अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने राजनीति में आने से पहले जो बीज बोये थे, उग तो पहले ही आये थे - अब तो फसल पूरी तरह पक भी गयी है. आम आदमी पार्टी नेता की मुश्किल ये है कि ये फसल भी पंजाब चुनाव के बीचोंबीच पकी है. ऐसे में जबकि किसान आंदोलन के बाद लोग वोटिंग की तैयारी कर रहे हैं - हर कोई फसल काट कर अपने घर ले जाना चाहता है.
कुमार विश्वास (Kumar Vishwas) ने बड़े दिनों बाद, प्यार में धोखा खाये हुए दीवाने की तरह धावा बोल दिया है. जिस तरीके से बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने कुमार विश्वास को हाथों हाथ लपक लिया है, समझना मुश्किल हो रहा है - आखिर कवि ने किसकी शान में गीत गाये थे.
कुमार विश्वास के नये गीत पर तो राजनीतिक दलों के स्टार कैंपेनर भी वैसे ही ताबड़तोड़ ताली बजा रहे हैं, जैसे लोग कवि की महफिलों में बजाते हैं. बल्कि, महफिलों में तो कुमार को बार बार विश्वास भी दिलाना पड़ता है कि ऑडिएंस कविता सुनने आयी है, किसी मेले में तफरीह और गपशप के लिए नहीं.
बतौर रिएक्शन अरविंद केजरीवाल एक रैली में भाषण देते हैं, 'एक दिन एक कवि ने खड़े होकर कविता सुनाई और कविता में कहा कि सात साल पहले केजरीवाल ने मुझे कहा था कि देश के दो टुकड़े करेंगे - एक टुकड़े का पीएम तू बन जइयो, एक टुकड़े का पीएम मैं बन जाऊंगा.'
बेशक कुमार विश्वास महफिलों में कविता और कॉमेडी का फ्यूजन पेश करते हैं. कवि के कटाक्ष पर लोग एक पल के लिए ही सही दिलो-जां न्योछावर करते हैं. कुमार विश्वास के हास्य और रोमांस से लबालव पेशकश पर खुद को भी एकबारगी दीवाना-पागल समझने लगते हैं - लेकिन ऐसी तारीफें केजरीवाल का अपने बचाव में करना उनको भारी पड़ने लगा है.
कुमार विश्वास की बातों को आप प्रवक्ता राघव चड्ढा से काउंटर कराने के बाद केजरीवाल खुद मंच से डाउनप्ले करने की कोशिश करते हैं, लेकिन जब वो समझाते हैं कि कुमार...
अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने राजनीति में आने से पहले जो बीज बोये थे, उग तो पहले ही आये थे - अब तो फसल पूरी तरह पक भी गयी है. आम आदमी पार्टी नेता की मुश्किल ये है कि ये फसल भी पंजाब चुनाव के बीचोंबीच पकी है. ऐसे में जबकि किसान आंदोलन के बाद लोग वोटिंग की तैयारी कर रहे हैं - हर कोई फसल काट कर अपने घर ले जाना चाहता है.
कुमार विश्वास (Kumar Vishwas) ने बड़े दिनों बाद, प्यार में धोखा खाये हुए दीवाने की तरह धावा बोल दिया है. जिस तरीके से बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने कुमार विश्वास को हाथों हाथ लपक लिया है, समझना मुश्किल हो रहा है - आखिर कवि ने किसकी शान में गीत गाये थे.
कुमार विश्वास के नये गीत पर तो राजनीतिक दलों के स्टार कैंपेनर भी वैसे ही ताबड़तोड़ ताली बजा रहे हैं, जैसे लोग कवि की महफिलों में बजाते हैं. बल्कि, महफिलों में तो कुमार को बार बार विश्वास भी दिलाना पड़ता है कि ऑडिएंस कविता सुनने आयी है, किसी मेले में तफरीह और गपशप के लिए नहीं.
बतौर रिएक्शन अरविंद केजरीवाल एक रैली में भाषण देते हैं, 'एक दिन एक कवि ने खड़े होकर कविता सुनाई और कविता में कहा कि सात साल पहले केजरीवाल ने मुझे कहा था कि देश के दो टुकड़े करेंगे - एक टुकड़े का पीएम तू बन जइयो, एक टुकड़े का पीएम मैं बन जाऊंगा.'
बेशक कुमार विश्वास महफिलों में कविता और कॉमेडी का फ्यूजन पेश करते हैं. कवि के कटाक्ष पर लोग एक पल के लिए ही सही दिलो-जां न्योछावर करते हैं. कुमार विश्वास के हास्य और रोमांस से लबालव पेशकश पर खुद को भी एकबारगी दीवाना-पागल समझने लगते हैं - लेकिन ऐसी तारीफें केजरीवाल का अपने बचाव में करना उनको भारी पड़ने लगा है.
कुमार विश्वास की बातों को आप प्रवक्ता राघव चड्ढा से काउंटर कराने के बाद केजरीवाल खुद मंच से डाउनप्ले करने की कोशिश करते हैं, लेकिन जब वो समझाते हैं कि कुमार विश्वास हास्य कवि हैं, लिहाजा उनको सीरियसली लेने की जरूरत नहीं है. फिर तो बरबस पूछ लिया जाता है - अगर कुमार विश्वास हास्य कवि हैं तो भगवंत मान के बारे में क्या कहना चाहेंगे?
दरअसल, केजरीवाल पंजाब में वोटिंग (Punjab Election 2022) के ऐन पहले उन्हीं दांवपेंचों में उलझते जा रहे हैं, जो कभी उनके ही हथियार हुआ करते थे - और मुकदमेबाजी में चौतरफा फंसने, रोज रोज कचहरी में चक्कर लगाने से तंग आकर एक वक्त ऐसा भी आया जब राम जेठमलानी जैसा अपने जमाने का बेहतरीन वकील भी बीच में ही उनको छोड़ कर हट गया. आखिर में अरविंद केजरीवाल को उन सभी नेताओं से बारी बारी लिख कर माफी मांगनी पड़ी जिनके खिलाफ वो हर दिन कभी प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर तो कभी रैली करके भ्रष्टाचार के इल्जाम लगाते रहे - ऐसे नेताओं में बिक्रम सिंह मजीठिया भी शुमार हैं जो अभी अमृतसर ईस्ट सीट पर कांग्रेस के पंजाब चीफ नवजोत सिंह सिद्धू को नाकों चने चबाने के लिए मजबूर कर चुके हैं.
कभी केजरीवाल के साथ राजनीतिक तवे पर सेंकी हुई दांत-काटी रोटी खाने वाले कुमार विश्वास तो आप नेता की हर चाल के साथ साथ चरित्र और चेहरे के हर भाव से परिचित रहे हैं. केजरीवाल के खिलाफ कुमार विश्वास सदियों पुराना फॉर्मूला आजमा रहे हैं - लोहा ही लोहे को काटता है.
कुमार विश्वास के खिलाफ अरविंद केजरीवाल अभी तक कोर्ट में आपराधिक मानहानि का मुकदमा भी नहीं किये हैं. अगर ऐसा कोई इरादा नहीं है और हंसी-मजाक या गीदड़भभकी से ही काम चलाने का इरादा है तो आप नेता के पास एक ही रास्ता बचता है. जैसे भी मुमकिन हो, कुमार विश्वास को माफी मांगने के लिए मजबूर करें - लोग मान लेंगे कि केजरीवाल भी वैसे ही बेकसूर हैं जैसे पहले उनके आरोपों के शिकार होने वाले नेताओं की लंबी कतार रही.
चन्नी की मोदी से निष्पक्ष जांच की गुजारिश
आम आदमी पार्टी की तरफ से चुनाव आयोग में कुमार विश्वास के वीडियो को लेकर शिकायत दर्ज करायी गयी थी. एडिशनल चीफ एलेक्टोरल ऑफिसर के पास आप की तरफ से दर्ज शिकायत में कहा गया था कि कुमार विश्वास के वीडियो का मकसद निहित राजनीतिक हितों को अंजाम देना है - और तमाम मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर करके राजनीतिक विरोधी फायदा उठा रहे हैं.
शिकायत दर्ज होने के साथ ही तत्काल प्रभाव से एक्शन भी हो गया - और फिर उस पर जो रिएक्शन हुआ वो तो और भी ज्यादा दिलचस्प रहा.
दो घंटे का चुनाव आयोग का आदेश: AAP की शिकायत पर पंजाब के अतिरिक्त सीईओ डीपीएस खरबंदा ने कु्मार विश्वास के वीडियो के राजनीतिक दलों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी. खरबंदा की तरफ से जारी पत्र के जरिये पंजाब के सभी राजनीतिक दलों से कुमार विश्वास के वीडियो का ये कहते हुए इस्तेमाल पर बैन लगा दिया गया था कि वीडियो के इस्तेमाल से आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन हो रहा है.
लेकिन दो घंटे के भीतर ही ये आदेश पंजाब के सीईओ एस. करुणा राजू ने पूरी तरह से वापस भी ले लिया. साथ में ये भी कहा कि किसी भी पार्टी को मीडिया प्लेटफॉर्म पर किसी भी सामग्री को प्रसारित करने या चलाने से रोकना - चुनाव अधिकारियों का काम नहीं है.
और ये सब उसी दिन का डेवलपमेंट है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंजाब में दूसरी बार सरकार बनाने के लिए शिद्दत से प्रयासरत अरविंद केजरीवाल पर जोरदार हमला बोला - और हमले का आधार भी मोदी ने कुमार विश्वास के वीडियो को ही बनाया.
कुमार को सर्टिफिकेट, केजरीवाल पर हमला: राजनीतिक विरोधियों के निशाने पर आये दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कठघरे में खड़ा करने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुमार विश्वास की ऐसे तारीफ की जैसे महान विभूतियों को मानद उपाधि देने से पहले इंट्रोड्यूस किया जाता रहा है.
केजरीवाल को घेरते हुए मोदी ने कहा, 'उनके विश्वस्त साथी जो पिछली बार यहां के चुनाव में उनके इंचार्ज थे और उनके खास दोस्त थे... अन्ना हजारे के साथ ये आंदोलन में झंडा लेकर खड़े रहते थे... और कवि होने के नाते, चिंतक होने के नाते, देश भर में उनके कवि सम्मेलनों को सुनने के लिए देश की युवा पीढ़ी घंटों तक इंतजार करती है... मां सरस्वती की पूजा में लगे हुए ऐसे इंसान ने बहुत दर्द के बाद अपना मुंह खोल दिया...'
प्रधानमंत्री मोदी ने समझाया कि कुमार विश्वास ने अरविंद केजरीवाल पर जो आरोप लगाया है वो बहुत खतरनाक है - और सलाह भी दी कि उनकी बातों को बड़ी गंभीरता से लेने की जरूरत है.
फिर फोकस केजरीवाल पर शिफ्ट हुआ और मोदी बोले, 'ये लोग पंजाब और देश को तोड़ना चाहते हैं... ये सत्ता पाने के लिए अलगाववादियों से हाथ मिलाने को तैयार हैं... उनका एजेंडा देश के दुश्मनों और पाकिस्तान के एजेंडे से अलग नहीं है.'
लगता है प्रधानमंत्री मोदी का भाषण गौर से सुनने वालों में पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी भी शामिल रहे - और हो सकता है ये मोदी के निर्वाचन क्षेत्र बनारस से अभी अभी लौटने का असर हो, चन्नी ने बहती गंगा में हाथ धो लेने में जरा भी देर नहीं लगायी.
पंजाब के CM चाहते हैं PM दिल्ली के CM की जांच करवायें: यूपी बिहार के लोगों को भइया बोल कर पहले ही मोदी के निशाने पर आ चुके पंजाब के मुख्यमंत्री ने पत्र लिख कर प्रधानमंत्री से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ जांच के आदेश देने की अपील की है.
चन्नी ने ट्विटर पर लिखा है - 'पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में मैं माननीय प्रधानमंत्री से अनुरोध करता हूं कि वो डॉक्टर कुमार विश्वास के आरोपों की निष्पक्ष जांच के आदेश दें... राजनीति एक तरफ है, लेकिन पंजाब के लोगों ने अलगाववाद से लड़ते हुए भारी कीमत चुकाई है... प्रधानमंत्री को हर पंजाबी की चिंता दूर करने की जरूरत है.'
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भला अरविंद केजरीवाल कहां चूकने वाले थे. पूरे मामले को अलग ट्विस्ट देते हुए बठिंडा की रैली में बोले, 'केंद्र सरकार ने मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी को फोन कर शिकायत मंगवाई... अब मुझे एक अफसर से खबर मिली है कि मेरे खिलाफ NIA एक दो दिन में FIR दर्ज करेगी - मैं सब FIR का स्वागत करता हूं.'
पंजाब में अकेले पड़ते केजरीवाल
दिल्ली में तो अरविंद केजरीवाल को कांग्रेस का पूरा साथ मिला था. दिल्ली में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा साथ साथ रोड शो तो करते थे, लेकिन निशाने पर केंद्र की मोदी सरकार हुआ करती थी. पंजाब में तो भाई और बहन दोनों अलग अलग चुनाव प्रचार कर रहे हैं, लेकिन केजरीवाल के खिलाफ मोदी के हमलों से भी होड़ ले रहे हैं.
एक तो पंजाब में केजरीवाल अकेले पड़ते जा रहे हैं, दूसरे कुमार विश्वास को काउंटर करने का उनका तरीका भी बैकफायर कर रहा है.
1. कुमार विश्वास और भगवंत मान में फर्क: असल में केजरीवाल कांग्रेस और बीजेपी दोनों के निशाने पर हैं, तभी तो कह रहे हैं - 'मोदी जी राहुल गांधी की भाषा बोल रहे हैं... पांच साल सरकार चलाने के बाद कांग्रेस केजरीवाल को आतंकवादी बोल कर वोट मांग रही है.'
निश्चित तौर पर केजरीवाल के मुंह से मोदी और राहुल गांधी की तुलना और वो भी इस अंदाज में सुन कर कांग्रेस नेता तो फूले नहीं समा रहे होंगे, लेकिन कुमार विश्वास को हास्य कवि बता कर मजाक उड़ाना किसी को भी हजम नहीं हो रहा है.
अरविंद केजरीवाल के बयान का हवाला देते हुए यूथ कांग्रेस नेता श्रीनिवास बीवी पूछ रहे हैं - तो भगवंत मान क्या हैं?
2. 'चिंटुओं को छोड़ो, आओ बहस करें': जैसे ही आप नेता राघव चड्ढा ने कुमार विश्वास के दावे को मीडिया के सामने आकर खारिज करने की कोशिश की, पूर्व आम आदमी पार्टी नेता ने नया बयान जारी कर दिया - और फिर क्या था, देखते ही देखते सोशल मीडिया पर #chintu ट्रेंड होने लगा.
राघव के बयान को लेकर मीडिया के रिएक्शन मांगने पर कुमार विश्वास ने बोले, ये उस आत्ममुग्ध इंसान के कुछ चिंटू बोल रहे हैं... जो हमारे खून-पसीने से बनी हुई सरकारों के बाद आये हैं - मलाई चाटने... उन चिंटुओं से कहना कि अपने आका को भेजो!'
फिर कुमार विश्वास अपनी स्टेज वाली स्टाइल में मचल मचल कर कहते हैं, 'अगर औकात है तो आप भी सामान लेकर आइये और हम भी अपने सामान पेश करते हैं... देश को पता चले कि तुम क्या कहते थे? क्या सुनते थे? तुम्हारे मैसेज क्या हैं? तुमने क्या बोला है? पता तो चले देश को... आ जायें एक दिन - किसी भी चैनल पर आ जायें या किसी भी चौराहे पर.'
कुमार विश्वास के ताबड़तोड़ हमलों से परेशान अभी काफी संयम से काम ले रहे हैं और आरोपों को हंसी-मजाक के जरिये झुठलाने की कोशिश कर रहे हैं. वैसे भी वोटिंग के ठीक पहले केजरीवाल के पास जैसे तैसे टाइमपास के अलावा कोई चारा भी नहीं बचा है.
कभी खुद को अराजक कहे जाने में गर्व की अनुभूति व्यक्त कर चुके अरविंद केजरीवाल ने अब खुद के बारे में कहा है - "मैं दुनिया का सबसे स्वीट आतंकवादी हूं."
कहते हैं, कवि का शुक्रिया जिसने आतंकी को पकड़ लिया. समझाते हैं कि वो अस्पताल बनवाते हैं. लोगों को फ्री बिजली देते हैं. लोगों की सेवा करते हैं - कटाक्ष के साथ समझाने की कोशिश होती है, भला ऐसा आतंकवादी कहां मिलेगा.
बातों बातों में ही अरविंद केजरीवाल खुद को शहीद-ए-आजम भगत सिंह का चेला भी बता डालते हैं, 'सौ साल पहले अंग्रेजों ने उन्हें आतंकवादी कहा था... सौ साल बाद इतिहास खुद को दोहरा रहा है - आज उनके सबसे बड़े चेले को आतंकवादी कहा जा रहा है.'
ये सब तो ठीक है, लेकिन सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांगने वाले अरविंद केजरीवाल को लगता नहीं होगा कि अब तो उनको भी कुमार विश्वास के मुंह पर सबूत मारने ही होंगे.
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