अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने पंजाब चुनाव 2022 (Punjab election 2022) के लिए महिला सशक्तिकरण के नाम पर बड़ा दांव खेला है. दिल्ली सीएम केजरीवाल ने कहा है कि अगर पंजाब में उनकी सरकार बनती है तो 18 साल की उम्र से ऊपर हर महिला को महीने में 1000 रुपए दिए जाएंगे.
अब तक बेरोजगारी भत्ता, विधवा पेंशन, पीएम किसान, वृद्ध पेशन योजना तो सबने सुना था लेकिन महिलाओं से संबंधित ऐसी योजना के बारे में पहली बार सुन रहे हैं. अरविंद केजरीवाल का यह एकदम फ्रेश तरह का आइडिया है. असल में अब तक चुनाव के सभी मुद्दे लगभग पुरुषों के आस-पास ही रहते थे पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी ने महिलाओं को आगे रखा है.
अरविंद केजरीवाल ने पंजाब चुनाव के लिए महिलाओं के नाम पर बड़ा दांव खेला है
ये तो वो बात हो गई जो केजरीवाल ने पंजाब चुनाव से पहले कहा है. हमने थोड़ा गणित भिढ़ाया कि पंजाब में ऐसी कितनी महिलाएं हैं जनकी उम्र 18 साल से उपर है और इस राशि को देने में कितना खर्च आएगा. तो अगर केजरीवाल की आम आदमी पार्टी चुनाव जीत जाती है तो पंजाब की करीब एक करोड़ महिलाएं इस योजना का लाभ ले सकेंगी. यानी केजरीवाल को हर महीने 1000 करोड़ और एक साल में करीब 12000 करोड़ रूपए महिलाओं की सशक्तिकरण योजना पर खर्च करने होंगे.
सियासी भाषा में आप चाहें तो कह सकते हैं कि केजरीवाल एक तरह से महिला वोट बैंक को खरीद ही लिया है लेकिन महिलाओं के लिए यह एक बड़ा कदम है. कहने वाले तो यह भी कह रहे हैं कि अरविंद केजरीवाल चुनाव में विरोधी पार्टियों को तगड़ी टक्कर देने वाले हैं. दिल्ली के लोगों ने केजरीवाल पर भरोसा जताया और उनका बिजली-पानी का बिल माफ हो गया. मतलब लोगों में यह संदेश साफ जा चुका है कि केजरीवाल जो चुनाव से पहले वादा करते हैं निभाते भी हैं.
दरअसल, पंजाब विधानसभा चुनाव के तहत केजरीवाल ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि अगर पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनती है तो 18 साल से ऊपर की प्रदेश की हर महिला के खाते में एक हजार रुपए डाले जाएंगे. केजरीवाल ने यह भी दावा किया कि यह केवल पंजाब या भारत में ही नहीं बल्कि दुनियां के इतिहास का सबसे बड़ा महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम होगा.
केजरीवाल का कहना है कि 'जिन महिलाओं को वृद्धा पेंशन मिल रहा है उन्हें मिलती रहेगी. इसके साथ ही एक हजार रुपए भी हर महीने उनके खाते में जाएंगे. 'कॉलेज जाने से वंचित बेटियों को हजार रुपए मिलेंगे तो वह अपनी पढ़ाई पूरी कर सकती हैं. वहीं पैसे के लिए महिलाओं को पति का मुंह ताकने की जरूरत नहीं होगी. यह योजना पंजाब में महिलाओं को बड़ी ताकत देगा. पंजाब में इस बार घर के अंदर की महिलाएं तय करेंगी कि किसको वोट देना है.'
वैसे अभी तक चुनावी मुद्दे पुरुषों पर होते थे. पहली बार किसी ने महिलाओं पर ध्यान देने की बात कही है. ये वो पैसा होगा जिसे महिलाएं अपना कह सकेंगी. यह राशि 18 साल से ऊपर हर महिला को दी जाएगी. यानी अगर एक घर में पोती, मां और दादी हैं तो तीनों को मिलाकर एक घर में तीन हजार रूपए जाएंगे. महिला सशक्तिकरण पर केजरीवाल ने बड़ी बात कही है.
कई घरों में आज भी लड़कियों को पैसे की वजह से पढ़ाई छोड़नी पड़ती है, पॉकेट खर्च देना तो बड़ी बात है. कुछ नहीं हुआ तो कम से कम महिलाओं का काजल, लिपिस्टिक तो आ ही जाएगा, जिसे परिवार में फालतू खर्च समझा जाता है. नौकरी पेशा महिलाओं के लिए तो यह एक अमेजन वाउचर की तरह होगा लेकिन हो सकता है कि इन पैसों से छोटी बचत करके कुछ महिलाएं कोई छोटा रोजगार खोल सकें.
हो सकता है कि पैसों वालों के लिए एक हजार की कोई कीमत सिर्फ एक पिज्जा ऑर्डर करने तक हो लेकिन एक गरीब महिला के लिए यह एक मजबूत आधार बन सकता है. दूसरी बात यह भी है कि आज तक होता यही आया है कि घर के पुरुष ही तय करते हैं कि उनकी मां, पत्नी या बहन चुनाव में किसे वोट देंगी? अब इसी बहाने शायद महिलाओं को अपना मत चुनने का अधिकार मिल जाए.
अरविंद केजरीवाल के लिए यह एक चुनावी दांव हो सकता है, अमीरों के लिए कोई मुफ्त का वाउचर लेकिन किसी जरूरतमंद महिला के लिए 1000 बहुत होते हैं यारों, यकीन ना हो तो किसी आम घर की महिला से पूछकर देखना. वैसे ये बात भी ठीक है कि महिलाओं हर महीने अपने 1000 देकर खुद पर आश्रित करने से अच्छा है कि उन्हें उनके पैरों पर खड़ा करने की सोचें, उनके लिए रोजगार मुहैया कराएं...खैर कुछ ना होने से कुछ होना ही अच्छा है. वैसे आपकी इस बार में क्या राय है?
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