पहले NRC, फिर CAA और फिर NPR. पिछले दिनों में इन तीनों का ही खूब विरोध हुआ, जो अब तक चल रहा है. कई जगहों पर तो हिंसा तक हुई, जिसमें कई लोगों की जान तक चली गई. सार्वजनिक संपत्ति को भी काफी नुकसान पहुंचाया गया. NRC-CAA protest अब तक तो सीधे सरकार (Modi Government) के खिलाफ थे और इससे किसी विभाग के कर्मचारियों पर आंच नहीं आ रही थी, लेकिन अब धीरे-धीरे इन प्रदर्शनों के साइड इफेक्ट (CAA-NRC-NPR Protest Side Effects) दिखने लगे हैं. कहीं सर्वे करने वाले कर्मचारी पीटे जा रहे हैं, तो कहीं पोलियो पिलाने वालों को NRC के तहत डेटा जमा करने वाला समझा जा रहा है. बता दें कि NPR के तहत घर-घर जाकर लोगों का डेटा जमा किया जाना है और इसके विरोध के दौरान ये कहा गया था कि सरकार इसके जरिए NRC लाने की योजना बना रही है. वैसे किरन रिजिजू कई बार ये कह चुके हैं कि NRC लाने का पहला कदम है NPR. उनका बयान अब भाजपा पर तो भारी पड़ ही रहा है, जनता के बीच में तमाम अफवाहों की वजह भी बन गया है.
जिसका डर था, वही हुआ
जब NRC, CAA और NPR को लेकर लोगों में कंफ्यूजन बना, तभी से ये डर भी पैदा हो गया था कि ये कंफ्यूजन एक दिन अफवाहों का रूप ले सकता है. अब देश के अलग-अलग हिस्सों से पोलियो पिलाने वाले या आर्थिक सर्वे करने वालों से मारपीट की जो खबरें सामने आ रही हैं, वह ये दिखाती हैं कि अफवाहें फैलना शुरू हो चुकी हैं. इसी बीच जनगणना भी होनी है, जिसके तहत पूरे देश में कर्मचारी घर-घर जाकर आंकड़े जमा करते हैं. जब लोगों के बीच में NPR और NRC को लेकर इतना कंफ्यूजन फैल गया है कि वह कोई भी जानकारी देने से डर रहे हैं और मारपीट पर उतारू हो जा रहे हैं, तो ऐसे में जनगणना कैसे होगी? सबसे बड़ा सवाल तो ये कि जनगणना के लिए आंकड़े जमा करने कौन जाएगा? पता नहीं कब कौन सी अफवाह फैल जाए और किधर से भीड़ आकर जान ले ले.
CAA-NRC-NPR को लेकर फैले कंफ्यूजन से अब अफवाहें पैदा होनी शुरू हो गई हैं.
उत्तर प्रदेश: पोलियो पिलाने वालों को पीटा
ताजा मामला शनिवार का है, जब उत्तर प्रदेश के मेरठ में पोलियो ड्रॉप पिलाने वाली एक टीम को लोगों ने NPR टीम का समझकर बंधक बना लिया और मारपीट की. दरअसल, ये टीम मेरठ के लिसाड़ी गेट के लखीपुरा गली-22 में ऐएक घर में बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाने गई थी. वहां पर एक घर के परिजनों ने बच्चे को पोलियो ड्रॉप पिलाने से मना कर दिया, जिसके बाद टीम ने उन बच्चों और परिजनों के नाम पूछे. आरोप है कि परिजनों ने नाम नहीं बताए, उल्टा गाली-गलौच करते हुए मारपीट शुरू कर दी. उनकी वैक्सीन छीन ली और सरकारी रजिस्टर तक फाड़ दिए. करीब घंटे भर ये सब हंगामा चला. आखिरकार स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने पहुंचकर लोगों को समझाया और पोलियो ड्रॉप पिलाने वाली टीम को वहां से सुरक्षित निकाला.
राजस्थान: कुरान की आयत सुनकर छोड़ा !
राजस्थान के कोटा में नजीरन राष्ट्रीय आर्थिक जनगणना 2019-2020 का डेटा जमा कर रही थीं. इसी बीच कुछ लोगों ने उन्हें NRC का सर्वे करने वाला समझ लिया और उन पर हमला बोल दिया. उनसे सारा डेटा डिलीट करने को कहा. यहां तक कि उनका फोन छीनकर उससे भी डेटा डिलीट कर दिया. नजीरन ने भीड़ को शांत करने के लिए कहा कि वह खुद एक मुस्लिम हैं. इस पर भीड़ ने उनसे कुरान की आयत सुनाने को कहा. जब नजीरन ने अपने पर्स में मौजूद अयात-अल-कुर्सी दिखाई, तब जाकर उन्हें छोड़ा गया. पुलिस ने इस मामले में एक आरोप को गिरफ्तार भी किया था.
पश्चिम बंगाल: महिला का घर जला दिया
NRC के सर्वे वाली महिला समझकर पश्चिम बंगाल के बीरभूम में एक महिला का घर ही जला दिया गया. 20 साल की छुमकी खातून गूगल इंडिया और टाटा ट्रस्ट्स की तरफ से ग्रामीण महिलाओं के डिजिटल साक्षरता अभियान से जुड़े आंकड़े जमा कर रही थीं. कुछ लोगों को लगा कि वह NRC के लिए डेटा इकट्ठा कर रही हैं. बस फिर क्या था. लोगों ने ना आव देखा ना ताव और महिला पर हमला कर दिया. इतना ही नहीं, लोगों ने उनके गौर बाजार स्थिति घर में भी आग लगा दी.
बिहार: रिसर्च कर रहे लोगों को पीट दिया
यूपी के लखनऊ से बिहार में एक टीम रिसर्च करने गई थी. 12 लोगों की इस टीम को अमेरिका के एक पीएचडी स्कॉलर ने रिसर्च प्रोजेक्ट पर भेजा था. जब ये टीम दरभंगा जिले के जमालपुर पुलिस थाने के इलाके के एक गांव में रिसर्च कर रही थी, उसी दौरान कुछ लोगों ने उन्हें NRC के लिए डेटा जमा करने वाला समझ लिया और उनसे मारपीट की. पुलिस तक वहां पहुंच गई और मामला तब जाकर शांत हुआ जब पुलिस स्टेशन में गांव वालों को उन अधिकारियों की पहचान को वेरिफाई कर के दिखाया गया.
हैदराबाद: पोलियो की दवा पिलाने वालों से मारपीट
20-21 जनवरी के दौरान हैदराबाद के गोलकोंडा और मुशीरबाग इलाकों से भी पोलियो ड्रॉप पिलाने वालों से मारपीट की खबरें सामने आई हैं. हैदराबाद में पोलियो प्रोग्राम के अधिकारी नागार्जुन राव ने बताया कि हर बार पोलियो बूथ के बाद उनकी टीम गांव-गांव जाकर उन बच्चों को पोलियो की दवा पिलाती है, जो बूथ पर किसी वजह से नहीं जा सके. इस बार भी उनकी टीम गांव-गांव गई, लेकिन कई मुस्लिम इलाकों में लोगों ने पोलियो की दवा पिलाने और किसी का भी नाम बताने से मना कर दिया. उन्होंने बताया कि कई इलाकों में तो पोलियो ड्रॉप पिलाने वालों से मारपीट भी की गई और पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करने की धमकी भी दी गई.
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