देश की राजनीति में कोई छोटी घटना हो या बड़ी, अक्सर फिल्मी सितारों की प्रतिक्रिया जरूर आती है. और न्यूज चैनल उस पर घंटों बहस भी कर डालते हैं. जाहिर है फैन भी इससे प्रभावित होते हैं, तो बहुत से उसे लेकर कई दिनों तक बहस करते रहते हैं. लेकिन क्या वाकई ये प्रतिक्रिया उनकी अपनी होती है? कभी आपने ये सोचा है कि बहुत से फिल्मी सितारे किसी राजनीतिक पार्टी का एजेंडा फैलाने यानी किसी राजनीतिक पार्टी के प्रोपेगेंडा के लिए भी कोई प्रतिक्रिया दे सकते हैं? अब अगर कहा जाए कि प्रोपेगेंडा करने के बदले वो पैसे भी कमाते हैं तो आप क्या कहेंगे? बेशक इन बातों पर बिना किसी सबूत के कोई यकीन नहीं करेगा. लोगों को यही यकीन दिलाने के लिए कोबरापोस्ट ने एक स्टिंग ऑपरेशन 'कराओके' (Cobra Post Sting Operation 'Karaoke') किया और जो बातें सामने आईं, वो हैरान करने वाली हैं.
कोबरापोस्ट के पत्रकारों ने बहुत सारी फिल्मी हस्तियों से एक स्टिंग ऑपरेशन के तहत मुलाकात की. पत्रकारों ने खुद को पीआर एजेंसी का बताया और सभी को ये यकीन दिलाया कि वह किसी राजनीतिक पार्टी के प्रचार प्रसार के लिए काम कर रहे हैं. सभी फिल्मी हस्तियों को उनके सोशल मीडिया अकाउंट पर पार्टी के एजेंडे को प्रमोट करने का ऑफर दिया गया और साथ ही पैसे भी देने की पेशकश की. इनमें से करीब 36 फिल्मी हस्तियां पैसे के बदले ये प्रोपेगंडा करने को तैयार हो गईं. किसी ने प्रति मैसेज 2 लाख मांगे, तो किसी को एक मैसेज के बदले 50 लाख चाहिए थे. राजनीतिक दलों पर फिल्मी सितारों की जिस प्रतिक्रिया को अब तक लोग उनका अपना ओपीनियन समझते रहे थे, कोबरापोस्ट के एक स्टिंग ने ये साफ कर दिया है कि अधिकतर लोग पैसों के बदले वो सब लिखते हैं.
देश की राजनीति में कोई छोटी घटना हो या बड़ी, अक्सर फिल्मी सितारों की प्रतिक्रिया जरूर आती है. और न्यूज चैनल उस पर घंटों बहस भी कर डालते हैं. जाहिर है फैन भी इससे प्रभावित होते हैं, तो बहुत से उसे लेकर कई दिनों तक बहस करते रहते हैं. लेकिन क्या वाकई ये प्रतिक्रिया उनकी अपनी होती है? कभी आपने ये सोचा है कि बहुत से फिल्मी सितारे किसी राजनीतिक पार्टी का एजेंडा फैलाने यानी किसी राजनीतिक पार्टी के प्रोपेगेंडा के लिए भी कोई प्रतिक्रिया दे सकते हैं? अब अगर कहा जाए कि प्रोपेगेंडा करने के बदले वो पैसे भी कमाते हैं तो आप क्या कहेंगे? बेशक इन बातों पर बिना किसी सबूत के कोई यकीन नहीं करेगा. लोगों को यही यकीन दिलाने के लिए कोबरापोस्ट ने एक स्टिंग ऑपरेशन 'कराओके' (Cobra Post Sting Operation 'Karaoke') किया और जो बातें सामने आईं, वो हैरान करने वाली हैं.
कोबरापोस्ट के पत्रकारों ने बहुत सारी फिल्मी हस्तियों से एक स्टिंग ऑपरेशन के तहत मुलाकात की. पत्रकारों ने खुद को पीआर एजेंसी का बताया और सभी को ये यकीन दिलाया कि वह किसी राजनीतिक पार्टी के प्रचार प्रसार के लिए काम कर रहे हैं. सभी फिल्मी हस्तियों को उनके सोशल मीडिया अकाउंट पर पार्टी के एजेंडे को प्रमोट करने का ऑफर दिया गया और साथ ही पैसे भी देने की पेशकश की. इनमें से करीब 36 फिल्मी हस्तियां पैसे के बदले ये प्रोपेगंडा करने को तैयार हो गईं. किसी ने प्रति मैसेज 2 लाख मांगे, तो किसी को एक मैसेज के बदले 50 लाख चाहिए थे. राजनीतिक दलों पर फिल्मी सितारों की जिस प्रतिक्रिया को अब तक लोग उनका अपना ओपीनियन समझते रहे थे, कोबरापोस्ट के एक स्टिंग ने ये साफ कर दिया है कि अधिकतर लोग पैसों के बदले वो सब लिखते हैं.
इसे प्रतिक्रिया नहीं प्रोपेगेंडा कहिए!
लोकसभा चुनाव सिर पर हैं और इस समय अगर फिल्मी हस्तियां अपने अकाउंट पर उनका प्रचार-प्रसार करना शुरू कर दें, तो इसका फायदा बेशक ही राजनीतिक दलों तो मिलेगा. पहला तो इन फिल्मी सितारों के अकाउंट पर लाखों फॉलोअर हैं और दूसरा इनकी अपनी पब्लिक इमेज के चलते भी लोग इनके ओपीनियन से प्रभावित होंगे. लोकसभा चुनाव में इस तरह किसी पार्टी की हवा बनाना कितना अहम है, ये बात फिल्मी सितारे भी समझते हैं. तभी को एक मैसेज के लिए 2-50 लाख तक की रकम मांगी जा रही है. जब पैसे लेकर अपना ओपीनियन या फिर अपनी प्रतिक्रिया दी जा रही है तो फिर इसे तो प्रोपेगेंडा ही कहना चाहिए. ऐसा प्रोपेगेंडा करने वालों में से 36 के नाम तो कोबरापोस्ट ने जगजाहिर कर ही दिए हैं.
क्या साबुन-तेल और क्या राजनीतिक दल!
इस स्टिंग ऑपरेशन से ये साफ हो जाता है जिस तरह फिल्मी हस्तियां बिना जांच-परखे साबुन, तेल, कंधी, मैगी, शराब, सिगरेट, कोका कोला, बीमा पॉलिसी जैसी चीजें खुलेआम बेचते हैं, उसी तरह वह राजनीतिक पार्टियों का प्रचार भी करने लगे हैं. ये भी नहीं सोचा कि लोग उनकी राजनीतिक प्रतिक्रियाओं को उनकी निजी राय मानते हैं, ना कि प्रायोजित राय. उनकी एक राय से चुनावों के दौरान वोटों में कितनी उठा-पटक हो सकती है, ये जानते हुए भी वह पैसे लेकर किसी भी पार्टी के लिए झूठ तक बोलने को तैयार हैं. फिल्मी सितारे जताते तो यूं हैं, जैसे वह उनकी खुद की राय है, लेकिन चुपके से किसी एजेंसी या पार्टी से पैसे ले लेती हैं. इस स्टिंग ऑपरेशन ने फिल्मी सितारों के दोहरे चरित्र को सामने ला दिया है.
फिल्मी सितारों के दोहरे चरित्र का सबसे अच्छा उदाहरण हैं महिमा चौधरी, जिन्हें पैसे के अलावा किसी और चीज से मतलब नहीं. स्टिंग कर रहे पत्रकारों ने उन्हें पहले ही बता दिया कि वह दरअसल उनके सोशल मीडिया अकाउंट को राजनीतिक फायदे और चुनाव के दौरान ध्रुवीकरण करना चाहते हैं. इस पर महिमा ने साफ कहा कि वो भाजपा के लिए इतना सारा झूठ बोलेंगी तो उसके लिए उन्हें मोटी रकम चाहिए और 1 करोड़ प्रति महीना मांग लिए. वो तो ये भी बोल बैठीं कि अगर कांग्रेस ज्यादा पैसे दे दे तो वो उनकी ओर से बोलेंगी. वो खुद ही कहती हैं कि वो समझती हैं कि लोगों का ब्रेनवॉश करना है. अब आप महिमा चौधरी का ये वीडियो देखिए खुद ही अंदाजा लगाइए कि इनके लिए क्या साबुन-तेल और क्या राजनीतिक दल?
पब्लिसिटी के लिए कुछ भी करने वाली राखी सावंत का स्टिंग देखकर आप हैरान रह जाएंगे. उन्होंने तो एक कदम आगे बढ़कर एक डेमो भी दे दिया कि वह कैसे अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर भाजपा की तारीफों के पुल बांधेंगी. वो तो यहां तक बोल पड़ीं कि पिछली बार 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हें राजनाथ सिंह ने हायर किया था. अब अगर राखी सावंत की बातों को सच मान लें तो आप आगे से किसी फिल्मी सितारे की प्रतिक्रिया पर भरोसा नहीं करेंगे.
सभी फिल्मी हस्तियां एक सी नहीं!
ऐसा नहीं है कि सभी सितारे पैसे लेकर प्रचार करने के लिए राजी हो गए. कोबरा पोस्ट के अनुसार उन्होंने विद्या बालन, अरशद वारसी, रज़ा मुराद और सौम्या टंडन को भी ये ऑफर दिया, लेकिन वह अपने ओपीनियन के अलावा और कुछ भी बोलने-लिखने के लिए तैयार नहीं हुए और उनके ऑफर को ठुकरा दिया. इन्होंने भले ही कुछ पैसे गंवा दिए, लेकिन अपने फैन्स के दिल जीत लिए और कुछ नए फैन भी बनना तय ही समझिए. ट्विटर पर जहां 36 फिल्मी सितारे आलोचनाओं के तीर झेल रहे हैं, वहीं इन 4 सितारों के लिए तारीफों के पुल बांधे जा रहे हैं. लोग ये कह कर तारीफ कर रहे हैं कि इन्होंने चंद पैसों के लिए अपनी आत्मा नहीं बेची.
कोबरापोस्ट का ये स्टिंग ऑपरेशन देखकर ये तो साफ है कि इसकी तैयारी करीब साल भर पहले शुरू हुई थी और लोकसभा चुनाव के तहत 8-10 महीने तक लगातार प्रोपेगेंडा करना था. इस स्टिंग में अधिकतर फिल्मी सितारों का रवैया देखकर ये साफ हो जाता है कि किसी भी मुद्दे पर राजनीतिक गर्माते ही इनके जो ट्वीट और वीडियो आते हैं, उनकी कोई विश्वसनीयता नहीं होती. जैसे ही कोई फिल्मी हस्ती एक ट्वीट करती है वैसे ही उसे लेकर बहस छिड़ जाती है. पूरा देश कई-कई दिनों और कई बार तो महीनों तक बहस करता है, लेकिन कोबरापोस्ट का स्टिंग साफ कर रहा है कि किस तरह जनता को गुमराह किया जाता है और फिल्मी हस्तियां पैसों के लिए कुछ भी कहने को तैयार हो जाती हैं.
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