गुजरात चुनावों में भाजपा बैकफुट पर है. कांग्रेस के सफल रैलियों और पाटीदारों, दलितों, ओबीसी और समाज के निचले तबकों का कांग्रेस के साथ चले जाना भाजपा के गले की फांस गया है. साथ ही भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह पर भ्रष्टाचार के आरोप और राज्य के मुख्यमंत्री विजय रूपानी पर सेबी द्वारा धोखाधड़ी और अनैतिक तरीके से व्यापार करने के लिए फाइन लगाने के बाद पार्टी की स्थिति और बुरी हो गई है.
ऐसा लग रहा है जैसे सिर्फ "विकास" ही नहीं बल्कि पूरी भगवा गैंग ही "पागल" हो गई है. भाजपा हैरान है. पार्टी को हाथ से अपना गढ़ निकलता हुआ साफ दिख रहा है. पार्टी का थिंक टैंक सोचने में लगा है कि आखिर इस हार को जीत में कैसे बदलें. क्या करें कि नतीजा पक्ष में आए. और इन्हें एक ट्रिक सुझ गया. मेरे दोस्त बताते हैं कि गुजरात के गृहमंत्री रहते हुए अमित शाह ने जिस ट्रिक का इस्तेमाल किया था ये वही है. ये वही नेटवर्क है जिसके जरिए शाह अपने "साहेब" युवा लड़कियों का पीछा किया करते थे और जिसके कारण इशरत जहां के फेक इकाउंटर के मामले में उन्हें जेल की हवा भी खानी पड़ी थी.
नतीजा: एक "सेक्स सीडी" जारी होती है जिसमें पाटीदार नेता हार्दिक पटेल को होटल के एक कमरे में एक महिला के साथ दिखाया जाता है.
लेकिन एक बात को बीजेपी के नेता समझ पाने में नाकाम रहे कि पटेल युवा हैं और कुंवारे भी. साथ ही खुद पटेल के शब्दों में कहें तो "नपुंसक" भी नहीं हैं. वो जिसके साथ चाहे सेक्स कर सकते हैं क्योंकि हमारे यहां सेक्स न करने का कोई कानून नहीं है. ये कोई मुद्दा ही नहीं है. लेकिन फिर भी पटेल, बीजेपी कैंप के खिलाफ खड़े हुए और सीडी में अपने होने की बात से इंकार करते हुए कहा कि चीजें ठीक वैसी ही हो रही हैं जैसा होने की उन्होंने भविष्यवाणी की थी.
गुजरात चुनावों में भाजपा बैकफुट पर है. कांग्रेस के सफल रैलियों और पाटीदारों, दलितों, ओबीसी और समाज के निचले तबकों का कांग्रेस के साथ चले जाना भाजपा के गले की फांस गया है. साथ ही भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह पर भ्रष्टाचार के आरोप और राज्य के मुख्यमंत्री विजय रूपानी पर सेबी द्वारा धोखाधड़ी और अनैतिक तरीके से व्यापार करने के लिए फाइन लगाने के बाद पार्टी की स्थिति और बुरी हो गई है.
ऐसा लग रहा है जैसे सिर्फ "विकास" ही नहीं बल्कि पूरी भगवा गैंग ही "पागल" हो गई है. भाजपा हैरान है. पार्टी को हाथ से अपना गढ़ निकलता हुआ साफ दिख रहा है. पार्टी का थिंक टैंक सोचने में लगा है कि आखिर इस हार को जीत में कैसे बदलें. क्या करें कि नतीजा पक्ष में आए. और इन्हें एक ट्रिक सुझ गया. मेरे दोस्त बताते हैं कि गुजरात के गृहमंत्री रहते हुए अमित शाह ने जिस ट्रिक का इस्तेमाल किया था ये वही है. ये वही नेटवर्क है जिसके जरिए शाह अपने "साहेब" युवा लड़कियों का पीछा किया करते थे और जिसके कारण इशरत जहां के फेक इकाउंटर के मामले में उन्हें जेल की हवा भी खानी पड़ी थी.
नतीजा: एक "सेक्स सीडी" जारी होती है जिसमें पाटीदार नेता हार्दिक पटेल को होटल के एक कमरे में एक महिला के साथ दिखाया जाता है.
लेकिन एक बात को बीजेपी के नेता समझ पाने में नाकाम रहे कि पटेल युवा हैं और कुंवारे भी. साथ ही खुद पटेल के शब्दों में कहें तो "नपुंसक" भी नहीं हैं. वो जिसके साथ चाहे सेक्स कर सकते हैं क्योंकि हमारे यहां सेक्स न करने का कोई कानून नहीं है. ये कोई मुद्दा ही नहीं है. लेकिन फिर भी पटेल, बीजेपी कैंप के खिलाफ खड़े हुए और सीडी में अपने होने की बात से इंकार करते हुए कहा कि चीजें ठीक वैसी ही हो रही हैं जैसा होने की उन्होंने भविष्यवाणी की थी.
बीजेपी के जले पर नमक छिड़कने के लिए एक और वीडियो वायरल हो गया. इसमें जिस आदमी ने "सेक्स सीडी" जारी की थी उसे उसे गुजरात के राष्ट्रीय सचिव और मोदी सरकार में मंत्री मनसुख मांडवीय के साथ दिखाया गया. इससे साफ जाहिर होता है कि "सेक्स सीडी" जारी होने में सीधा-सीधा बीजेपी का हाथ है.
पटेल की निजी जिंदगी पर किसी का कोई हक नहीं है. "सेक्स सीडी" जारी करके उनकी निजता का हनन किया गया है. पटेल चाहें तो सीडी लीक करने वाले पर मानहानि का मुकदमा दायर कर सकते हैं. और सार्वजनिक तौर पर सीडी को भाजपा के मंत्री मांडवीय से जोड़ सकते हैं.
इस पूरे घटनाक्रम से साफ जाहिर होता है कि गुजरात और केंद्र का भाजपा नेतृत्व विपरीत परिस्थितियों को झेलने के लिए तैयार नहीं है. जैसे ही उनके सामने विकट परिस्थितियां आती हैं वो बचकानी हरकतों पर उतर आते हैं. पार्टी के दिवालियापन की मिसाल ये है कि जब दूसरी सीडी सामने आई तो खुद मांडवीय ने इसमें पार्टी का हाथ होने से इंकार किया. लेकिन कोई इनकी बात नहीं मानेगा ये तय है.
यहां तक की राहुल गांधी, अल्पेश ठाकोर और जिग्नेश मेवानी सभी ने पटेल का समर्थन किया है और भाजपा पर "गंदी राजनीति" करने का इल्जाम लगाया है. साफ है सीडी जारी करने के पीछे का मंसूबा पूरा नहीं हो पाया. चारों नेता एकजुट ही रहे और भाजपा को उखाड़ फेंकने के लिए और मजबूती से खड़े हो गए हैं.
राहुल गांधी ने भाजपा पर सीधा हमला करते हुए कहा कि भाजपा पाटीदारों की आवाज को दबाने का प्रयास कर रही है. वहीं दलित नेता जिग्नेश मेवानी ने सेक्स को मौलिक अधिकार बता दिया. उधर ओबीसी नेता ठाकोर ने कहा कि फेक सीडी भी गुजरात में भाजपा को नहीं बचा सकती. चारों विपक्षी नेताओं की इस एकजुटता ने भाजपा की मिट्टी पलीद कर दी.
नोट- गुजरात बीजेपी ने एक अन्य वीडियो जारी करके पटेल को "शराब" पीते हुए दिखाया जिसमें एक औरत भी उनके साथ है. इस वीडियो में पटेल ने सिर के बाल मुड़वाए हुए थे. इस वीडियो को जारी करने के पीछे का आइडिया बेहद बचकाना था. प्रोड्यूसर ने पटेल को ड्राई स्टेट में शराब पीते हुए दिखाकर बदनाम करने की कोशिश की गई थी. इसके साथ ही पहली सीडी को फेक साबित कर दिया क्योंकि जब ये सीडी बनी थी तब पटेल ने मोदी के गुजरात दौरे के विरोध में सिर मुंडवा रखा था.
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