कर्नाटक के अलग अलग हिस्सों में हिजाब को लेकर मचा घमसान अभी शांत भी नहीं हुआ है. ऐसे में शिवमोगा में जिस तरह बजरंग दल कार्यकर्ता की चाकुओं से गोदकर हत्या हुई है उसने विवाद की आग में खर का काम किया है. मामले में सियासत तेज है और जैसा सोशल मीडिया का हाल है वहां भी लोगों में घटना को लेकर गुस्सा है और कहा यही जा रहा है कि बजरंग दल कार्यकर्त्ता जिसकी पहचान 26 साल के हर्ष के रूप में हुई है, गहरी साजिश का शिकार हुआ है और अपनी जान गंवाई है. चूंकि ये घटना एक ऐसे समय में हुई है जब हिजाब को लेकर राज्य में बहस तेज और माहौल गर्म है. पुलिस ने भी चुस्ती दिखाई है और 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
हर्ष की मौत से शिवमोगा में तनाव है जिससे पुलिस को भी दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है. मामले के मद्देनजर बताया यही जा रहा है कि पुलिस को कई जगहों पर भीड़ को कंट्रोल करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा है. साथ ही सुरक्षा की दृष्टि से धारा 144 लागू की गई है.
जैसा कि ज्ञात है कर्नाटक हिजाब कंट्रोवर्सी की गिरफ्त में है. मामले पर राजनीति गर्मा गई है. बात भाजपा बनाम कांग्रेस एवं अन्य है इसलिए भाजपा नेता बीएल संतोष ने मामले को दूसरे रंग में रंगने का प्रयास किया है और इस बात का दावा किया है कि हर्ष की हत्या एंटी हिजाब प्रोटेस्ट की वजह से हुई है.
कर्नाटक के रूरल डेवलपमेंट और...
कर्नाटक के अलग अलग हिस्सों में हिजाब को लेकर मचा घमसान अभी शांत भी नहीं हुआ है. ऐसे में शिवमोगा में जिस तरह बजरंग दल कार्यकर्ता की चाकुओं से गोदकर हत्या हुई है उसने विवाद की आग में खर का काम किया है. मामले में सियासत तेज है और जैसा सोशल मीडिया का हाल है वहां भी लोगों में घटना को लेकर गुस्सा है और कहा यही जा रहा है कि बजरंग दल कार्यकर्त्ता जिसकी पहचान 26 साल के हर्ष के रूप में हुई है, गहरी साजिश का शिकार हुआ है और अपनी जान गंवाई है. चूंकि ये घटना एक ऐसे समय में हुई है जब हिजाब को लेकर राज्य में बहस तेज और माहौल गर्म है. पुलिस ने भी चुस्ती दिखाई है और 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
हर्ष की मौत से शिवमोगा में तनाव है जिससे पुलिस को भी दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है. मामले के मद्देनजर बताया यही जा रहा है कि पुलिस को कई जगहों पर भीड़ को कंट्रोल करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा है. साथ ही सुरक्षा की दृष्टि से धारा 144 लागू की गई है.
जैसा कि ज्ञात है कर्नाटक हिजाब कंट्रोवर्सी की गिरफ्त में है. मामले पर राजनीति गर्मा गई है. बात भाजपा बनाम कांग्रेस एवं अन्य है इसलिए भाजपा नेता बीएल संतोष ने मामले को दूसरे रंग में रंगने का प्रयास किया है और इस बात का दावा किया है कि हर्ष की हत्या एंटी हिजाब प्रोटेस्ट की वजह से हुई है.
कर्नाटक के रूरल डेवलपमेंट और पंचायत राजमंत्री केएस ईश्वरप्पा ने हर्ष की हत्या मामले में बड़ी बात की है. ईश्वरप्पा ने कहा है कि मैं बजरंग दल कार्यकर्ता की मौत से बेहद दुखी हूं. हर्ष की हत्या मुस्लिम गुंडों ने की है. मैं अभी हालात का जायजा लेने के लिए शिवमोगा जा रहा हूं. हम गुंडागर्दी की इजाजत नहीं देंगे.' ईश्वरप्पा ने कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष शिवकुमार पर आरोप लगाया था कि उन्होंने मुस्लिम गुंडों को इस हत्या के लिए उकसाया था.
क्योंकि मामले में कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार का नाम पहले ही आ चुका है उन्होंने अपनी सफाई दी है. वर्तमान में कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने हर्ष की हत्या के मामले में अपना कोई कनेक्शन होने से इनकार किया है. साथ ही उन्होंने कर्नाटक सरकार के मंत्री ईश्वरप्पा को पद से हटाए जाने की मांग की है. डीके शिवकुमार ने भी इस हत्या के हिजाब कंट्रोवर्सी से जुड़े होने के दावों को पूरी तरह से खारिज किया है .
भाजपा सरकार में मंत्री केएस ईश्वरप्पा के आरोपों का जवाब देते हुए दिके शिवकुमार ने कहा है कि मुझ पर आरोप लगाया गया है कि मैंने बजरंग दल कार्यकर्ता की हत्या के लिए 'मुस्लिम गुंडों' को उकसाया. ईश्वरप्पा के पास कॉमन सेंस नहीं है. उन्होंने पहले ही भारतीय झंडे का अपमान किया है. उनके खिलाफ केस दर्ज होना चाहिए और उन्हें पद से हटाया जाना चाहिए. उन्होंने देश और तिरंगे का अपमान किया है.
एक तरफ ये आरोप हैं वहीं दूसरी ओर राज्य के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र की बातें हैं जिन्होंने इस बात को सिरे से ख़ारिज किया है कि हर्ष की हत्या हिजाब विवाद के अंतर्गत हुई है. अरागा ज्ञानेंद्र ने कहा कि अबतक लगता है कि हत्या का हिजाब विवाद से कोई लेना देना नहीं है, लेकिन पुलिस जांच कर रही है.
मामले पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज एस बोम्मई ने भी अपना पक्ष रखा है और कहा है कि पुलिस को जांच के दौरान कई अहम सुराग मिले हैं और वह उन पर काम कर रही है.
चाहे वो बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद हो या फिर भाजपा, कांग्रेस और जेडीएस शिवमोगा में हर्ष की हत्या पर अपनी अपनी सहूलियत के हिसाब से सबके पास अपने अलग तर्क हैं. हत्या किस वजह से हुई? इस हत्या में कौन कौन शामिल था? क्या इस हत्या के पीछे हिजाब विवाद शामिल हैं? क्या हिजाब की आड़ में किसी ने हर्ष से अपनी दुश्मनी निकाली है?
हमारे पास सवालों की लंबी फेहरिस्त है जिनके जवाब मामले की जांच में पता चल जाएंगे। लेकिन जिस तरह से ये हत्या हुई है इस बात में कोई शक नहीं है कि लॉ एंड आर्डर के मामले में कर्नाटक की स्थिति वाकई गंभीर है और भाजपा और पीएम मोदी को इस पर गौर करने की जरूरत है.
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