राजनीति की अपनी मजबूरियां हैं. कई बार व्यक्ति ऐसा बहुत कुछ करने पर मजबूर हो जाता है जो उसकी आइडियोलॉजी से मैच नहीं करता. इस बात को समझने के लिए तमाम तरह के तर्क रचे जा सकते हैं लेकिन बेहतर है कि बहुत दूर न जाते हुए, क्यों न दिल्ली का रुख कर लिया जाए और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिल लिया जाए. यूपी में 2022 में विधानसभा चुनाव हैं. किसी अन्य दल की तरह आम आदमी पार्टी भी अपनी किस्मत आजमाने के सिलसिले में यूपी पहुंच रही है इसलिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी इस चुनावी सीजन में पक्के राम भक्त बने बैठे हैं और वो कर दिखाया है जो फिलहाल भाजपा के लिए सपना ही है. जी हां. शायद आपको सुनकर हैरत हो मगर सच यही है कि अयोध्या में राम मंदिर जब बनेगा तब बनेगा, केजरीवाल ने बनवा दिया है और भव्य बनवाया है और दिल्ली में बनवाया है.
बताते चलें कि दिल्ली में बना राम मंदिर अयोध्या में बन रहे राम मंदिर की अनुकृति है. दिल्ली के प्रयागराज स्टेडियम में बन रहा ये मंदिर इस लिए भी खास है क्योंकि दीवाली के दिन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपनी पूरी कैबिनेट के साथ यहां पूजा अर्चना करेंगे.
जैसा कि हम पहले ही इस बात से आपको अवगत करा चुके हैं कि केजरीवाल का ये मंदिर स्टंट 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के मद्देनजर है. इसलिए दिल्ली में बने इस राम मंदिर ने इतना तो साफ कर दिया है कि यूपी में आम आदमी पार्टी किस मुद्दे को ध्यान में रखकर चुनाव लड़ेगी।
गौरतलब है कि अभी बीते दिनों ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल...
राजनीति की अपनी मजबूरियां हैं. कई बार व्यक्ति ऐसा बहुत कुछ करने पर मजबूर हो जाता है जो उसकी आइडियोलॉजी से मैच नहीं करता. इस बात को समझने के लिए तमाम तरह के तर्क रचे जा सकते हैं लेकिन बेहतर है कि बहुत दूर न जाते हुए, क्यों न दिल्ली का रुख कर लिया जाए और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिल लिया जाए. यूपी में 2022 में विधानसभा चुनाव हैं. किसी अन्य दल की तरह आम आदमी पार्टी भी अपनी किस्मत आजमाने के सिलसिले में यूपी पहुंच रही है इसलिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी इस चुनावी सीजन में पक्के राम भक्त बने बैठे हैं और वो कर दिखाया है जो फिलहाल भाजपा के लिए सपना ही है. जी हां. शायद आपको सुनकर हैरत हो मगर सच यही है कि अयोध्या में राम मंदिर जब बनेगा तब बनेगा, केजरीवाल ने बनवा दिया है और भव्य बनवाया है और दिल्ली में बनवाया है.
बताते चलें कि दिल्ली में बना राम मंदिर अयोध्या में बन रहे राम मंदिर की अनुकृति है. दिल्ली के प्रयागराज स्टेडियम में बन रहा ये मंदिर इस लिए भी खास है क्योंकि दीवाली के दिन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपनी पूरी कैबिनेट के साथ यहां पूजा अर्चना करेंगे.
जैसा कि हम पहले ही इस बात से आपको अवगत करा चुके हैं कि केजरीवाल का ये मंदिर स्टंट 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के मद्देनजर है. इसलिए दिल्ली में बने इस राम मंदिर ने इतना तो साफ कर दिया है कि यूपी में आम आदमी पार्टी किस मुद्दे को ध्यान में रखकर चुनाव लड़ेगी।
गौरतलब है कि अभी बीते दिनों ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें उन्होंने दिल्ली की जनता के साथ दीवाली मनाने की बात कही थी साथ ही उन्होंने लोगों से ये भी अनुरोध किया कि वो इस दीवाली पटाखे न जलाएं. हालांकि लोगों ने इसका विरोध किया था लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपनी बात पर कायम रहे.
वर्तमान में अपनी गतिविधियों और भगवान राम की आड़ लेकर अपने को पक्का और सच्चा हिंदू साबित कर रहे अरविंद केजरीवाल का ये सारा ड्रामा यूपी चुनावों को लेकर है तो बताना बहुत जरूरी है कि अपने प्लान को अमली जामा पहनाने के सिलसिले में अरविंद केजरीवाल अभी बीते दिनों ही अयोध्या गए थे जहां वो सरयू नदी के घाट पर आरती में शामिल हुए थे. साथ ही हनुमान गढ़ी और राम जन्मभूमि जाकर रामलला के दर्शन भी किए थे.
रामजन्मभूमि दर्शन के ठीक बाद अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सरकार की मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना में अयोध्या को शामिल करने का एलान किया और अगले दिन दिल्ली पहुंचते ही इस फैसले पर दिल्ली कैबिनेट की मुहर भी लग गई. और अब दिल्ली सरकार के दिवाली कार्यक्रम में भी भगवान राम और राम मंदिर की झलक दिख गई है जिसने 2022 के विधानसभा चुनावों के मद्देनजर केजरीवाल का एजेंडा एकदम साफ़ कर दिया है.
बहरहाल दिल्ली में बने राम मंदिर पर प्रतिक्रियाओं का दौर भी शुरू हो गया है. मंदिर को लेकर आप प्रवक्ता आतिशी मार्लेना ने कहा है कि हम चाहते हैं कि भले ही दिल्ली के लोग आतिशबाजी न कर पाएं,लेकिन वे एक साथ मिलकर दीवाली मनाएं. ये एक ऐसा त्योहार है, जो श्री राम से जुड़ा है. दीवाली मनाई ही इसलिए जाती है क्योंकी इस दिन राम 14 वर्षों का वनवास काटकर अयोध्या वापस आए थे. इस बार हम भगवान का स्वागत दिल्ली के अंदाज में कर रहे हैं.
अब जबकि अयोध्या से पहले दिल्ली में केजरीवाल ने राम मंदिर बनवा दिया है तो हम भी बस ये कहकर अपनी बातों को विराम देंगे कि एक नेता के रूप में केजरीवाल इस बात को भली प्रकार जानते हैं कि यूपी जैसे राज्य में जनता को चाहिए क्या? साथ ही केजरीवाल इस बात को भी समझते हैं कि जब बात यूपी में चुनावों की होती है तो चुनाव पूर्व समस्त मुद्दे एक तरफ हो जाते हैं और हमेशा ही तरजीह धर्म को दी जाती है.
केजरीवाल का ये अंदाज या ये कहें कि यूं अपने को हिंदू साबित करना भले ही लोगों को हैरत में डाल दे लेकिन लोगों को आश्चर्य में इसलिए भी नहीं पड़ना चाहिए क्योंकि एक ऐसे समय में जब हिंदुत्व ट्रेंड में हो तो केजरीवाल ने भी वही किया जो ट्रेंड में बने रहने के लिहाज से जरूरी था.
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