महाराष्ट्र में जिस तरह से सीएम उद्धव ठाकरे की महाविकास आघाड़ी सरकार पर सियासी संकट गहराया था. और, उद्धव ठाकरे को उनकी ही पार्टी शिवसेना के विधायकों की बगावत के चलते मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ गई थी. ठीक वैसा ही मामला ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के साथ भी हुआ है. बोरिस जॉनसन ने ब्रिटेन के पीएम पद से इस्तीफा दे दिया है. क्योंकि, बोरिस जॉनसन की कंजर्वेटिव पार्टी के मंत्रियों और सांसदों के उनके खिलाफ बगावत कर दी थी. हालांकि, बोरिस जॉनसन अपनी कुर्सी बचाने के लिए हर तरह की जुगत लगा रहे थे. लेकिन, वो उनकी अपनी ही कंजर्वेटिव पार्टी के दबाव के आगे काम नहीं आया. वहीं, बोरिस जॉनसन के खिलाफ बगावत का आलम ये था कि उनकी सरकार से दो दिनों के अंदर 40 से ज्यादा इस्तीफे दे दिये गए थे. जिसकी शुरुआत वित्त मंत्री ऋषि सुनक और स्वास्थ्य मंत्री साजिद जाविद के इस्तीफे से हुई थी.
वित्त मंत्री ऋषि सुनक और स्वास्थ्य मंत्री साजिद जाविद ने बोरिस जॉनसन के नेतृत्व को भरोसेमंद न बताते हुए इस्तीफा दिया था. जिसकी वजह से जॉनसन की विश्वसनीयता ही संदिग्ध हो गई थी. ऋषि सुनक ने बोरिस पर आरोप लगाते हुए कहा था कि लोग सरकार से उम्मीद करते हैं कि वो ठीक तरह से काम करेगी. वहीं, साजिद जाविद ने बोरिस जॉनसन पर आरोप लगाया था कि सरकार राष्ट्र हित में काम नहीं कर रही है. इन दोनों इस्तीफों के बाद से ही बोरिस जॉनसन सरकार में इस्तीफों की ताबड़तोड़ झड़ी लग गई थी. खैर, अपनी ही पार्टी के मंत्रियों और सांसदों के दबाव से घिरे बोरिस जॉनसन ने आखिरकार पीएम पद से इस्तीफा दे दिया है. आसान शब्दों में कहा जाए, तो ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन को भी उद्धव ठाकरे बना दिया गया. आइए जानते हैं कि आखिर ये हुआ कैसे और क्यों...
महाराष्ट्र में जिस तरह से सीएम उद्धव ठाकरे की महाविकास आघाड़ी सरकार पर सियासी संकट गहराया था. और, उद्धव ठाकरे को उनकी ही पार्टी शिवसेना के विधायकों की बगावत के चलते मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ गई थी. ठीक वैसा ही मामला ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के साथ भी हुआ है. बोरिस जॉनसन ने ब्रिटेन के पीएम पद से इस्तीफा दे दिया है. क्योंकि, बोरिस जॉनसन की कंजर्वेटिव पार्टी के मंत्रियों और सांसदों के उनके खिलाफ बगावत कर दी थी. हालांकि, बोरिस जॉनसन अपनी कुर्सी बचाने के लिए हर तरह की जुगत लगा रहे थे. लेकिन, वो उनकी अपनी ही कंजर्वेटिव पार्टी के दबाव के आगे काम नहीं आया. वहीं, बोरिस जॉनसन के खिलाफ बगावत का आलम ये था कि उनकी सरकार से दो दिनों के अंदर 40 से ज्यादा इस्तीफे दे दिये गए थे. जिसकी शुरुआत वित्त मंत्री ऋषि सुनक और स्वास्थ्य मंत्री साजिद जाविद के इस्तीफे से हुई थी.
वित्त मंत्री ऋषि सुनक और स्वास्थ्य मंत्री साजिद जाविद ने बोरिस जॉनसन के नेतृत्व को भरोसेमंद न बताते हुए इस्तीफा दिया था. जिसकी वजह से जॉनसन की विश्वसनीयता ही संदिग्ध हो गई थी. ऋषि सुनक ने बोरिस पर आरोप लगाते हुए कहा था कि लोग सरकार से उम्मीद करते हैं कि वो ठीक तरह से काम करेगी. वहीं, साजिद जाविद ने बोरिस जॉनसन पर आरोप लगाया था कि सरकार राष्ट्र हित में काम नहीं कर रही है. इन दोनों इस्तीफों के बाद से ही बोरिस जॉनसन सरकार में इस्तीफों की ताबड़तोड़ झड़ी लग गई थी. खैर, अपनी ही पार्टी के मंत्रियों और सांसदों के दबाव से घिरे बोरिस जॉनसन ने आखिरकार पीएम पद से इस्तीफा दे दिया है. आसान शब्दों में कहा जाए, तो ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन को भी उद्धव ठाकरे बना दिया गया. आइए जानते हैं कि आखिर ये हुआ कैसे और क्यों...
बोरिस के खिलाफ क्यों हुई बगावत?
- बोरिस जॉनसन की सरकार के खिलाफ बगावत के पीछे भी महाराष्ट्र की तरह ही एक 'संजय राउत' ही थे. इस बगावत की जड़ क्रिस पिंचर थे. क्योंकि, ये बगावत क्रिस पिंचर की इसी साल फरवरी में कंजर्वेटिव पार्टी के डिप्टी चीफ व्हिप के तौर पर की गई नियुक्ति से जुड़ी हुई है. दरअसल, क्रिस पिंचर पर सेक्स स्कैंडल में फंसे थे.
- 30 जून को ब्रिटिश अखबार 'द सन' की एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि क्रिस पिंचर ने लंदन के एक क्लब में दो युवकों को आपत्तिजनक तरीके से छुआ था. हालांकि, इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद क्रिस पिंचर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. लेकिन, सारा विवाद इस बात पर था कि ये जानते हुए भी कि क्रिस पिंचर पर यौन शोषण के आरोप हैं, बोरिस जॉनसन ने उन्हें कंजर्वेटिव पार्टी का डिप्टी चीफ व्हिप बना दिया.
- कंजर्वेटिव पार्टी के सांसदों और मंत्रियों ने बोरिस जॉनसन पर आरोप लगाया था कि जॉनसन ने क्रिस पिंचर पर लगे आरोपों की जानकारी के बावजूद उन्हें नियुक्ति दी. वहीं, 1 जुलाई को सरकार की ओर से कहा गया कि पीएम बोरिस जॉनसन को इन आरोपों के बारे में नहीं पता था. जिसके बाद कंजर्वेटिव पार्टी के मंत्रियों और सांसदों ने बोरिस जॉनसन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया.
- इस अंदरुनी बगावत के बीच 4 जुलाई को सरकार की ओर से एक दूसरा बयान आया. जिसमें कहा गया था कि बोरिस जॉनसन को क्रिस पिंचर पर लगे आरोपों के बारे में पता था. लेकिन, आरोप साबित नहीं हुए थे. तो, नियुक्ति करना गलत नही था. इस बयान के बाद बगावत की आग और तेजी से भड़क गई. क्योंकि, पिंचर पर पहले भी यौन दुराचार के आरोप लगते रहे हैं. और, इसको जानने के बावजूद बोरिस जॉनसन ने क्रिस पिंचर पर कोई कार्रवाई नही की.
- 5 जुलाई को वित्त मंत्री ऋषि सुनक और स्वास्थ्य मंत्री साजिद जाविद ने जॉनसन सरकार में अपने पदों से इस्तीफा दे दिया. और, उनके इस्तीफे के बाद दो दिनों के अंदर ही 40 से ज्यादा नेताओं और मंत्रियों ने इस्तीफों की झड़ी लगा दी.
इस्तीफे के बाद अगला पीएम कौन?
लिखी सी बात है कि बोरिस जॉनसन के इस्तीफे के बाद ब्रिटेन को एक नया प्रधानमंत्री मिलने वाला है. और, ब्रिटेन के पीएम पद की रेस में ऋषि सुनक, ट्रेड मिनिस्टिर पेनी मॉर्डेंट, फॉरेन सेकेट्री लिज ट्रस के नाम सबसे आगे हैं. हालांकि, इन नामों से इतर डिफेंस सेकेट्री बेन वॉलेस, पूर्व स्वास्थ्य मंत्री साजिद जाविद, वर्तमान वित्त मंत्री नदीम जाहवी, माइकल गोव और जेरेमी हंट के नाम भी चर्चा में बने हुए हैं.
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