अभी दिल्ली दूर है लेकिन चर्चा अभी से शुरू हो गई है कि अगला प्रधानमंत्री कौन. जनता दल यू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रधानमंत्री की दौड़ में शामिल हैं. जनता दल यू पूरी तरह से नीतीश कुमार को प्रोजेक्ट करने के लिए तैयार है, यहां तक बिहार में महागठबंधन के उनके सहयोगी आरजेडी ने भी नीतीश कुमार को प्रधाममंत्री का बेहतर उम्मीदवार बताते हुए उनका समर्थन करने की बात कही है. खुद लालू प्रसाद यादव ने कहा कि अगर नीतीश कुमार प्रधानमंत्री के उम्मीदवार बनते हैं तो उनकी पार्टी उनका समर्थन करेगी. लालू यादव ने इसे आगे बढ़कर भी कहा कि अगर छोटा भाई प्रधानमंत्री बनता है तो बड़े भाई को तो खुशी ही होगी.
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लेकिन बिहार में चल रही सरकार में एक और सहयोगी दल है कांग्रेस. कांग्रेस पार्टी इससे सहमत नहीं है. कांग्रेस के चार विधायक सरकार में मंत्री है लेकिन कोई भी खुलेतौर पर जनता दल यू और आरजेडी की इस बात का समर्थन नहीं कर रहा है कि अगर सरकार बनाने की स्थिति बनती है तो नीतीश कुमार ही प्रधानमंत्री के उम्मीदवार होंगे. और समर्थन करे भी तो कैसे. कांग्रेस कोई क्षेत्रीय पार्टी तो है नहीं. राष्ट्रीय पार्टी है और पार्टी के सभी बड़े फैसले दिल्ली में आलाकमान के द्वारा ही होता है. लेकिन यह तो कहा ही जा सकता है कि भले ही जनता दल यू आरजेडी और कांग्रेस बिहार में महागठबंधन बना कर सरकार चला रहे हों, सभी मुद्दों पर इनका एक मत हों लेकिन प्रधानमंत्री पद की दावेदारी पर इनके बीच मतभेद है.
अभी दिल्ली दूर है लेकिन चर्चा अभी से शुरू हो गई है कि अगला प्रधानमंत्री कौन. जनता दल यू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रधानमंत्री की दौड़ में शामिल हैं. जनता दल यू पूरी तरह से नीतीश कुमार को प्रोजेक्ट करने के लिए तैयार है, यहां तक बिहार में महागठबंधन के उनके सहयोगी आरजेडी ने भी नीतीश कुमार को प्रधाममंत्री का बेहतर उम्मीदवार बताते हुए उनका समर्थन करने की बात कही है. खुद लालू प्रसाद यादव ने कहा कि अगर नीतीश कुमार प्रधानमंत्री के उम्मीदवार बनते हैं तो उनकी पार्टी उनका समर्थन करेगी. लालू यादव ने इसे आगे बढ़कर भी कहा कि अगर छोटा भाई प्रधानमंत्री बनता है तो बड़े भाई को तो खुशी ही होगी. इसे भी पढ़ें- ये है नीतीश का गेम प्लान... लेकिन बिहार में चल रही सरकार में एक और सहयोगी दल है कांग्रेस. कांग्रेस पार्टी इससे सहमत नहीं है. कांग्रेस के चार विधायक सरकार में मंत्री है लेकिन कोई भी खुलेतौर पर जनता दल यू और आरजेडी की इस बात का समर्थन नहीं कर रहा है कि अगर सरकार बनाने की स्थिति बनती है तो नीतीश कुमार ही प्रधानमंत्री के उम्मीदवार होंगे. और समर्थन करे भी तो कैसे. कांग्रेस कोई क्षेत्रीय पार्टी तो है नहीं. राष्ट्रीय पार्टी है और पार्टी के सभी बड़े फैसले दिल्ली में आलाकमान के द्वारा ही होता है. लेकिन यह तो कहा ही जा सकता है कि भले ही जनता दल यू आरजेडी और कांग्रेस बिहार में महागठबंधन बना कर सरकार चला रहे हों, सभी मुद्दों पर इनका एक मत हों लेकिन प्रधानमंत्री पद की दावेदारी पर इनके बीच मतभेद है.
कांग्रेस के अधिकतर मंत्री इस विषय पर अपना मुंह खोलना नहीं चाहते है लेकिन कुछ ऐसे मंत्री हैं. जो कह रहे हैं कि अगर सरकार बनने की स्थिति होती है तो प्रधानमंत्री राहुल गांधी ही बनेंगे. नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में के उत्पाद एवं मद्द निषेध मंत्री अब्दुल जलील मस्तान ने जनता दल यू और आरजेडी के दावों को सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि यह किसी राज्य का चुनाव नहीं है. बल्कि देश का चुनाव है ऐसे में राहुल गांधी के अलावा प्रधानमंत्री का उम्मीदवार कोई कैसे बन सकता है. मस्तान ने आरजेडी और जनता दल यू पर तंज कसते हुए कहा कि पता नहीं उन्हें ये बात समझ में आती है या नहीं पूरे देश में जिसका स्कोप है उसी आधार पर स्कोप मापनी चाहिए लेकिन ये लोग स्कोप से नीचे आंकते है. प्रधानमंत्री पूरे देश के होते हैं. इसी तरह नीतीश कुमार मंत्रिमंडल के सहयोगी पशुपालन मंत्री अवधेष कुमार सिंह भी स्पष्ट रूप से कहते हैं कि यदि आगामी लोकसभा का चुनाव महागठबंधन के बैनर तले लड़ा गया और कांग्रेस को बहुमत मिला तो प्रधानमंत्री नीतीश कुमार नहीं बल्कि राहुल गांधी को बनाया जायेगा. क्योंकि जनता दल यू और आरजेडी क्षेत्रीय पार्टीयां है जबकि कांग्रेस राष्ट्रीय पार्टी है इसलिए कांग्रेस ही केन्द्र सरकार का नेतृत्व करेगी. इसे भी पढें- यूपी में महागठबंधन पक्का है, कितना ‘महा’ होगा ये नहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व विधानसभा अध्यक्ष पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और वर्तमान में विधायक दल के नेता सदानंद सिंह ने एक कदम आगे बढ़ कर कहा कि राहुल गांधी युवा नेता हैं इसलिए 2019 में अगर बहुमत मिलता है तो वही प्रधानमंत्री होंगे. इसमें किसी को शंका करने की जरूरत नही है. सदानंद सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद कहा है कि बिना कांग्रेस के सहयोग से केन्द्र में गैर बीजेपी सरकार नहीं बन सकती है. साथ में सदानंद सिंह ने यह भी जोड़ा कि खुद नीतीश कुमार ने कहा है कि वो प्रधानमंत्री के उम्मीदवार नही हैं. नीतीश कुमार ने गैरसंघवाद का नारा इसलिए दिया ताकि देश में सभी बीजेपी विरोधी पार्टियां एक जुट हो सकें. लेकिन नेता कौन, इसको लेकर तकरार शुरू हो जाती है. अभी तक उनके सहयोगी दलों में आरजेडी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वो नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री पद के लिए समर्थन करेगी उसके पीछे जानकारों का तर्क है कि लालू प्रसाद यादव सिर्फ इसलिए समर्थन कर रहे हैं ताकि उनके बेटों को मुख्यमंत्री का पद बिहार में मिल जाए. कांग्रेस राष्ट्रीय पार्टी का दावा कर नेतृत्व अपने पास रखना चाहती है तो दूसरी कई पार्टियों में इसको लेकर खींचतान है. इसे भी पढ़ें- कहीं मोदी को कामयाबी का रोल मॉडल तो नहीं मानते नीतीश? इसी सबको ध्यान में रखते हुए नीतीश कुमार ने स्पष्ट कहा है कि नेता कौन होगा ये बाद में तय किया जायेगा, पहले गैरसंघवाद के मंच पर पार्टियां एकजुट तो हों. उन्होंने यहां तक कहा कि उनका इसमें कोई स्वार्थ नहीं है और ना ही वो प्रधानमंत्री के उम्मीदवार हैं. फिर पार्टियों को इस मुद्दे पर एक होने में क्यों दिक्कत आ रही है. हांलाकि गैर-बीजेपी दलों के पास इसे समझने के लिए अभी काफी वक्त है. इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है. ये भी पढ़ेंRead more! संबंधित ख़बरें |