तेलंगाना विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है. हालांकि भाजपा ने इस घोषणापत्र में सभी वर्गों का ध्यान रखने की कोशिश की है. घोषणापत्र में भाजपा ने किसानों से लेकर सरकारी कर्मचारियों और विद्यार्थियों से लेकर युवाओं के लिए अपने घोषणा पत्र में कई वादे किए हैं. भाजपा ने जहां किसानों के लिए दो लाख रुपये तक की कर्जमाफी का वादा किया है, तो विद्यार्थियों को खुश करने के लिए स्नातकों को मुफ्त लैपटॉप और शराब की बिक्री को नियमित करने का भी वादा किया है.
हालांकि भाजपा ने इन घोषणाओं के अलावा तेलंगाना के लोंगो से वादा किया है कि अगर तेलंगाना में उसकी सरकार बनी तो वह त्योहारों पर मुफ्त में गाय वितरित करेगी और इस तरह हर साल करीब एक लाख गाय बांटी जाएंगी. भाजपा अपनी इस घोषणा से प्रदेश के कृषकों को अपने पाले में लाने की जुगत में है. वैसे पहले भी भाजपा पर राम के नाम पर वोट मांगने के आरोप लगते रहे हैं, मगर अब तेलांगना में भाजपा के चुनावी घोषणापत्र के आने के बाद भाजपा पर गाय के नाम पर भी वोट मांगने की बात कही जाएगी.
हालांकि ऐसा नहीं है कि भाजपा गायों को लेकर पहली बार ऐसा कुछ करती नजर आई है. इससे पहले भी भाजपा की सरकार राज्य और केंद्र स्तर पर गाय को लेकर काम करते दिखे हैं. राजस्थान देश भर में ऐसा पहला राज्य है जिसकी सरकार ने अपने यहां गायों को लेकर अलग मंत्रालय बना रखा है. इसी तर्ज पर मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने भी चुनावों से पहले मध्यप्रदेश में गायों के लिए अलग से मंत्रालय बनाने की घोषणा की है. हालांकि मध्यप्रदेश में कांग्रेस ने भी सरकार बनाने की स्थिति में हर पंचायत में गौशाला खोलने की बात कही है. इसके अलावा गुजरात की भाजपा सरकार ने भी गाय से जुड़े धार्मिक...
तेलंगाना विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है. हालांकि भाजपा ने इस घोषणापत्र में सभी वर्गों का ध्यान रखने की कोशिश की है. घोषणापत्र में भाजपा ने किसानों से लेकर सरकारी कर्मचारियों और विद्यार्थियों से लेकर युवाओं के लिए अपने घोषणा पत्र में कई वादे किए हैं. भाजपा ने जहां किसानों के लिए दो लाख रुपये तक की कर्जमाफी का वादा किया है, तो विद्यार्थियों को खुश करने के लिए स्नातकों को मुफ्त लैपटॉप और शराब की बिक्री को नियमित करने का भी वादा किया है.
हालांकि भाजपा ने इन घोषणाओं के अलावा तेलंगाना के लोंगो से वादा किया है कि अगर तेलंगाना में उसकी सरकार बनी तो वह त्योहारों पर मुफ्त में गाय वितरित करेगी और इस तरह हर साल करीब एक लाख गाय बांटी जाएंगी. भाजपा अपनी इस घोषणा से प्रदेश के कृषकों को अपने पाले में लाने की जुगत में है. वैसे पहले भी भाजपा पर राम के नाम पर वोट मांगने के आरोप लगते रहे हैं, मगर अब तेलांगना में भाजपा के चुनावी घोषणापत्र के आने के बाद भाजपा पर गाय के नाम पर भी वोट मांगने की बात कही जाएगी.
हालांकि ऐसा नहीं है कि भाजपा गायों को लेकर पहली बार ऐसा कुछ करती नजर आई है. इससे पहले भी भाजपा की सरकार राज्य और केंद्र स्तर पर गाय को लेकर काम करते दिखे हैं. राजस्थान देश भर में ऐसा पहला राज्य है जिसकी सरकार ने अपने यहां गायों को लेकर अलग मंत्रालय बना रखा है. इसी तर्ज पर मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने भी चुनावों से पहले मध्यप्रदेश में गायों के लिए अलग से मंत्रालय बनाने की घोषणा की है. हालांकि मध्यप्रदेश में कांग्रेस ने भी सरकार बनाने की स्थिति में हर पंचायत में गौशाला खोलने की बात कही है. इसके अलावा गुजरात की भाजपा सरकार ने भी गाय से जुड़े धार्मिक और आर्थिक पहलुओं से लोगों को अवगत कराने के लिए गाय पर्यटक परियोजना की शुरुआत की है. इसके अलावा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी गोसेवा करने के लिए जाने जाते हैं.
कुल मिलाकर भाजपा और गाय का रिश्ता नया नहीं है. और केंद्र में भाजपा सरकार के आने के बाद से गौरक्षकों की फौज भी कई राज्यों में देखने को मिल जाती है. हालांकि भाजपा सरकारों पर यह भी आरोप लगते रहे हैं कि उनकी सरकार में गोरक्षकों के उत्पात में वृद्धि आई है. अब फिर से बात तेलंगाना की करें तो यहां भाजपा मुख्य लड़ाई में नहीं है, मुख्य लड़ाई सत्तासीन तेलंगाना राष्ट्र समिति और कांग्रेस टीडीपी गठबंधन के बीच ही है. हालांकि भाजपा तीसरी शक्ति के रूप में उभर सकती है, और ऐसे में अगर-मगर की स्थिति में भाजपा गठबंधन में सरकार भी बना सकती है. अपने इसी स्थिति को बेहतर करने के लिए भाजपा गाय के सहारे मैदान में है. हालांकि गाय भाजपा को तेलंगाना की चुनावी वैतरणी पार करा पाएगी ऐसा लगता नहीं है, मगर फिर भी भारतीय राजनीति में असंभव जैसा कुछ भी नहीं है. ऐसे में 11 दिसंबर को यह देखना दिलचस्प होगा कि गाय तेलंगाना में भाजपा को कितनी दूर ले जा पाती है.
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