प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गोवा से मनोहर पर्रिकर को दिल्ली लाये जरूर थे, लेकिन उनका मन रमा नहीं. पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक भी पर्रिकर के रक्षा मंत्री रहते ही हुआ था, जिसकी दूसरी सालगिरह मोदी सरकार 29 सितंबर को मनाने जा रही है.
मनोहर पर्रिकर में आखिर वो कौन सी खूबी है जो बीजेपी को गोवा में सबसे ताकतवर बना देती है? अस्पताल में बिस्तर पर पड़े पर्रिकर की चर्चा भी हो रही है तो फोन पर धमकाने को लेकर.
मनोहर पर्रिकर जैसा कोई नहीं
गोवा में मनोहर पर्रिकर को घेरना कांग्रेस के लिए मुश्किल होता है. फिर भी एक कांग्रेस नेता ने मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर पर अस्पताल से धमाकाने का आरोप लगाया है. ऐसा आरोप पहली बार लगाया गया है.
गोवा में कांग्रेस के पर्यवेक्षक ए चेल्लाकुमार ने हाल ही में कहा, "हो सकता है कि वो इस समय अस्पताल में भर्ती हों. मैं उम्मीद करता हूं कि आप ठीक जल्दी से ठीक हों... लेकिन मुझे ऐसे संदेश मिल रहे हैं कि आप अस्पताल में रहने के दौरान लोगों को फोन कर रहे हैं और उन्हें धमकी दे रहे हैं." आरोप तो राजनीतिक गतिविधियों से निकला गुड न्यूज है. अगर ऐसा नहीं हो रहा है कि तानाशाही की गंध और लोकतंत्र के लिए किसी खतरे का अलर्ट समझा जाना चाहिये.
वैसे सुनने में आ रहा था कि बीमार मनोहर पर्रिकर की जगह किसी और को गोवा का मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है. नामों के रेस की बात चली तो चर्चा में केंद्रीय मंत्री श्रीपद नाईक सहित दो नामों पर चर्चा भी हो गयी. बाद में मालूम कि गोवा में फिलहाल कोई बदलाव नहीं होने वाला - मनोहर पर्रिकर ही मुख्यमंत्री रहेंगे.
गोवा में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के लिए नये मुख्यमंत्री का नाम तय करना आसान नहीं है. अमित शाह की चुनौती ये है...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गोवा से मनोहर पर्रिकर को दिल्ली लाये जरूर थे, लेकिन उनका मन रमा नहीं. पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक भी पर्रिकर के रक्षा मंत्री रहते ही हुआ था, जिसकी दूसरी सालगिरह मोदी सरकार 29 सितंबर को मनाने जा रही है.
मनोहर पर्रिकर में आखिर वो कौन सी खूबी है जो बीजेपी को गोवा में सबसे ताकतवर बना देती है? अस्पताल में बिस्तर पर पड़े पर्रिकर की चर्चा भी हो रही है तो फोन पर धमकाने को लेकर.
मनोहर पर्रिकर जैसा कोई नहीं
गोवा में मनोहर पर्रिकर को घेरना कांग्रेस के लिए मुश्किल होता है. फिर भी एक कांग्रेस नेता ने मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर पर अस्पताल से धमाकाने का आरोप लगाया है. ऐसा आरोप पहली बार लगाया गया है.
गोवा में कांग्रेस के पर्यवेक्षक ए चेल्लाकुमार ने हाल ही में कहा, "हो सकता है कि वो इस समय अस्पताल में भर्ती हों. मैं उम्मीद करता हूं कि आप ठीक जल्दी से ठीक हों... लेकिन मुझे ऐसे संदेश मिल रहे हैं कि आप अस्पताल में रहने के दौरान लोगों को फोन कर रहे हैं और उन्हें धमकी दे रहे हैं." आरोप तो राजनीतिक गतिविधियों से निकला गुड न्यूज है. अगर ऐसा नहीं हो रहा है कि तानाशाही की गंध और लोकतंत्र के लिए किसी खतरे का अलर्ट समझा जाना चाहिये.
वैसे सुनने में आ रहा था कि बीमार मनोहर पर्रिकर की जगह किसी और को गोवा का मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है. नामों के रेस की बात चली तो चर्चा में केंद्रीय मंत्री श्रीपद नाईक सहित दो नामों पर चर्चा भी हो गयी. बाद में मालूम कि गोवा में फिलहाल कोई बदलाव नहीं होने वाला - मनोहर पर्रिकर ही मुख्यमंत्री रहेंगे.
गोवा में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के लिए नये मुख्यमंत्री का नाम तय करना आसान नहीं है. अमित शाह की चुनौती ये है कि मनोहर पर्रिकर की जगह किसे कुर्सी पर बिठाया जाय कि सहयोगी दल भी साथ में खड़े रहें.
बीजेपी सरकार को महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी और गोवा फॉरवर्ड पार्टी ने बहुत पहले ही साफ कर दिया था कि वो सिर्फ और सिर्फ मनोहर पर्रिकर के नाम पर सपोर्ट के लिए राजी हैं, नहीं तो सरकार से अलग होने में देर नहीं लगने वाली. सहयोगी दल आज भी अपनी बात पर कायम हैं और ऐसे में बीजेपी के पास भी फिलहाल कोई चारा नहीं है. बीजेपी ऐसी हालत में किसी तरह का रिस्क लेने से बच रही है - क्योंकि चुनाव नतीजों के समय से ही घायल कांग्रेस मौका और शिकार की तलाश में अलर्ट मोड में बनी हुई है.
बीजेपी के 10 का दम
गोवा में राजनीतिक बाजी फिलहाल बराबरी पर चल रही है, लेकिन उसमें भी बीजेपी 10 का दम दिखा रही है - और इसके पीछे जो सबसे बड़ी ताकत काम कर रही है, वो है - मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर. अमेरिका में लंबा इलाज करा कर लौटे मनोहर पर्रिकर दिल्ली के एम्स में भर्ती हैं.
गोवा विधानसभा में कुल 40 सीटें हैं, जिनमें सबसे ज्यादा 16 विधायक कांग्रेस के हैं. 2017 के विधानसभा चुनाव के नतीजे आये तो कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरी, लेकिन सरकार बनाने में चूक गयी और बीजेपी ने बाजी मार ली.
कांग्रेस के 16 विधायकों के अलावा उसे एक निर्दलीय और एक एनसीपी विधायक का भी समर्थन हासिल है. इस तरीके से सहयोगी दलों के विधायकों को मिलाकर बीजेपी के भी 18 विधायक ही हो रहे हैं.
अकेले तो बीजेपी के केवल 14 एमएलए हैं. हालत ये है कि मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर सहित तीन मंत्री अस्पताल में हैं - और मोर्चे पर सिर्फ 11 विधायक ही रह गये हैं.
11 में ही विधानसभा अध्यक्ष भी शामिल हैं और अगर उन्हें हटा कर देखा जाये तो बीजेपी के सिर्फ 10 विधायक ही गोवा में मोर्चा संभाले हुए हैं. मनोहर पर्रिकर का नाम ही इतना वजनदार है कि 10 विधायक ही पूरा दम दिखा रहे हैं.
इन्हें भी पढ़ें :
कर्नाटक में बीजेपी ने सरकार बनाने का दावा पेश करके पूरे देश में बगावत को हवा दे दी है
कश्मीर को लेकर भला किस तरह का दबाव महसूस कर रहे होंगे पर्रिकर?
प्रधानमंत्री मोदी दुरूस्त तो आये - लेकिन अच्छी टीम बनाने में इतनी देर क्यों कर दी?
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.