Kejriwal vs ED: दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किए गए सत्येंद्र जैन को 13 जून तक प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी की कस्टडी में भेज दिया गया है. जिसके बाद जैन की तबीयत बिगड़ गई थी. और, उन्हें आरएमएल अस्पताल ले जाना पड़ा था. दरअसल, बीते दिनों ही मनी लॉन्ड्रिंग केस की जांच के दौरान ईडी ने सत्येंद्र जैन और उनसे जुड़े लोगों से 2.85 करोड़ रुपये और सोने के 133 सिक्के जब्त किये गए थे. जिसके बाद पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय को और समय दिया गया है. हालांकि, सत्येंद्र जैन ने ईडी की ओर से की गई इस बरामदगी पर खुद को बेकसूर बताया था.
वैसे, आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार सत्येंद्र जैन को लगातार 'क्लीन चिट' देती रही है. खुद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी सत्येंद्र जैन को कट्टर ईमानदार बताते हुए सारे 'कागज' चेक कर मामले के फर्जी होने का दावा तक कर दिया था. हालांकि, अब जैन की कस्टडी बढ़ने के बाद से अरविंद केजरीवाल ने सत्येंद्र पर कोई बयान नहीं दिया है. लेकिन, केजरीवाल ने एक ट्वीट को रिट्वीट कर अपना इरादा साफ कर दिया है. आसान शब्दों में कहा जाए, तो केजरीवाल की ओर से यही इशारा किया गया है कि आम आदमी पार्टी किसी भी हाल में सत्येंद्र जैन का साथ नहीं छोड़ेगी. खैर, ईडी की ओर से जारी की गई तस्वीरों और अरविंद केजरीवाल द्वारा रिट्वीट की गई तस्वीरें के कई मायने हैं. आइए जानते हैं क्या कहती हैं तस्वीरें...
केजरीवाल के लिए सत्येंद्र जैन का मामला 'नाक का सवाल'
मनी लॉन्ड्रिंग के इस मामले में आगे क्या होगा, इसका फैसला कोर्ट को करना है....
Kejriwal vs ED: दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किए गए सत्येंद्र जैन को 13 जून तक प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी की कस्टडी में भेज दिया गया है. जिसके बाद जैन की तबीयत बिगड़ गई थी. और, उन्हें आरएमएल अस्पताल ले जाना पड़ा था. दरअसल, बीते दिनों ही मनी लॉन्ड्रिंग केस की जांच के दौरान ईडी ने सत्येंद्र जैन और उनसे जुड़े लोगों से 2.85 करोड़ रुपये और सोने के 133 सिक्के जब्त किये गए थे. जिसके बाद पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय को और समय दिया गया है. हालांकि, सत्येंद्र जैन ने ईडी की ओर से की गई इस बरामदगी पर खुद को बेकसूर बताया था.
वैसे, आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार सत्येंद्र जैन को लगातार 'क्लीन चिट' देती रही है. खुद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी सत्येंद्र जैन को कट्टर ईमानदार बताते हुए सारे 'कागज' चेक कर मामले के फर्जी होने का दावा तक कर दिया था. हालांकि, अब जैन की कस्टडी बढ़ने के बाद से अरविंद केजरीवाल ने सत्येंद्र पर कोई बयान नहीं दिया है. लेकिन, केजरीवाल ने एक ट्वीट को रिट्वीट कर अपना इरादा साफ कर दिया है. आसान शब्दों में कहा जाए, तो केजरीवाल की ओर से यही इशारा किया गया है कि आम आदमी पार्टी किसी भी हाल में सत्येंद्र जैन का साथ नहीं छोड़ेगी. खैर, ईडी की ओर से जारी की गई तस्वीरों और अरविंद केजरीवाल द्वारा रिट्वीट की गई तस्वीरें के कई मायने हैं. आइए जानते हैं क्या कहती हैं तस्वीरें...
केजरीवाल के लिए सत्येंद्र जैन का मामला 'नाक का सवाल'
मनी लॉन्ड्रिंग के इस मामले में आगे क्या होगा, इसका फैसला कोर्ट को करना है. लेकिन, अरविंद केजरीवाल इस मामले के चलते जनता के बीच अपनी छवि खराब नहीं होने देना चाहते हैं. और, कहीं न कहीं ये मामला केजरीवाल के लिए नाक का सवाल बन गया है. यही कारण है कि अरविंद केजरीवाल एक बार फिर से अपने उसी पुराने रूप में आ चुके हैं. जिसमें वह कुछ कागजों और फाइलों के साथ किसी पर भी गंभीर आरोप लगा देते थे. वो अलग बात है कि बाद में बिना किसी शर्त के माफी भी मांग लेते हैं. हाल ही में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सरकारी एजेंसियों के दुरुपयोग से लेकर आम आदमी पार्टी के खिलाफ झूठ फैलाने तक की साजिश का आरोप लगाए हैं.
वैसे, अरविंद केजरीवाल ने पुनीत नागर नाम के एक ट्विटर यूजर के ट्वीट को साझा किया है. जिसमें सत्येंद्र जैन को कोर्ट से निकलने के बाद गाड़ी में बैठे दिखाया गया है. इस तस्वीर में जैन बीमार लग रहे हैं. खैर, असल मामला इसी ट्वीट की दूसरी तस्वीर से जुड़ा है. दरअसल, दूसरी तस्वीर में पहली वाली फोटो को कुछ इस तरह से क्रॉप (काटा) किया गया है. जिससे ऐसा लगे कि सत्येंद्र जैन के मुंह से कुछ निकल रहा हो. और, उनके मुंह पर कुछ चोट जैसा निशान नजर आए. साथ ही इस ट्वीट में लिखा गया है कि दिल्ली को मोहल्ला क्लिनिक्स देने वाले सत्येंद्र जैन की कल की तस्वीर.
कायदे से देखा जाए, तो तस्वीर में सत्येंद्र जैन का केवल मुंह खुला हुआ है. और, उनके मुंह पर किसी तरह की चोट नहीं है. जैसा कि तस्वीर देखकर नजर आ रहा है. जबकि, गाड़ी के शीशे पर पेड़ की परछाई इस तरह से पड़ रही है कि वह चोट के निशान की तरह लगे. और, पेड़ की परछाई की वजह से ही लग रहा है कि सत्येंद्र जैन के मुंह से शायद खून जैसी कोई चीज डिस्चार्ज हो रही है. हालांकि, ऐसा नहीं है. लेकिन, इतना साफ है कि अरविंद केजरीवाल अभी से जैन के नाम पर सहानुभूति जुटाने की कोशिश कर रहे हैं. जो आगे चलकर उनके ही काम आएगी.
ईडी की जब्ती की तस्वीरों पर अलग नजरिया
ईडी ने सत्येंद्र जैन और उनके सहयोगियों के खिलाफ छापेमारी की तस्वीरें साझा की थी. जिसके बाद दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने ट्वीट किया था कि भाजपा ने झूठ और बेशर्मी की सारी सीमाएं तोड़ दी है. सत्येंद्र जैन के घर पर सिर्फ 2 लाख 79 हजार रुपए मिले हैं. ईडी ने घंटो तक तलाशी की, पर एक सबूत नहीं मिला. अब किसी को भी सत्येंद्र जैन का करीबी बताकर भाजपा उनपर झूठे आरोप लगा रही है. भाजपा वाले अब और कितना गिर सकते हैं?
वैसे, सत्येंद्र जैन की कस्टडी बढ़ाने के लिए कोर्ट के सामने पेश हुए ईडी के वकील ने उनके साथ होने वाली कई दिक्कतों को बताया था. प्रवर्तन निदेशालय के वकील ने कहा था कि 'जैन बहुत धीमे लिखते हैं. उनका कबूलनामा उनकी ही लिखावट में होना चाहिए, वरना वह कह सकते हैं कि यह मेरा बयान नहीं है.' ईडी की ओर से बताया गया था कि 'जांच के लंबा खिंचने की ऐसी ही कई वजह हैं. यह उन बाधाओं में से एक है, जो सत्येंद्र जैन के खिलाफ 16 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच में आ रही हैं.' वहीं, कुछ गवाह अपनी सुरक्षा को मुद्दा बनाकर सत्येंद्र जैन के सामने लाकर पूछताछ करने से मना कर रहे हैं.
मेरी राय
ईडी ने जो तस्वीरें लोगों के सामने रखी हैं, उसमें दिखाई गई चीजें हवा में से तो नहीं ही आई होंगी. और, जब अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को सत्येंद्र जैन की कट्टर ईमानदारी पर इतना ही भरोसा है. तो, जांच खत्म होने का इंतजार क्यों नहीं करना चाहते हैं? देशभर में ईडी मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में कार्रवाई कर रही है. लेकिन, पंजाब में जीतकर सत्ता में आई आम आदमी पार्टी इस मामले के सहारे खुद को आगामी चुनावों के लिए तैयार करने की कोशिशों में जुटी हुई है.
सत्येंद्र जैन के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में की जा रही राजनीति फिलहाल यही इशारा करती है. अरविंद केजरीवाल खुद आगे आकर भले ही कुछ न बोलें. लेकिन, सत्येंद्र जैन को बचाने के लिए आम आदमी पार्टी की पूरी फौज लगा दी गई है. और, सोशल मीडिया से लेकर जनता के बीच उनके लिए सहानुभूति की लहर पैदा करने का कोई मौका नहीं छोड़ा जा रहा है. भले ही इसके लिए भ्रामक ट्वीट ही क्यों न करना पड़े.
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