अयोध्या का फैसला (Ayodhya Verdict) आ चुका है. सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद (Ram Janmbhoomi- Babri Masjid Dispute) मामले में 40 दिन तक लगातार सुनवाई की और फिर फैसला सुरक्षित रख लिया था. अब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने राम मंदिर (Ram Mandir) पर अपना फैसला सुना दिया है. फैसले के तहत इस केस के तीन पक्षों में से हिंदू पक्ष को विवादित भूमि का मालिकाना हक दे दिया गया है. वहीं दूसरी ओर, मुस्लिम पक्ष सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या में ही मस्जिद निर्माण के लिए कहीं और 5 एकड़ जमीन देने का सरकार का आदेश दिया है. इसके अलावा इस केस में तीसरे पक्ष निर्मोही अखाड़ा के दावे को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. हालांकि, राम मंदिर निर्माण के लिए बनाए जा रहे ट्रस्ट में निर्मोही अखाड़े को प्रतिनिधित्व का अधिकार दे दिया है. यानी एक बात तो तय हो गई है कि अब मंदिर निर्माण होकर रहेगा, क्योंकि इसे सुप्रीम कोर्ट की भी हरी झंडी मिल गई है. अब जब राम मंदिर बनाने का रास्ता साफ हो गया है तो हर हिंदू के मन में एक ये सवाल जरूर आ रहा होगा कि आखिर ये मंदिर कैसा होगा? चलिए जानते हैं.
राम मंदिर (Ram Mandir) निर्माण में विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने जी जान से लड़ाई लड़ी है. हो सकता है कि इस मंदिर को उसी के मॉडल के हिसाब से बनाया जाए. यहां आपको बता दें कि इसी साल अप्रैल महीने में लोकसभा चुनाव (Loksabha Election 2019) शुरू होने से कुछ दिन पहले विश्व हिंदू परिषद ने राम मंदिर का एक मॉडल सबसे सामने रखा था. ये मॉडल राम जन्मभूमि न्यास की कार्यशाला में रखा हुआ है. जो लोग भी रामलला के दर्शन करने जाते हैं, वह कार्यशाला में रखे राम मंदिर के इस मॉडल को भी जरूर देखते हैं. इस मॉडल को अहमदाबाद के आर्किटेक्ट चंद्रकांत भाई सोमपुरा ने तैयार किया था. बताया जा रहा है कि इस मॉडल के अनुसार करीब 65 फीसदी पत्थर तराशे जा चुके हैं. आइए देखते हैं विहिप के उस मॉडल के अनुसार राम मंदिर कैसा हो सकता है.
- प्रस्तावित मंदिर की लंबाई करीब 268 फुट होगी.
- ये मंदिर...
अयोध्या का फैसला (Ayodhya Verdict) आ चुका है. सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद (Ram Janmbhoomi- Babri Masjid Dispute) मामले में 40 दिन तक लगातार सुनवाई की और फिर फैसला सुरक्षित रख लिया था. अब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने राम मंदिर (Ram Mandir) पर अपना फैसला सुना दिया है. फैसले के तहत इस केस के तीन पक्षों में से हिंदू पक्ष को विवादित भूमि का मालिकाना हक दे दिया गया है. वहीं दूसरी ओर, मुस्लिम पक्ष सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या में ही मस्जिद निर्माण के लिए कहीं और 5 एकड़ जमीन देने का सरकार का आदेश दिया है. इसके अलावा इस केस में तीसरे पक्ष निर्मोही अखाड़ा के दावे को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. हालांकि, राम मंदिर निर्माण के लिए बनाए जा रहे ट्रस्ट में निर्मोही अखाड़े को प्रतिनिधित्व का अधिकार दे दिया है. यानी एक बात तो तय हो गई है कि अब मंदिर निर्माण होकर रहेगा, क्योंकि इसे सुप्रीम कोर्ट की भी हरी झंडी मिल गई है. अब जब राम मंदिर बनाने का रास्ता साफ हो गया है तो हर हिंदू के मन में एक ये सवाल जरूर आ रहा होगा कि आखिर ये मंदिर कैसा होगा? चलिए जानते हैं.
राम मंदिर (Ram Mandir) निर्माण में विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने जी जान से लड़ाई लड़ी है. हो सकता है कि इस मंदिर को उसी के मॉडल के हिसाब से बनाया जाए. यहां आपको बता दें कि इसी साल अप्रैल महीने में लोकसभा चुनाव (Loksabha Election 2019) शुरू होने से कुछ दिन पहले विश्व हिंदू परिषद ने राम मंदिर का एक मॉडल सबसे सामने रखा था. ये मॉडल राम जन्मभूमि न्यास की कार्यशाला में रखा हुआ है. जो लोग भी रामलला के दर्शन करने जाते हैं, वह कार्यशाला में रखे राम मंदिर के इस मॉडल को भी जरूर देखते हैं. इस मॉडल को अहमदाबाद के आर्किटेक्ट चंद्रकांत भाई सोमपुरा ने तैयार किया था. बताया जा रहा है कि इस मॉडल के अनुसार करीब 65 फीसदी पत्थर तराशे जा चुके हैं. आइए देखते हैं विहिप के उस मॉडल के अनुसार राम मंदिर कैसा हो सकता है.
- प्रस्तावित मंदिर की लंबाई करीब 268 फुट होगी.
- ये मंदिर करीब 140 फुट चौड़ा होगा.
- जन्मभूमि पर जो मंदिर बनेगा, उसकी ऊंचाई करीब 128 फुट होगी.
- यह मंदिर दो मंजिल का होगा. पहली मंजिल की ऊंचाई 18 फुट होगी, दूसरी मंजिल 15 फुट को होगी.
- मंदिर का चबूतरा 8 फुट ऊंचा होगा, जिस पर सीढ़ियों से पहुंचा जा सकेगा. इस पर करीब 10 फुट चौड़ा परिक्रमा मार्ग भी होगा.
- इस मंदिर में कुल 5 प्रखंड होंगे- अग्रभाग, सिंहद्वार, नृत्यमंडप, रंगमंडप और गर्भगृह.
- मंदिर में कुल मिलाकर 212 स्तंभ लगेंगे. पहली मंजिर पर 106 और दूसरी मंजिल पर 106 स्तंभ लगेंगे. दोनों में फर्क सिर्फ इतना है कि पहली मंजिल पर लगने वाले स्तंभों की ऊंचाई 16 फुट 6 इंच होगी, जबकि दूसरी मंजिल पर लगने वाले स्तंभों की ऊंचाई 14 फुट 6 इंच होगी.
- माना जा रहा है कि इस मंदिर में 1 लाख 75 हजार घन फुट लाल बलुआ पत्थर इस्तेमाल होगा. बता दें कि मिर्जापुर और देश के अन्य हिस्सों से आए कारीगर कार्यशाल में करीब 1 लाख घनफुट पत्थरों की तराशी कर भी चुके हैं. भूतर के पत्थरों की तराशी का काम पूरा हो चुका है.
- राम मंदिर को बनाने में दो से ढाई साल का समय लगेगा और इसे ईंट-गारा नहीं, बल्कि पत्थरों से बनाया जाएगा, जिन्हें कॉपर और सफेद सीमेंट से जोड़ा जाएगा. बता दें कि साथ ही साथ गर्भगृह भी बनने लगेगा, जिसमें राजमला विराजमान होंगे.
जब लोकसभा चुनाव से पहले विश्व हिंदू परिषद ने इस मॉडल को देश के सामने रखा था, तो इसे राजनीतिक नजरिए से देखा जा रहा था. माना जा रहा था कि ये सब भाजपा ने सिर्फ चुनावी मुद्दे को जिंदा रखने के लिए करवाया है. आपको बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के मेनिफेस्टो में राम मंदिर सबसे अहम मुद्दा था, लेकिन 2019 तक भी इसका निर्माण नहीं हो सका था. खैर, मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में राम मंदिर बनवाने में सफलता पा रही है. अब ये देखना दिलचस्प रहेगा कि मंदिर कब तक बनता है.
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