बहस है. इसका जवाब पूर्व राष्ट्रपति के आर नारायणन ने मार्च 1998 में अपनी एक टिप्पणी में दिया था. के आर नारायणन ने सरकार बनाने के लिए श्री अटल बिहारी वाजपेयी को आमंत्रित किया था.
गोवा में राज्यपाल के पास सिर्फ एक ही पार्टी ने सरकार बनाने के लिए दावा पेश किया था. 40 निर्वाचित विधायकों में से 21 विधायकों के साथ उनके नेता मनोहर पर्रिकर ने. कांग्रेस के 17 विधायकों ने ना दावा किया और ना ही अपना नेता चुना. फिर आखिर गवर्नर कैसे कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करते?
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