उत्तर-पूर्व के कुछ राज्यों को आयकर में दी गई छूट अब कालाधन ठिकाने लगाने वालों के लिए ऐसा गलियारा बन गई है, जहां आसानी से पुराने 500 और 1000 रु. के नोट ठिकाने लगाए जा सकते हैं. यह छूट मिली थी आदिवासियों को, लेकिन इसका फायदा वे अरबपति उठा रहे हैं, जो चार्टर्ड प्लेन से अपना पैसा इन राज्यों में पहुंचा सकें. ताजा मामला नगालैंड में गायब हुए साढ़े तीन करोड़ रु. का है.
उत्तर-पूर्व के कुछ राज्यों में आसानी से पुराने 500 और 1000 रु. के नोट ठिकाने लगाए जा सकते हैं. |
पूर्वोत्तर के राज्यों नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, मणिपुर और त्रिपुरा के अलावा सिक्किम में पुराने नोटों की आवक अचानक बढ़ गई है. कुछ दिनों पहले एक व्यक्ति करीब 3.5 करोड़ की रकम के साथ दीमापुर में एयरपोर्ट पर गिरफ्तार हुआ था. हिसार से एक चार्टर्ड प्लेन में यहां पहुंचा यह पैसा किसका है, यह अब भी रहस्य है. लेकिन ताजा खबरों के मुताबिक नागा व्यापारी अंटाओ झिमोमी को आयकर छूट की वजह से वापस कर दी गई. अंटाओ झिमोमी नागालैंड से एकमात्र सांसद नेफियो रियो के दामाद हैं. खास बात ये है कि रियो केंद्र में भाजपा सरकार को समर्थन दे रहे हैं.
पूर्वोत्तर राज्य क्यों इन काली कमाई को सफेद करने वालों के लिए बेहतरीन जगह बने हुए हैं, इसकी वजह है डायरेक्ट टैक्स एक्ट के सेक्शन 10(26) में मिली छूट. जिसके मुताबिक 5 राज्यों -नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, मणिपुर, मिजोरम और सिक्किम- के आदिवासी समुदायों को आयकर नियमों में विशेष राहत है. इसके लिए दो शर्तें हैं-
पहला, तो व्यक्ति खास आदिवासी समुदाय से जुड़ा होना चाहिए.
दूसरा, व्यक्ति को इन्हीं छह राज्यों में...
उत्तर-पूर्व के कुछ राज्यों को आयकर में दी गई छूट अब कालाधन ठिकाने लगाने वालों के लिए ऐसा गलियारा बन गई है, जहां आसानी से पुराने 500 और 1000 रु. के नोट ठिकाने लगाए जा सकते हैं. यह छूट मिली थी आदिवासियों को, लेकिन इसका फायदा वे अरबपति उठा रहे हैं, जो चार्टर्ड प्लेन से अपना पैसा इन राज्यों में पहुंचा सकें. ताजा मामला नगालैंड में गायब हुए साढ़े तीन करोड़ रु. का है.
उत्तर-पूर्व के कुछ राज्यों में आसानी से पुराने 500 और 1000 रु. के नोट ठिकाने लगाए जा सकते हैं. |
पूर्वोत्तर के राज्यों नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, मणिपुर और त्रिपुरा के अलावा सिक्किम में पुराने नोटों की आवक अचानक बढ़ गई है. कुछ दिनों पहले एक व्यक्ति करीब 3.5 करोड़ की रकम के साथ दीमापुर में एयरपोर्ट पर गिरफ्तार हुआ था. हिसार से एक चार्टर्ड प्लेन में यहां पहुंचा यह पैसा किसका है, यह अब भी रहस्य है. लेकिन ताजा खबरों के मुताबिक नागा व्यापारी अंटाओ झिमोमी को आयकर छूट की वजह से वापस कर दी गई. अंटाओ झिमोमी नागालैंड से एकमात्र सांसद नेफियो रियो के दामाद हैं. खास बात ये है कि रियो केंद्र में भाजपा सरकार को समर्थन दे रहे हैं.
पूर्वोत्तर राज्य क्यों इन काली कमाई को सफेद करने वालों के लिए बेहतरीन जगह बने हुए हैं, इसकी वजह है डायरेक्ट टैक्स एक्ट के सेक्शन 10(26) में मिली छूट. जिसके मुताबिक 5 राज्यों -नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, मणिपुर, मिजोरम और सिक्किम- के आदिवासी समुदायों को आयकर नियमों में विशेष राहत है. इसके लिए दो शर्तें हैं-
पहला, तो व्यक्ति खास आदिवासी समुदाय से जुड़ा होना चाहिए.
दूसरा, व्यक्ति को इन्हीं छह राज्यों में कहीं नौकरीपेशा होना चाहिए.
ये भी पढ़ें- इन 7 तरीकों से फिर भी सफेद होता रहेगा काला धन
जिन लोगों को सिक्कमी श्रेणी में रखा गया है, उन्हें भी खास छूट हासिल है. 1975 से पूर्व वहां के निवासियों को आयकर अदा नहीं करना होता है. मतलब कि वहां किसी के पास कितना पैसा है, उसे उजागर करने की कोई बंदिश नहीं है. लेकिन नोटबंदी के फैसले के बाद नजारा बदल गया है.
इन राज्यों का कोई भी मूल शख्स अगर डिविडेंड या सरकारी प्रतिभूतियों के जरिए कमाई करता है तो उसे आयकर नहीं देना होगा. लेकिन इसी छूट का अब काले धन के कुबेर 500-1000 के पुराने नोटों को सफेद बनाने में जुट गए हैं.
काले धनकुबेरों का ध्यान असम के नॉर्थ कछार हिल्स, मिकिर हिल्स मिजोरम में गारो, खासी जयंतिया हिल्स और जम्मू-कश्मीर में लद्दाख इलाके में लोगों पर गया है.
अब इन राज्यों में हाल यह है कि वैसे तो यहां के बैंकों और एटीएम में लाइन लगने जैसी कोई स्थिति नहीं है, लेकिन जो भी भीड़ है वह सीमावर्ती राज्यों से भेजे जा रहे कालेधन को सफेद करने वालों की है.
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.